रोहतासः कहते हैं कि उड़ान पंखों से नहीं, हौसलों से होती है. कुछ ऐसी ही उड़ान भरी है, रोहतास जिले के अमन खान ने, जिन्होंने बॉक्सिंग को अपना करियर बनाया है और आसमानों को छूने की कोशिश में लगे हैं. अमन स्टेट और नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कई मेडल जीत चुके हैं. अब इनका चयन कनाडा में होने वाले इंटरनेशनल ओपन बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लिए हुआ है, लेकिन वहां जाने के लिए अमन के पास संसाधन नहीं हैं.
बड़ा बॉक्सर बनना चाहते हैं अमन
दरअसल अपने घर में ही 'पंचिंग-पैड' लटका कर बॉक्सिंग की प्रैक्टिस कर रहे अमन बचपन से ही बड़ा बॉक्सर बनना चाहते हैं. जिसके लिए पिछले कई सालों से वह बॉक्सिंग की प्रैक्टिस कर रहे हैं. डेहरी के डीएवी स्कूल में दसवीं के छात्र अमन ने पिछले दिनों नई दिल्ली में नेशनल ओपन गेम के बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर बिहार का नाम रोशन किया था.
इंटरनेशनल चैंपियनशिप के लिए हुआ चयन
अमन ने डीएवी स्कूल की तरफ से गया में आयोजित क्लस्टर लेवल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता था. हैदराबाद में भी खेले गए नेशनल चैंपियनशिप में इन्हें सिल्वर मेडल हासिल हुआ. अब अमन का चयन इंटरनेशनल बॉक्सिंग ओपन चैंपियनशिप के लिए हुआ है. अगले महीने के 22 से 30 मार्च तक कनाडा में आयोजित इस चैंपियनशिप में भाग लेने का इन्हें मौका मिला है.
अमन के पिता बेटे की तरक्की से हैं खुश
अमन के पिता शमसु खान सऊदी अरब में मजदूरी करते हैं. वह साल-दो साल में ही घर लौटते हैं, जो अमन की तरक्की देखकर काफी खुश हैं. वे कहते हैं कि वे इतने सक्षम नहीं हैं कि अमन को खेलने के लिए कनाडा भेज सकें. डेहरी के न्यू डिलिया में अपने एक छोटे से मकान में ही अमन प्रैक्टिस करता है. विद्यालय के प्रशिक्षक ने ही उसे ट्रेनिंग दिया है. इंटरनेशनल खेलने जा रहे अमन को अभी तक कोई स्पेशल कोच भी नहीं मिल सका है.
पिता की सरकार से मदद की गुहार
अमन के पिता कहते हैं कि सरकार से कुछ मदद मिल जाए तो अमन का सपना पूरा हो सकेगा. वहीं, स्थानीय बीजेपी विधायक सत्यनारायण यादव ने कहा कि ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी की मदद के लिए बिहार सरकार के युवा एवं खेल मंत्रालय में वे खुद बात करेंगे. उन्होंने अमन को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.