रोहतास: सासाराम स्थित चर्च में क्रिसमस को लेकर तैयारी जोरों पर है. चर्च को रंग बिरंगी लाईट से सजाया गया है. वहीं, यहां ईसा मसीह या यीशु के जन्म के जन्म को लेकर गौशाला बनाई गई है.
ईसाई धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार क्रिसमस-डे को अब महज चंद घंटे ही बाकी रह गए हैं. लिहाजा, सासाराम के चर्च में भी क्रिसमस डे को लेकर तैयारियां पूरे जोर-शोर पर चल रही है. दुनिया में 25 दिसंबर को क्रिसमस डे का त्यौहार ईसाई धर्म से जुड़े लोग मनाते हैं.
गौशाला में जन्में थे यीशु
क्रिसमस के दिन प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था. उनकी याद में ईसाई धर्म के मानने वाले लोग चर्च में इकट्ठा होते हैं. प्रभु ईसा मसीह को याद करते हैं. सबसे दिलचस्प बात यह है कि प्रभु ईसा मसीह का जन्म गौशाला में हुआ था. जिसे आम भाषा में लोग चरनी भी कहते हैं. लिहाजा चर्च के अंदर गौशाला का रूप दिया जा रहा है. जिसमें प्रभु ईसा मसीह को दिखाया जाएगा कि गौशाला में ही प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था.
क्या बोलीं चर्च की सिस्टर
सासाराम चर्च की सिस्टर श्रद्धा ने बताया कि 24 दिसंबर की रात यहां तैयारियां पूरी कर ली जाती है. लोग दूर-दूर से यहां प्रभु ईसा मसीह का दर्शन करने पहुंचते हैं. इसके लिए चर्च के अंदर गौशाला बनायी गई है क्योंकि प्रभु ईसा मसीह का जन्म इसी गौशाला में हुआ था. लिहाजा चर्च के अंदर होने वाले पाठ की तैयारी अभी से ही शुरू कर दी गई है.
वहीं, सिस्टर ने बताया कि तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं. लिहाजा जल्द ही तैयारी पूरी कर 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस डे का त्यौहार मनाया जाएगा. ऐसे में सासाराम के चर्च को भी बड़े तामझाम के साथ सजाया जा रहा है ताकि 25 दिसंबर को चर्च में आने वाले लोगों के लिए कुछ खास हो सके.