रोहतास: स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छ रहना जरूरी है, इसके लिए शासन-प्रशासन स्तर पर स्वच्छता अभियान भी चलाया जा रहा है. अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों ने हाथ में झाड़ू थामें स्वच्छता का संदेश भी दिया. लेकिन नगर परिषद के पास कूड़ा फेंकने के लिए कोई माकूल जगह नहीं है. जिले में लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी शहर के कूड़ों को कब्रिस्तान के सामने डंप करा रही है.
1 साल से डंप किया जा रहा है कूड़ा
शहर में गंदगी को लेकर हर किसी के अपने तर्क हैं. वहीं, कब्रिस्तान की देखरेख करने वाली एक महिला ने बताया कि लगभग डेढ़ लाख की आबादी वाले इस शहर में नगर परिषद विगत 1 साल से शहर के कूड़ों को कब्रिस्तान के सामने डंप करा रही है. शहर में डंपिंग यार्ड का नहीं होने से रोजाना सैकड़ों टन कूड़ा यहां पर फेंका जाता है. जिससे स्थानीय व बाहर से आने वाले लोगों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है. शहर में प्रवेश करने वाला मुख्य मार्ग हो या बाइपास की सड़क, राहगीरों को सड़क पर फैले कूड़े से परेशानी होती है.
लोगों को सता रहा महामारी फैलने का डर
मामले पर स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरे शहर में कूड़ा फैला हुआ है, जिसका खामियाजा मोहल्लेवासियों को भुगतना पड़ रहा है. बरसात के मौसम के चलते महामारी फैलने का खतरा बढ़ गया है. कूड़े से निकलने वाले दुर्गंध से परेशान लोगों ने पार्षद व विभागीय अधिकारी से गुहार लगाई गई. यहां तक की इसका कई बार विरोध भी किया लेकिन नप के के कानों पर जूं तक नहीं रेंगा.
मामले से अनभिज्ञ हैं कार्यपालक अभियंता
वहीं, इस मामले पर जब हमारे ईटीवी भारत के संवाददाता ने नप की कार्यपालक अभियंता कुमारी हिमानी से सवाल पूछा तो उन्होंने बताया कि शहर की सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से किया जा रहा है. उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि कब्रिस्तान के सामने कूड़ा डंप किया जा रहा है. अगर इस तरह की बातें हैं, तो जल्द से जल्द वहां से कूड़ा को उठा कर दूसरे जगह डंप किया जाएगा.
कूड़ा डंप करने की पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं- नप ईओ
वहीं,इस बाबत नप के ईओ ने कहा कि नप के पास कूड़ा डंप करने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं है. जिस वजह से कूड़ा को कब्रिस्तान के सामने डंप किया जाता है, लेकिन फिर इसे फौरन उठाकर दूसरी जगह फेंक दिया जाता है.
बहरहाल, नप के लापरवाही के कारण लोगों की जान पर आफत बन आई है. वहीं अगर बात रोहतास की करें तो शहर से अमूमन रोजाना 40 लाख टन कचरा निकलता है. जहां जिस सफाई कर्मियों को जगह मिलती है, वह उसे वहां फेंक अपने सफाई कार्य का दायित्व को पूरा कर लेता है.