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रोहतास: सरकारी योजनाओं की धीमी रफ्तार, किसानों को नहीं मिल रहा लाभ

जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार की बताया कि पिछले 3 वर्षों में मुर्गी पालन और बकरी पालन योजना का लाभ सिर्फ एक ही किसान को मिल सका है.

रोहतास में किसानो नहीं मिल रहा बकरी और मुर्गी पालन का लाभ
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Published : Sep 4, 2019, 9:15 PM IST

रोहतास: जिले में सरकार की ओर से चलाए जा रहे सभी योजनाएं किसानों तक नहीं पहुंच पा रही है. इन योजनाओं में मुर्गी पालन और बकरी पालन जैसी योजनाएं शामिल हैं. लेकिन विभाग की लापरवाही से जिले में किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस कारण किसानों की आय में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है.

किसानों को नहीं मिल पा रहा है सरकारी योजनाओं का फायदा

किसानों तक नहीं पहुंच रहा योजनाओं का लाभ
सरकार किसानों के लिए बहुत सी योजनाएं लाती है. लेकिन जब ये योजनाएं किसानों तक पहुंच ही नहीं पाती तो इन योजनाओं का क्या फायदा. ऐसी ही एक योजना मुर्गी पालन और बकरी पालन है. सरकार की ये योजना किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए है. लेकिन बीते 3 वर्षों की बात करें तो इस योजना के तहत महज 3 किसानों का ही चयन हो पाया है. इसमें सिर्फ एक किसान को ही इस योजना के तहत सब्सिडी का पैसा मिला है. जबकि अबतक 2 किसानों को पैसा नहीं मिल सका है.

rohtas
जिला पशुपालन ने कहा आवेदन हुए रद्द

योजनाओं की रफ्तार बेहद धीमी
सरकार की ओर से इस योजना को बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है, ताकि लोगों के बीच जागरूकता फैले. इसके बावजूद भी जिले में किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. बताया जाता है कि पिछले 3 सालों में तकरीबन तीन दर्जन पशुपालकों ने आवेदन पत्र जमा किया था. इसमें विभाग की ओर से दर्जनों पशुपालकों का चयन किया. इसके बाद किसानों को आवेदक ने लोन की प्रक्रिया के लिए बैंक में भेजा गया. लिहाजा कई दिनों तक बैंक का चक्कर काटने के बाद किसानों को इसका लाभ नहीं मिल सका.

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3 सालों में केवल एक किसान को मिला लाभ

'बैंक ने किए आवेदन रद्द'
जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि पिछले 3 वर्षों में एक किसान को ही योजना का लाभ मिल सका है. उसको सरकार की तरफ से सब्सिडी का पैसा उपलब्ध कराया गया है. जबकि बैंक ने दर्जनों आवेदनों को रद्द कर दिया. अभी ऐसी योजनाएं जिले में पूरी तरह से सफल नहीं हो पायी है.

रोहतास: जिले में सरकार की ओर से चलाए जा रहे सभी योजनाएं किसानों तक नहीं पहुंच पा रही है. इन योजनाओं में मुर्गी पालन और बकरी पालन जैसी योजनाएं शामिल हैं. लेकिन विभाग की लापरवाही से जिले में किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस कारण किसानों की आय में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है.

किसानों को नहीं मिल पा रहा है सरकारी योजनाओं का फायदा

किसानों तक नहीं पहुंच रहा योजनाओं का लाभ
सरकार किसानों के लिए बहुत सी योजनाएं लाती है. लेकिन जब ये योजनाएं किसानों तक पहुंच ही नहीं पाती तो इन योजनाओं का क्या फायदा. ऐसी ही एक योजना मुर्गी पालन और बकरी पालन है. सरकार की ये योजना किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए है. लेकिन बीते 3 वर्षों की बात करें तो इस योजना के तहत महज 3 किसानों का ही चयन हो पाया है. इसमें सिर्फ एक किसान को ही इस योजना के तहत सब्सिडी का पैसा मिला है. जबकि अबतक 2 किसानों को पैसा नहीं मिल सका है.

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जिला पशुपालन ने कहा आवेदन हुए रद्द

योजनाओं की रफ्तार बेहद धीमी
सरकार की ओर से इस योजना को बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है, ताकि लोगों के बीच जागरूकता फैले. इसके बावजूद भी जिले में किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. बताया जाता है कि पिछले 3 सालों में तकरीबन तीन दर्जन पशुपालकों ने आवेदन पत्र जमा किया था. इसमें विभाग की ओर से दर्जनों पशुपालकों का चयन किया. इसके बाद किसानों को आवेदक ने लोन की प्रक्रिया के लिए बैंक में भेजा गया. लिहाजा कई दिनों तक बैंक का चक्कर काटने के बाद किसानों को इसका लाभ नहीं मिल सका.

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3 सालों में केवल एक किसान को मिला लाभ

'बैंक ने किए आवेदन रद्द'
जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि पिछले 3 वर्षों में एक किसान को ही योजना का लाभ मिल सका है. उसको सरकार की तरफ से सब्सिडी का पैसा उपलब्ध कराया गया है. जबकि बैंक ने दर्जनों आवेदनों को रद्द कर दिया. अभी ऐसी योजनाएं जिले में पूरी तरह से सफल नहीं हो पायी है.

Intro:रोहतास। सरकार के द्वारा किसान के हितों की को देखते हुए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है। जिसमें मुर्गी पालन बकरी पालन जैसी योजनाएं शामिल है। लेकिन विभाग की लापरवाही से जिले में किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।


Body:गौरतलब है कि जिले में बकरी और मुर्गी पालन के लिए किसान कई सालों से बैंक का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन बीते 3 वर्षों की बात करें तो इस योजना के तहत महज 3 किसानों का ही चयन हो पाया। जिसमें सिर्फ एक किसान को ही इस योजना के तहत सब्सिडी का पैसा मिला। जबकि 2 किसान का पैसा अब तक नहीं मिल सका है। इससे साफ जाहिर है कि पिछले 3 सालों में महज एक किसान को ही इस योजना का लाभ मिला है। जाहिर है सरकार के द्वारा इस योजना को बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है ताकि लोगों के अंदर जागरूक पैदा हो। उसके बावजूद भी जिले में किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है । पिछले 3 सालों में तकरीबन तीन दर्जन पशुपालकों ने आवेदन जमा किया था। इसमें विभाग द्वारा में वर्षों में दर्जनों पशुपालकों का चयन किया। इसके बाद किसानों के आवेदक को लोन की प्रक्रिया के लिए बैंक में भेज दिया गया लिहाज़ा कई दिनों तक बैंक का चक्कर काटने के बाद किसानों को इसका लाभ नहीं मिला। वहीं जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार की माने तो पिछले 3 वर्षों में एक व्यक्ति को ही इस योजना का लाभ मिला है। जिन्हें सरकार की तरफ से सब्सिडी का पैसा उपलब्ध कराया गया है। जबकि दर्जनों आवेदन को बैंकों के द्वारा आवेदन को रद्द कर दिया गया। लिहाज़ा आवेदन रद्द होने से बड़े पैमाने पर किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।


Conclusion:वहीं पशुपालन पदाधिकारी ने यह भी कहा कि जिस पैमाने पर इस योजना का लाभ किसानों को मिलना चाहिए उतना मिल नहीं पा रहा है। जाहिर है विभागीय लापरवाही की वजह से किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

बाइट। जिला पशुपालन पदाधिकारी
बाइट। किसान
पीटीसी
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