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Rohtas News: 26 साल पहले गोलियों से भून डाला था.. अब तीन दोषियों को उम्र कैद

बिहार के रोहतास में सासाराम व्यवहार न्यायालय ने 3 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई और 10 लोगों को रिहा किया है. मामला अभी से 26 साल पुराने हत्याकांड से जुड़ा है. जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी. मामले में 20 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 18, 2023, 10:20 PM IST

सासाराम व्यवहार न्यायालय
सासाराम व्यवहार न्यायालय

रोहतास: बिहार के रोहतास में सासाराम व्यवहार न्यायालय ने हत्या के एक मामले में तीन दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. बताया जाता है कि हत्याकांड मामले में 26 साल बाद यह फैसला आया है. मंगलवार को सासाराम में ADJ-19 की अदालत ने सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामले में 7 लोगों का निधन हो गई है. बाकी बचे 10 अभियुक्तों को कोर्ट ने रिहा कर दिया. जबकि 3 लोगों को दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है. साथ ही 50 पचास हजार की सभी को जुर्माना भी लगाया है.


ये भी पढ़ें : Rohtas News: 6 साल पुराने हत्याकांड में दो दोषी को आजीवन कारावास, घर से बुलाकर मारी थी गोली

10 अभियुक्तों को किया रिहा : हत्याकांड में मृतक सत्येंद्र सिंह का भाई अरुण कुमार ने ही इस केस में पीड़ित पक्ष से पैरवी की. केस के अधिवक्ता अरुण कुमार ने बताया कि उनकी आंखों के सामने विश्वनाथ सिंह तथा हनुमान सिंह के ललकारने पर राजू सिंह ने कट्टे से उनके बड़े भाई सतेंद्र सिंह की हत्या कर दी थी. जिस मामले में 20 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था.उन्होंने बताया कि उसमें 7 लोगों का निधन हो गई है.

महाशिवरात्रि के दिन हुई थी हत्या: बता दें कि 7 मार्च 1997 को करगहर के बभनी में सतेंद्र सिंह नामक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. बताया जाता है कि उस दिन महाशिवरात्रि थी तथा जब महाशिवरात्रि का मेला लगा हुआ था, उसी दौरान पूजा पाठ कर अपने परिवार के साथ लौट रहे सतेंद्र सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी गई थी. जिसमें सतेंद्र सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी. इस मामले में 26 साल के बाद कोर्ट का फैसला आया है.

रोहतास: बिहार के रोहतास में सासाराम व्यवहार न्यायालय ने हत्या के एक मामले में तीन दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. बताया जाता है कि हत्याकांड मामले में 26 साल बाद यह फैसला आया है. मंगलवार को सासाराम में ADJ-19 की अदालत ने सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामले में 7 लोगों का निधन हो गई है. बाकी बचे 10 अभियुक्तों को कोर्ट ने रिहा कर दिया. जबकि 3 लोगों को दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है. साथ ही 50 पचास हजार की सभी को जुर्माना भी लगाया है.


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10 अभियुक्तों को किया रिहा : हत्याकांड में मृतक सत्येंद्र सिंह का भाई अरुण कुमार ने ही इस केस में पीड़ित पक्ष से पैरवी की. केस के अधिवक्ता अरुण कुमार ने बताया कि उनकी आंखों के सामने विश्वनाथ सिंह तथा हनुमान सिंह के ललकारने पर राजू सिंह ने कट्टे से उनके बड़े भाई सतेंद्र सिंह की हत्या कर दी थी. जिस मामले में 20 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था.उन्होंने बताया कि उसमें 7 लोगों का निधन हो गई है.

महाशिवरात्रि के दिन हुई थी हत्या: बता दें कि 7 मार्च 1997 को करगहर के बभनी में सतेंद्र सिंह नामक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. बताया जाता है कि उस दिन महाशिवरात्रि थी तथा जब महाशिवरात्रि का मेला लगा हुआ था, उसी दौरान पूजा पाठ कर अपने परिवार के साथ लौट रहे सतेंद्र सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी गई थी. जिसमें सतेंद्र सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी. इस मामले में 26 साल के बाद कोर्ट का फैसला आया है.

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