रोहतास: जिला मुख्यालय से महज कुछ ही दूर सासाराम के महद्दी गंज पंचायत का तारगंज गांव में आजादी के बाद अबतक पक्की सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. गांव वालों का आरेप है कि आजतक जो भी जनप्रतिनिधि यहां से चुन के गया है वापस नहीं आया है. नेता चुनाव के वक्त सिर्फ वोट मांगने के लिए आते हैं उसके बाद नदारद हो जाते हैं.
गौरतलब है कि एक तरफ जहां स्थानीय सांसद और विधायक खुद सासाराम से ही ताल्लुक रखते हैं. उसके बावजूद इस गांव का विकास आज तक नहीं हो सका है. सबसे अहम सवाल यह है कि लोकसभा चुनाव के बाद तकरीबन साढ़े चार साल का अरसा गुजर जाने के बाद भी इस गांव में सांसद छेदी पासवान एक बार भी गांव वालों से मिलने नहीं आए हैं.
जनप्रतिनिधि का नहीं गया ध्यान
गांव के ही कई लोगों ने बताया कि यहां आजादी के बाद अब तक सड़क नहीं बनी है. कच्ची सड़क इस बात की गवाही दे रही थी कि लोग इसी सड़क से मुख्यालय का सफर तय करते हैं जो कि हकीकत में सड़क काफी जर्जर स्थिति में दिख रही थी. गांव के बुजुर्ग ने बताया कि पिछले 4 सालों से इसी सड़क से आते जाते हैं. बरसात के दिनों में तो जाना भी मुश्किल हो जाता है. लेकिन इन सब के बावजूद इस सड़क पर किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं गया. गांव के लोगों ने बताया कि नेता चुनाव के वक्त सिर्फ वोट के लिए आते हैं उसके बाद नदारद हो जाते हैं.
आज तक सांसद ने गांव में कदम नहीं रखा
यहां के स्थानीय सांसद छेदी पासवान एक बार भी गांव में चेहरा तक नहीं दिखाने आए हैं. गौरतलब है कि लोकसभा का चुनाव होने वाला है. इसके बावजूद सांसद ने इस गांव में कदम तक नहीं रखा है. जाहिर है ग्रामीणों का गुस्सा चरम पर है. ऐसे में कई ग्रामीणों ने कहा कि रोड नहीं रहने की वजह से न तो एंबुलेंस गांव तक पहुंच पाता है और न ही कोई भी वाहन ऐसे में बीमार लोगों के लिए आता है. हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
सांसद का खुद का निवास है सासाराम में
बहरहाल सबसे आम सवाल यह है कि मुख्यालय से यह गांव बिल्कुल करीब है. उसके बाद भी गांव में एक पक्की सड़क तक नहीं बन सकी है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि नेता सिर्फ चुनाव के वक्त वोट के लिए आते हैं. उसके बाद यहां कोई कदम भी नहीं रखता है. हालांकि स्थानीय सांसद का खुद निवास सासाराम में है. उसके बावजूद यह गांव आज भी विकास की बाट जोह रहा है.