रोहतास: बिहार में मजदूर को इनकम टैक्स विभाग ने 14 करोड़ रुपए भरने का नोटिस थमाया (IT Send notice to labour in Rohtas) है. आयकर विभाग ने इस मजदूर को आयकर रिटर्न नहीं भरने का दोषी पाया है. जानकारी के मुताबिक मनोज यादव नामक एक युवक जो पेशे से मौसमी मजदूर है जो कि दिल्ली-हरियाणा जाकर बीच-बीच में मजदूरी करने जाता रहता है. दो दिन पूर्व उसके घर पर इनकम टैक्स विभाग (income tax department ) की टीम पहुंची तो नोटिस देखकर सब सन्न रह गए.
ये भी पढ़ें- नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 4 महिला समेत 9 गिरफ्तार
''इनकम टैक्स वाले मेरे पास आए मुझसे पूछने लगे कि कहीं आप बिजनेस किये है. करोड़ों का टर्न ओवर है आपका, आपने जीएसटी भी नहीं भरा है. तो हमने कहा है कि साहब हम 12-15 हजार रुपए महीना कमाने खाने वाले आदमी हैं. हमारे पास कोई बिजनेस नहीं है. वो मुझे नोटिस देकर चले गए. मुझे ये भी नहीं पता कि नोटिस कितने रुपए का है. वो करोड़ों रुपए बता रहे थे'' - मनोज, पीड़ित मजदूर
मजदूर को इनकम टैक्स विभाग का नोटिस: नोटिस में मजदूर के नाम पर कई कंपनियां चलती हुईं दिखाया गया है. उन कंपनियों के द्वारा लगभग 14 करोड़ रुपए का आयकर रिटर्न नहीं भरने का दोषी उस मजदूर को ठहराया गया है. नोटिस में ये भी लिखा गया है कि अगर 14 करोड़ रुपए की रकम जमा नहीं कराई गई तो कार्रवाई की जाएगी. नोटिस मिलते ही मनोज और उसके परिजन परेशान हो गए.
'आधार और पैन कार्ड का मिसयूज तो नहीं..' : मनोज का कहना है कि दिल्ली तथा हरियाणा में जब वह काम के सिलसिले में जाता है तो उसका आधार कार्ड एवं पैन कार्ड ठेकेदारों द्वारा ले लिया जाता है. हो सके तो उन्हीं लोगों द्वारा कुछ गड़बड़ी की गई हो. रोज कमाने और खाने वाले मजदूर मनोज यादव को समझ में भी नहीं आ रहा है कि यह सब क्या है?
मजदूर और उसके परिजन परेशान: वहीं, उसके परिजन भी हताश हैं. बता दें कि पिछले कई सालों से मनोज यादव साल में 8 महीना पंजाब, हरियाणा तथा दिल्ली में छोटी-मोटी मजदूरी कर 10 से 15 हज़ार रुपये मासिक कमाता है. गांव में धान की कटनी तथा रोपनी के समय मजदूरी करने गांव चला आता है.
मजदूर को 14 करोड़ रुपए का नोटिस: ऐसे में सवाल है कि एक मजदूर पर करोड़ों का इनकम टैक्स कैसे लाद दिया गया. प्रथम दृष्टया मामला फोर्जरी का लगता है. जो किसी ने मनोज यादव के आधार कार्ड एवं पैन कार्ड का मिस-यूज किया है. फिलहाल नोटिस मिलने के बाद मनोज और उसके परिजन परेशान हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि उन्हें क्या करना चाहिए. हालांकि इस पर आयकर अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.