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रोहतास में पहली बार हो रही है ब्लैक राइस की खेती, मणिपुर से मंगाया गया बीज

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Published : Dec 1, 2019, 9:55 AM IST

Updated : Dec 1, 2019, 5:19 PM IST

किसान प्रकाश कुमार ने बताया कि पिछले 2 सालों से इसकी खेती कर रहे हैं. यह ब्लैक राइस का बीज उन्हें मणिपुर से मिला. बीज काफी महंगा होता है जिस वजह से इसकी मांग भी काफी है.

ब्लैक राइस
black rice

रोहतास: जिले के शिवसागर प्रखंड के चमराहा गांव के किसान प्रकाश कुमार ब्लैक राइस की खेती कर रहे हैं. यह खेती पूरे गांव में आश्चर्य का विषय बनी हुई है. यह राइस शुगर फ्री है. इसको करने में प्रकाश केवल जैविक खाद का ही उपयोग करते हैं.

ब्लैक राइस बना चर्चा का विषय
जिले को वैसे तो धान का कटोरा के नाम से जाना जाता है. लेकिन यहां के शिवसागर प्रखंड के चमराहा गांव के किसान प्रकाश कुमार ने ऐसे धान की खेती की है जो पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. प्रकाश कुमार जैविक खेती के माध्यम से ब्लैक राइस पैदा कर रहे हैं.

black rice
मणिपुर से लाये गये हैं इसके बीज

काले चावल में कोलेस्ट्रोल की मात्रा नहीं
वैसे तो इस चावल की कीमत आम चावलों से कई गुना ज्यादा है. लेकिन ब्लैक राइस की अपनी एक अलग ही पहचान है. इस काले चावल में कैलेस्ट्रोल की मात्रा बिल्कुल ना के बराबर होता है. वहीं यह चावल शुगर फ्री भी है. शुगर के मरीज चावल को बिना किसी परेशानी के खा सकते हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

15 सौ रुपये किलो हैं इसके बीज
किसान प्रकाश कुमार ने बताया कि पिछले 2 सालों से इसकी खेती कर रहे हैं. यह ब्लैक राइस का बीज उन्हें मणिपुर से मिला. बीज काफी महंगा होता है जिस वजह से इसकी मांग भी काफी है. उन्होंने बताया कि तकरीबन 15 सौ रुपये किलो का बीज खरीद कर ब्लैक राइस की खेती की है. वहीं इसकी फसल तैयार होने के बाद इसकी डिमांड काफी बढ़ जाती है. क्योंकि जिले में ब्लैक राइस की खेती फिलहाल किसी ने नहीं शुरु की है.

black rice
ब्लैक राइस

जैविक खाद से पैदा होता है ब्लैक राइस
प्रकाश कुमार ने बताया कि फिलहाल इस चावल का मार्केट भाव तकरीबन 1हजार किलो आंका गया है. ऐसे में किसानों इसकी खेती कर अच्छी खासी कमाई अर्जित कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि आम धान की खेती के तरह ही ब्लैक राइस की भी खेती की जाती है. इसमें सबसे अहम बात यह है कि यह पूरी तरीके से जैविक खेती पर आधारित है. उन्होंने बताया कि ब्लैक राइस की खेती करने में उन्होंने तालाब के पानी का उपयोग किया. साथ ही खेतों में यूरिया और खाद की जगह पर जैविक खाद का प्रयोग किया. जिससे यह पूरी तरीके से फायदेमंद साबित होगी. बता दें कि किसान प्रकाश कुमार पेशे से वकील हैं, लेकिन पिछले कई सालों से वह अपने घर पर ही रह कर खेती करने में मशगूल हैं.

रोहतास: जिले के शिवसागर प्रखंड के चमराहा गांव के किसान प्रकाश कुमार ब्लैक राइस की खेती कर रहे हैं. यह खेती पूरे गांव में आश्चर्य का विषय बनी हुई है. यह राइस शुगर फ्री है. इसको करने में प्रकाश केवल जैविक खाद का ही उपयोग करते हैं.

ब्लैक राइस बना चर्चा का विषय
जिले को वैसे तो धान का कटोरा के नाम से जाना जाता है. लेकिन यहां के शिवसागर प्रखंड के चमराहा गांव के किसान प्रकाश कुमार ने ऐसे धान की खेती की है जो पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. प्रकाश कुमार जैविक खेती के माध्यम से ब्लैक राइस पैदा कर रहे हैं.

black rice
मणिपुर से लाये गये हैं इसके बीज

काले चावल में कोलेस्ट्रोल की मात्रा नहीं
वैसे तो इस चावल की कीमत आम चावलों से कई गुना ज्यादा है. लेकिन ब्लैक राइस की अपनी एक अलग ही पहचान है. इस काले चावल में कैलेस्ट्रोल की मात्रा बिल्कुल ना के बराबर होता है. वहीं यह चावल शुगर फ्री भी है. शुगर के मरीज चावल को बिना किसी परेशानी के खा सकते हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

