रोहतासः एक दौर था जहां कभी नक्सलियों का खौफ हुआ करता था. जिन सुदूरवर्ती इलाकों में जाने से पुलिस के पांव भी ठिठक पड़ते थे. समाज की मुख्यधारा से दूर वैसी जगह, जहां कानून के खौफ का दूर-दूर तक नाम तक नहीं था. आज उन इलाकों की तस्वीरें बदल रही हैं. बच्चे पढ़ रहे हैं. लड़कों से कदमताल कर लड़कियां भी हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही है. इसी का नतीजा है कि कैमूर की पहाड़ियों की तलहटी में जब लड़कियों ने फुटबॉल ग्राउंड में अपने दम खम (Girls Played Football In Mohammadpur Village) का परिचय दिया तो लोग दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर हो गए.
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सासाराम अनुमंडल क्षेत्र के शिवसागर प्रखंड के मोहम्मदपुर गांव के प्रगति खेल मैदान की ये तस्वीरें और इसे देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी. मोहम्मदपुर गांव की लड़कियां पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की लड़कियों को मैदान में कड़ी टक्कर दे रही थी. और इसके बाद 2-0 बढ़त के साथ मैच का खिताब अपने नाम कर लिया. बच्चियों की प्रतिभा देख जनप्रतिनिधियों ने सरकार से उनके लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाने की अपील कर रहे हैं.
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मोहम्मदपुर गांव की इन लड़कियों का परिवार ज्यादा संपन्न नहीं है. चेनारी से कांग्रेस के विधायक ने कहा कि हमारे समाज में बच्चियों को कम तरजीह दिया जाता है. लेकिन अब इसे भ्रांति को दूर करने की जरूरत है. कम संसाधन, मध्यम और गरीब परिवार होने के बाद भी क्षेत्र की लड़कियों ने जो प्रतिभा दिखाया है, उसकी हर तरफ तारीफ हो रही है. लगे हाथ उस हौसले और जज्बे को और मजबूत करने की जरुरत है, जिससे प्रदेश और देश का नाम दुनियाभर में रौशन हो सके.
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