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रोहतास: भगवान भरोसे चल रहा मुफ्फसिल थाना, जान जोखिम में डाल ड्यूटी करते हैं पुलिसकर्मी - मुफ्फसिल थाना

मुफ्फसिल थाना में ना तो शौचालय है और ना ही स्नानघर. यहां का भवन भी जर्जर है. बरसात में हालत और ज्यादा खराब हो जाती है.

मुफस्सिल थाना,रोहतास
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Published : Aug 8, 2019, 5:07 PM IST

रोहतास: एक तरफ सरकार पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने की कवायद में जुटी है, तो वहीं जिले का मुफस्सिल थाना इन दिनों अपनी बदहाली की गवाही दे रहा है. दरअसल मुफस्सिल थाना में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. इस थाना में आम लोगों की सुरक्षा की बात छोड़िए, यहां जब्त सामान भी सुरक्षित नहीं है. क्योंकि इस थाना में न तो मालखाना है और ना ही हाजत.

इतना ही नहीं बल्कि थाना का भवन भी जर्जर है. इस थाने में जो भी कर्मचारी काम करते हैं. वे अपनी जान को जोखिम में डालकर अपने कर्तव्य निभा रहे हैं. थाना की छत भी कमजोर है तेज बारिश या तूफान में यह कब गिर जाए कोई पता नहीं. एसपी से लेकर डीआईजी तक को इस बारे में थाना ने बताया लेकिन किसी ने यहां की तस्वीर नहीं बदली.

मुफ्फसिल थाना

फाइलें भी नहीं हैं सुरक्षित
बरसात के दिनों में इस थाना का और भी बुरा हाल हो जाता है. बारिश के पानी से थाना के अंदर में जलजमाव हो जाता है. वहीं, दूसरी तरफ जर्जर भवन की छत से पानी भी टपकने लगता है. लिहाजा पानी टपकने से अंदर रखीं फाइलें भी भींग जाती हैं.

शौचालय और स्नानघर का अभाव
थाना परिसर में रहने वाले पुलिसकर्मियों की जिंदगी और भी बदतर है. थाना परिसर में शौचालय और स्नान घर नहीं है. पर्याप्त जगह नहीं होने की वजह से यहां जब्त किए गए वाहनों को सड़क के किनारे ही लगाना पड़ता है. जबकि थाना में जब्त वाहनों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि उसे रखने का अब जगह तक नहीं है.

रोहतास
मुफ्फसिल थाना की हालत

दूसरे थानों के भरोसे चलता है काम

गौरतलब है कि मुफस्सिल थाना का क्षेत्रफल इतना बड़ा है, कि 20 किलोमीटर से अधिक का दायरा आता है. जाहिर है जिसके कारण थाने की पुलिस को कांड की जांच के लिए विभिन्न गांवों तक जाना पड़ता है, लेकिन बंदी की गिरफ्तारी और कुर्की की कार्रवाई के लिए इन्हें अन्य थानों के भरोसे रहना पड़ता है.

सासाराम एसपी ने बताया
वहीं इस बारे में जब सासाराम एसपी राजेश कुमार से ईटीवी भारत ने पूछा, तो उन्होंने कहा कि थाना के लिए भवन की जमीन उपलब्ध हो गई है. जल्द ही नए भवन का निर्माण कर थाने को वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुफस्सिल थाना सासाराम के अमरा तालाब के पास बनाया जाएगा.

रोहतास: एक तरफ सरकार पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने की कवायद में जुटी है, तो वहीं जिले का मुफस्सिल थाना इन दिनों अपनी बदहाली की गवाही दे रहा है. दरअसल मुफस्सिल थाना में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. इस थाना में आम लोगों की सुरक्षा की बात छोड़िए, यहां जब्त सामान भी सुरक्षित नहीं है. क्योंकि इस थाना में न तो मालखाना है और ना ही हाजत.

इतना ही नहीं बल्कि थाना का भवन भी जर्जर है. इस थाने में जो भी कर्मचारी काम करते हैं. वे अपनी जान को जोखिम में डालकर अपने कर्तव्य निभा रहे हैं. थाना की छत भी कमजोर है तेज बारिश या तूफान में यह कब गिर जाए कोई पता नहीं. एसपी से लेकर डीआईजी तक को इस बारे में थाना ने बताया लेकिन किसी ने यहां की तस्वीर नहीं बदली.

