रोहतास: अगर आप किसी मुसीबत में फंसे हैं और पुलिस की सेवा लेना चाहते हैं तो डायल करें 112 फिर चंद मिनटों में पुलिस आपकी खिदमत के लिए हाजिर हो जाएगी. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बिहार पुलिस की पायलट प्रोजेक्ट योजना डायल 112 (Bihar Police Pilot Project Scheme Dial 112) की सेवा रोहतास में शुरू हो गई है. जिसका निरीक्षण करने आज बीसैप के डीजी ए के अम्बेडकर पहुंचे जहां उन्होंने डेहरी स्थित एसपी कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया.
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पुलिस सेवा के लिए 112 डायल करें: इसके उपरांत उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ एक रिव्यू बैठक भी की. इस दौरान शाहाबाद रेंज के डीआईजी उपेंद्र शर्मा, बीएमपी 2 की कमांडेंट स्वप्ना जी मेश्राम व रोहतास के एस पी आशीष भारती भी मौजूद थे. शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे सासाराम और डेहरी में शुरू किया जा रहा है. अभी वर्तमान में रोहतास जिले में छह ईआर वी वाहन उपलब्ध कराया गया है ताकि 112 डायल करने के तुरंत बाद ही पुलिस पीड़ित शख्स के पास पहुंच कर आवश्यक कार्रवाई की जा सके. यह सेवा 24 घण्टे उपलब्ध होगी ताकि मुसीबत में पड़े लोगों तक पुलिस की त्वरित सेवा उपलब्ध करायी जा सके.
'इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम पूरे बिहार में लागू किया जा रहा है. इसी के तहत इस महत्वकांक्षी योजना की शुरुआत रोहतास जिले में कर दी गई है. जिसका पूरा सेटअप लगाया गया है. इसके लिए बड़े पैमाने पर कमांड एवं कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है.' - आशीष भारती, रोहतास एसपी
फोन में नेटवर्क नहीं हो तब भी करेगा काम: बता दें कि आपातकालीन सेवाओं के लिए अब सिर्फ 112 डायल करना होगा. इस महत्वपूर्ण परियोजना का मकसद आपात स्थिति में लोगों को तत्काल मदद मुहैया कराना है. अभी पुलिस के लिए 100, एम्बुलेंस के लिए 108 और आग लगने पर फायर बिग्रेड की मदद के लिए 101 नम्बर डायल करना पड़ता है. पर आनेवाले वक्त में इन आपातकालीन सेवाओं के लिए सिर्फ 112 नम्बर ही डॉयल करना होगा.
GPS से इसे जोड़ा गया है: यह व्यवस्था काफी हाईटेक है. ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से इसे जोड़ा गया है. इससे फोन करनेवाले का लोकेशन भी उसके कॉल के साथ कमांड सेंटर को मिल जाएगा. इससे रिस्पांस टाइम कम लगेगा. मोबाइल नेटवर्क नहीं आ रहा फिर भी आप 112 पर कॉल करके इमरजेंसी सुविधा का लाभ पा सकते हैं. वहीं 112 पर कॉल करना बिलकुल फ्री है. साथ ही आप लेडलाइन फोन से भी 112 पर कॉल कर सकते हैं.
कैसे करता है 112 काम: डायल 112 पर आने वाले फोन को रीसिव करने की जिम्मेदारी कॉल रिस्पांस एसोसिएट की होगी. कॉल रिस्पांस एसोसिएट द्वारा कॉल को रिसीव करने के बाद संबंधित जानकारी डिस्पैच अफसर को भेज दी जाएगी. डिस्पैच अफसर की जिम्मेदारी होगी कि घटनास्थल के सबसे नजदीक मौजूद डायल 112 की गाड़ी को वहां रवाना करें. डिस्पैच अफसर (डीओ) के तौर पर महिला या पुरुष सब-इंस्पेक्टर को तैनात किया जाएगा. मामला गंभीर होने पर जानकारी थाना, डीएसपी, एसपी समेत अन्य अधिकारियों के अलावा फायर बिग्रेड और अन्य संबंधित एजेंसियों को दी जाएगी.
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