15 सौ रुपये किलो हैं इसके बीज
किसान प्रकाश कुमार ने बताया कि पिछले 2 सालों से इसकी खेती कर रहे हैं. यह ब्लैक राइस का बीज उन्हें मणिपुर से मिला. बीज काफी महंगा होता है जिस वजह से इसकी मांग भी काफी है. उन्होंने बताया कि तकरीबन 15 सौ रुपये किलो का बीज खरीद कर ब्लैक राइस की खेती की है. वहीं इसकी फसल तैयार होने के बाद इसकी डिमांड काफी बढ़ जाती है. क्योंकि जिले में ब्लैक राइस की खेती फिलहाल किसी ने नहीं शुरु की है.

black rice
ब्लैक राइस

जैविक खाद से पैदा होता है ब्लैक राइस
प्रकाश कुमार ने बताया कि फिलहाल इस चावल का मार्केट भाव तकरीबन 1हजार किलो आंका गया है. ऐसे में किसानों इसकी खेती कर अच्छी खासी कमाई अर्जित कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि आम धान की खेती के तरह ही ब्लैक राइस की भी खेती की जाती है. इसमें सबसे अहम बात यह है कि यह पूरी तरीके से जैविक खेती पर आधारित है. उन्होंने बताया कि ब्लैक राइस की खेती करने में उन्होंने तालाब के पानी का उपयोग किया. साथ ही खेतों में यूरिया और खाद की जगह पर जैविक खाद का प्रयोग किया. जिससे यह पूरी तरीके से फायदेमंद साबित होगी. बता दें कि किसान प्रकाश कुमार पेशे से वकील हैं, लेकिन पिछले कई सालों से वह अपने घर पर ही रह कर खेती करने में मशगूल हैं.

Intro:रोहतास। रोहतास को वैसे तो धान का कटोरा कहा जाता है। लेकिन जिले के शिवसागर प्रखंड के चमराहा गांव के किसान प्रकाश कुमार ने ऐसे धान की खेती की है जो पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।


Body:रोहतास को वैसे तो धान का कटोरा कहा जाता है। लेकिन यहां के किसान धान के कटोरे में ब्लैक राइस उपज कर मिसाल कायम कर दिया है। जी हां आपने बिल्कुल सही सुना। जिले के शिवसागर प्रखंड के रहने वाले किसान प्रकाश कुमार ने जैविक खेती कर ब्लैक राइस पैदा किया है। ब्लैक राइस अपने आप में एक अलग पहचान रखता है। वैसे तो इस चावल की कीमत आम चावलों से कई गुना ज्यादा है। लेकिन ब्लैक राइस की अपनी एक अलग ही पहचान है। यानी इस काले चावल में कैलेस्ट्रोल की मात्रा बिल्कुल ना के बराबर है। यानी इस चावल को शुगर फ्री चावल भी माना जा रहा है। लिहाज़ा शुगर के मरीज चावल को बिना किसी परेशानी के खा सकते हैं। किसान प्रकाश कुमार पिछले 2 सालों से यह खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ब्लैक राइस का बीज उन्हें मणिपुर राज्य से मिला। इस बारे में उन्होंने बताया कि बीज काफी महंगा होने की वजह से इसकी मांग भी काफी है। प्रकाश कुमार ने बताया कि उन्हें तकरीबन पंद्रह सौ रुपये किलो बीज खरीद कर ब्लैक राइस की खेती की है। वहीं उन्होंने बताया कि इसका का फसल तैयार होने के बाद इसकी डिमांड काफी बढ़ जाती है। क्योंकि जिले में ब्लैक राइस की खेती फिलहाल किसी ने नहीं किया है। उन्होंने चावल के बारे में बताया कि फिलहाल इसका मार्केट भाव तकरीबन ₹1000 किलो आंका गया है। ऐसे में किसानों इसकी खेती कर अच्छी खासी कमाई अर्जित कर सकते हैं। बहरहाल किसान प्रकाश कुमार पेशे से वकील है। लेकिन पिछले कई सालों से वह अपने घर पर ही रह कर खेती करने में मशगूल है। उन्होंने बताया कि आम धान की खेती के तरह ही ब्लैक राइस की भी खेती की जाती है। इसमें सबसे अहम बात यह है कि यह पूरी तरीके से जैविक खेती पर आधारित है। उन्होंने बताया कि ब्लैक राइस की खेती करने में उन्होंने तालाब के पानी का उपयोग किया साथ ही खेतों में यूरिया और खाद की जगह पर जैविक खाद का प्रयोग किया। जिससे यह पूरी तरीके से फायदेमंद साबित।


Conclusion:बहरहाल किसान प्रकाश कुमार अपने हाथों में ब्लैक चावल लेकर बताते हैं कि अब शुगर के मरीजों के लिए यह चावल काफी फायदेमंद होगा। क्योंकि इस चावल बना तो कोलेस्ट्रॉल है और ना ही शुगर की मात्रा। बाइट। प्रकाश कुमार किसान पीटीसी
Last Updated : Dec 1, 2019, 5:19 PM IST
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