मुफ्फसिल थाना

फाइलें भी नहीं हैं सुरक्षित
बरसात के दिनों में इस थाना का और भी बुरा हाल हो जाता है. बारिश के पानी से थाना के अंदर में जलजमाव हो जाता है. वहीं, दूसरी तरफ जर्जर भवन की छत से पानी भी टपकने लगता है. लिहाजा पानी टपकने से अंदर रखीं फाइलें भी भींग जाती हैं.

शौचालय और स्नानघर का अभाव
थाना परिसर में रहने वाले पुलिसकर्मियों की जिंदगी और भी बदतर है. थाना परिसर में शौचालय और स्नान घर नहीं है. पर्याप्त जगह नहीं होने की वजह से यहां जब्त किए गए वाहनों को सड़क के किनारे ही लगाना पड़ता है. जबकि थाना में जब्त वाहनों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि उसे रखने का अब जगह तक नहीं है.

रोहतास
मुफ्फसिल थाना की हालत

दूसरे थानों के भरोसे चलता है काम

गौरतलब है कि मुफस्सिल थाना का क्षेत्रफल इतना बड़ा है, कि 20 किलोमीटर से अधिक का दायरा आता है. जाहिर है जिसके कारण थाने की पुलिस को कांड की जांच के लिए विभिन्न गांवों तक जाना पड़ता है, लेकिन बंदी की गिरफ्तारी और कुर्की की कार्रवाई के लिए इन्हें अन्य थानों के भरोसे रहना पड़ता है.

सासाराम एसपी ने बताया
वहीं इस बारे में जब सासाराम एसपी राजेश कुमार से ईटीवी भारत ने पूछा, तो उन्होंने कहा कि थाना के लिए भवन की जमीन उपलब्ध हो गई है. जल्द ही नए भवन का निर्माण कर थाने को वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुफस्सिल थाना सासाराम के अमरा तालाब के पास बनाया जाएगा.

Intro:रोहतास। जिला मुख्यालय में मौजूद मुफस्सिल थाना इन दिनों बेहद खस्ताहाल में है। जहां बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी है।


Body:गौरतलब है कि जिले में कई ऐसे पुलिस थाने अभी हैं जहां पर सुविधाओं का घोर अभाव है। इन्हीं स्थानों में से एक सासाराम का मुफस्सिल थाना है जिसके पास ना तो सही सलामत हाजत है ना मलखाना। जर्जर भवन इस थाने की गवाही दे रही है कि इस थाने में जो भी कर्मी अपने काम को अंजाम दे रहे हैं वह अपनी जान को जोखिम में डालकर ही वह अपने कर्तव्य को निभा रहे हैं। हालांकि इस थाने में कई बार एसपी से लेकर डीआईजी तक ने हाजिरी लगाई है। उसके बावजूद थाने की तस्वीर जस की तस बनी हुई है। बरसात के दिनों में इस थाने का और भी बुरा हाल हो जाता है। जब बारिश का पानी पूरे थाने परिसर में जलजमाव के रूप में भर जाता है तो वहीं दूसरी तरफ जर्जर भवन की छत से पानी भी टपकने लगता है। नतीजा पानी टपकने से थाने की फाइल है पूरी तरह से भीग जाती है। थाना परिसर में रहने वाले पुलिसकर्मियों की जिंदगी और भी बदतर है। वह अपनी जान को जोखिम में डालकर बैरक में रहते हैं। सबसे अहम सवाल यह है कि थाने परिसर के अंदर ना तो शौचालय है और ना ही स्नान घर है। अपना थाना परिसर नहीं रहने की वजह से जप्त की गई वाहनों को सड़क के किनारे ही लगा दिया जाता है। इतना ही नहीं थाने परिसर में जप्त वाहनों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि उसे रखने का अब जगह तक नहीं है। लिहाजा जप्त की गई वाहन को सड़क के किनारे खड़ा कर दिया जा रहा है। गौरतलब है कि मुफस्सिल थाना का क्षेत्रफल इतना बड़ा है कि 20 किलोमीटर से अधिक का दायरा आता है। जाहिर है जिसके कारण थाना को कांड अनुसंधान के लिए भी पुलिस को विभिन्न गांवों तक जाना पड़ता है। लेकिन बंदी की गिरफ्तारी व कुर्की की कार्रवाई के लिए इन्हें स्थानीय थानों उसके भरोसे रहना पड़ता है।


Conclusion:बहरहाल इस बारे में जब सासाराम एसपी राजेश कुमार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि थाने की भवन की जमीन उपलब्ध हो गई है और जल्द ही नए भवन का निर्माण कर थाने को उसी में शिफ्ट कर दिया जाएगा। यह थाना सासाराम के अमरा तालाब के निकट बनाया जाएगा।

बाइट। एएसपी राजेश कुमार
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