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Sasaram violence: 'सासाराम DM-SP की भूमिका की हो जांच'..अपने ही सरकार के खिलाफ माले विधायक ने आवाज बुलंद की - Sasaram violence

काराकाट से माले विधायक अरुण सिंह ने सासाराम हिंसा के लिए पुलिस प्रशासन के वरीय अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया और उनपर कड़ी कार्रवाई की मांग (MLA Arun Singh demands action against DM and SP) की है. अपने ही सरकार से लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर माले विधायक के बयान की चर्चा हो रही है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Apr 11, 2023, 3:52 PM IST

अरुण सिंह ने की डीएम और एसपी पर कार्रवाई की मांग

रोहतास: बिहार के सासाराम में रामनवमी के बाद दो पक्षों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद अब जनजीवन सामान्य हो गया है, लेकिन ऐसे में सियासत शुरू हो गई है . काराकाट के माले विधायक अरुण कुमार (CPI ML MLA Arun Singh) ने सासाराम दंगे को लेकर पुलिस प्रशासन के वरीय अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्रशासन तथा एसपी के भूमिका की जांच होनी चाहिए.

ये भी पढ़ेंः Bihar Violence: 'रामनवमी पर हंगामा बिहार सरकार की साजिश', गृह मंत्री अमित शाह से बोले पशुपति पारस- 'केंद्रीय एजेंसी जांच करे'

अपनी सरकार के प्रशासन पर उठाया सवालः काराकाट के माले विधायक अरुण कुमार सिंह ने सासाराम सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिला प्रशासन तथा पुलिस को दोषी ठहराया है तथा अपने ही सरकार के प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पुलिस की उपस्थिति में जिस तरह से घरों में आग लगाई गई और जिला प्रशासन व पुलिस मूकदर्शक बनी रही. इस पूरे मामले में जिला के DM और SP पर एक्शन लिया जाना चाहिए. सासाराम में रामनवमी के जुलूस के बाद तनाव फैल गया था. इस दौरान एक शख्स की मृत्यु भी हो गई थी.

"प्रशासन तथा एसपी के भूमिका की जांच होनी चाहिए. पुलिस की उपस्थिति में जिस तरह से घरों में आग लगाई गई और जिला प्रशासन व पुलिस मूकदर्शक बनी रही. इस पूरे मामले में जिला के DM और SP पर एक्शन लिया जाना चाहिए. सासाराम में रामनवमी के जुलूस के बाद तनाव फैल गया था" - अरुण सिंह, माले विधायक

एसपी और डीएम की भूमिका की जांच की मांगः अरुण कुमार सिंह ने कहा कि मेरी मांग है कि कहीं भी दंगा हो तो इसके लिए वहीं के डीएम और SP को दोषी ठहराया जाए. इसके अलावा उन्होंने प्रशासन पर एकपक्षीय एक्शन लेने के लिए भी आरोप लगाया. सरकार में शामिल विधायक अरुण सिंह के इस बयान की सियासी गरियारे में चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन को इस प्रकरण में अपनी गलती माननी थी.

कार्रवाई से समाज में जाएगा अच्छा मैसेज: माले विधायक ने कहा कि रामनवमी के दिन कहीं कुछ नहीं हुई. वहीं रामनवमी के बाद जहां भी हिंसा हुई है, सब जगह पुलिस की उपस्थिति थी. पुलिस के सामने घरों को जला दिया गया. सासाराम दंगे को लेकर पूरी तरह से निष्पक्ष जांच हो, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. इसके लिए जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों पर भी कड़ी से कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि समाज में अच्छा मैसेज जा सके.

अरुण सिंह ने की डीएम और एसपी पर कार्रवाई की मांग

रोहतास: बिहार के सासाराम में रामनवमी के बाद दो पक्षों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद अब जनजीवन सामान्य हो गया है, लेकिन ऐसे में सियासत शुरू हो गई है . काराकाट के माले विधायक अरुण कुमार (CPI ML MLA Arun Singh) ने सासाराम दंगे को लेकर पुलिस प्रशासन के वरीय अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्रशासन तथा एसपी के भूमिका की जांच होनी चाहिए.

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अपनी सरकार के प्रशासन पर उठाया सवालः काराकाट के माले विधायक अरुण कुमार सिंह ने सासाराम सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिला प्रशासन तथा पुलिस को दोषी ठहराया है तथा अपने ही सरकार के प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पुलिस की उपस्थिति में जिस तरह से घरों में आग लगाई गई और जिला प्रशासन व पुलिस मूकदर्शक बनी रही. इस पूरे मामले में जिला के DM और SP पर एक्शन लिया जाना चाहिए. सासाराम में रामनवमी के जुलूस के बाद तनाव फैल गया था. इस दौरान एक शख्स की मृत्यु भी हो गई थी.

"प्रशासन तथा एसपी के भूमिका की जांच होनी चाहिए. पुलिस की उपस्थिति में जिस तरह से घरों में आग लगाई गई और जिला प्रशासन व पुलिस मूकदर्शक बनी रही. इस पूरे मामले में जिला के DM और SP पर एक्शन लिया जाना चाहिए. सासाराम में रामनवमी के जुलूस के बाद तनाव फैल गया था" - अरुण सिंह, माले विधायक

एसपी और डीएम की भूमिका की जांच की मांगः अरुण कुमार सिंह ने कहा कि मेरी मांग है कि कहीं भी दंगा हो तो इसके लिए वहीं के डीएम और SP को दोषी ठहराया जाए. इसके अलावा उन्होंने प्रशासन पर एकपक्षीय एक्शन लेने के लिए भी आरोप लगाया. सरकार में शामिल विधायक अरुण सिंह के इस बयान की सियासी गरियारे में चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन को इस प्रकरण में अपनी गलती माननी थी.

कार्रवाई से समाज में जाएगा अच्छा मैसेज: माले विधायक ने कहा कि रामनवमी के दिन कहीं कुछ नहीं हुई. वहीं रामनवमी के बाद जहां भी हिंसा हुई है, सब जगह पुलिस की उपस्थिति थी. पुलिस के सामने घरों को जला दिया गया. सासाराम दंगे को लेकर पूरी तरह से निष्पक्ष जांच हो, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. इसके लिए जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों पर भी कड़ी से कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि समाज में अच्छा मैसेज जा सके.

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