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पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने किया था उद्घाटन, अब तक नहीं शुरू हो सका मरीजों का इलाज

करगहर प्रखंड के तेंदुनी गांव में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने उप स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया था. ह लाखों रुपये की लागत से फर्श पर टाइल्स बिछाकर बनाया गया था. लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी यहां अब तक कोई डॉक्टर नहीं पहुंच पाया है.

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Published : Nov 16, 2019, 2:39 PM IST

उप स्वास्थ्य केंद्र में अब तक नहीं शुरू हो सका मरीजों का इलाज

रोहतासः जिला मुख्यालय से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर करगहर प्रखंड के तेंदुनी गांव में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने उप स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया था. जो कई साल बीत जाने के बाद भी अब तक चालू नहीं हो सका है.

लाखों रुपये की लागत से बनाया गया था अस्पताल
गौरतलब है कि गांव और आसपास के ग्रामीणों को प्राथमिक उपचार की सुविधा मुहैया कराने के लिए इसे बनाया गया था. यह लाखों रुपये की लागत से फर्श पर टाइल्स बिछाकर बनाया गया था. लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी यहां अब तक कोई डॉक्टर नहीं पहुंच पाया है.

उप स्वास्थ्य केंद्र में अब तक नहीं शुरू हो सका मरीजों का इलाज

भवन के अंदर ग्रामीणों का अवैध कब्जा
भवन के अंदर ग्रामीणों ने अवैध रूप से अब का कब्जा कर लिया है. यह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह का विधानसभा क्षेत्र के है फिर भी अस्पताल शुरू नहीं हो सका. स्वास्थ्य मंत्री ने बड़े तामझाम के साथ अपने नाम का कसीदा तो जड़ दिया लेकिन सुविधा के नाम पर यहां महज खानापूर्ति हीं की गई थी.

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अस्पताल में ग्रामीणों का कब्जा

2 से 3 घंटे का सफर तय कर पहुंचते हैं अस्पताल
गांव में सड़क भी नहीं है. यहां के लोगों को इलाज के लिए सासाराम या फिर करगहर का रुख करना पड़ता है. जिससे उन्हें 2 से 3 घंटे तक का सफर तय करना पड़ता है. इस दौरान मरीज अपनी जिंदगी के लिए दुआएं मांगते रहते हैं.

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अस्पताल परिसर में सूखने के लिए कपड़े

नर्स की बहाली
जिला चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि इसकी जानकारी मिलते ही अस्पताल में नर्स की बहाली कराई गई है. जिससे यहां के लोगों को इलाज की प्राथमिक सुविधाएं मिल सकें.

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टाइल्स लगा फर्श

रोहतासः जिला मुख्यालय से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर करगहर प्रखंड के तेंदुनी गांव में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने उप स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया था. जो कई साल बीत जाने के बाद भी अब तक चालू नहीं हो सका है.

लाखों रुपये की लागत से बनाया गया था अस्पताल
गौरतलब है कि गांव और आसपास के ग्रामीणों को प्राथमिक उपचार की सुविधा मुहैया कराने के लिए इसे बनाया गया था. यह लाखों रुपये की लागत से फर्श पर टाइल्स बिछाकर बनाया गया था. लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी यहां अब तक कोई डॉक्टर नहीं पहुंच पाया है.

उप स्वास्थ्य केंद्र में अब तक नहीं शुरू हो सका मरीजों का इलाज

भवन के अंदर ग्रामीणों का अवैध कब्जा
भवन के अंदर ग्रामीणों ने अवैध रूप से अब का कब्जा कर लिया है. यह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह का विधानसभा क्षेत्र के है फिर भी अस्पताल शुरू नहीं हो सका. स्वास्थ्य मंत्री ने बड़े तामझाम के साथ अपने नाम का कसीदा तो जड़ दिया लेकिन सुविधा के नाम पर यहां महज खानापूर्ति हीं की गई थी.

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अस्पताल में ग्रामीणों का कब्जा

2 से 3 घंटे का सफर तय कर पहुंचते हैं अस्पताल
गांव में सड़क भी नहीं है. यहां के लोगों को इलाज के लिए सासाराम या फिर करगहर का रुख करना पड़ता है. जिससे उन्हें 2 से 3 घंटे तक का सफर तय करना पड़ता है. इस दौरान मरीज अपनी जिंदगी के लिए दुआएं मांगते रहते हैं.

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अस्पताल परिसर में सूखने के लिए कपड़े

नर्स की बहाली
जिला चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि इसकी जानकारी मिलते ही अस्पताल में नर्स की बहाली कराई गई है. जिससे यहां के लोगों को इलाज की प्राथमिक सुविधाएं मिल सकें.

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टाइल्स लगा फर्श
Intro:रोहतास। जिला मुख्यालय से तकरीबन 30 किलो दूर करगहर प्रखंड के तेंदुनी गांव में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने उप स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया था। लिहाज़ा कई वर्ष बीत जाने के बाद भी अबतक चालू नहीं हो सका।


Body:गौरतलब है कि करगहर प्रखंड के तेंदुनी गांव में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिन्ह ने उप स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया था ताकि गांव और आसपास के ग्रामीणों को प्राथमिक उपचार की सुविधा मुहैया कराया जा सके। वहीं लाखों रुपए की लागत से भवन भी बनवाया गया। जिसमें फर्श पर टाइल्स भी बिछाई गई। लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी वहां अब तक ना कोई डॉक्टर नहीं पहुंच पाया है और नहीं अब तक किसी का इलाज हो पाया है। वहीं भवन के अंदर अवैध रूप से अब ग्रामीणों का कब्जा भी हो गया है । लाखों रुपए के भवन तो सरकार ने बना दिए थे ताकि ग्रामीणों को अस्पताल के नाम पर इलाज मिल सके । लेकिन सरकार जनता के पैसे को किस तरीके से पानी में बर्बाद करती है इसका अंदाजा अस्पताल को देखकर ही लगाया जा सकत हैं। खुद पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह इसी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते है। उसके बावजूद पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने उस अस्पताल को चालू नहीं कराया। स्वास्थ्य मंत्री ने बड़े तामझाम के साथ अपने नाम का कसीदा तो जड़ दिया लेकिन सुविधा के नाम पर महज खानापूर्ति ही की गई थी। गांव में सड़क भी नहीं है ऐसे में वहां के लोगों को इलाज कराने के लिए सासाराम या तो फिर करगहर का रुख करना पड़ता है। ऐसे में उन्हें 2 से 3 घंटे तक का सफर तय करना पड़ता है तब जाकर वह किसी अस्पताल में पहुंचते हैं। लिहाज़ा 3 घंटे तक मरीज अपनी जिंदगी और मौत की हिफाज़त के लिए दुआएं मांगते रहता है। वहीं इस बारे में जब जिला चिकित्सा पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आपके द्वारा जानकारी दी गई है जिसके के बाद फौरन मैंने वहां पर नर्स की बहाली कराई है ताकि लोगों को लाभ मिल सके।


Conclusion:बहरहाल ईटीवी भारत के रिपोर्टर के पहल के बाद फौरन सिविल सर्जन ने संज्ञान लिया और करगहर प्रखंड के अस्पताल प्रभारी से बात करते हुए फौरन वहां पर एक एएनएम नर्स को शिफ्ट किया ताकि गांव वाले को इलाज की प्राथमिक सुविधाएं मिल सकें।

बाइट। सिविल सर्जन
बाइट। ग्रामीण
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