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रोहतासः सेविका के घर चल रहा आंगनबाड़ी केंद्र, अधिकारियों ने मूंदी आंखें

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Published : Nov 10, 2019, 3:17 PM IST

आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका ने बताया कि सुपरवाइजर को इसकी जानकारी दी गई थी. लेकिन इसके बावजूद भी सरकारी स्कूल में जगह मुहैया नहीं कराई गई. जिसके चलते सेविका के घर में आंगनबाड़ी चलाया जा रहा है.

घर पर चल रहा आंगनबाड़ी केंद्र

रोहतासः करगहर प्रखंड के रुपैठा गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर सरकारी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. जिस आंगनबाड़ी केंद्र को सरकार ने लाखों रुपए खर्च कर बच्चों को शिक्षा देने के लिए बनाया था. वहां अब ताला लटका हुआ है. आलम ये है कि सेविका और सहायिका के निजी घरों में आंगनबाड़ी केंद्र चलाया जा रहा है. वहीं, अधिकारी आंख मूंदकर बैठे हुए हैं.

कार्रवाई से बच रहे अधिकारी
बता दें कि इससे पहले भी कई घरों में आंगनबाड़ी केंद्र चलते रहे हैं. जिसपर सरकार ने सख्ती दिखाते हुए आदेश दिया था कि अब कोई भी आंगनबाड़ी केंद्र निजी घरों में नहीं चलेगा. अगर केंद्र के पास अपना सामुदायिक भवन नहीं है, तो वह पास के सरकारी स्कूल में चलाया जाएगा. लेकिन रुपैठा गांव में सरकार के आदेशों को दरकिनार कर आंगनबाड़ी केंद्र निजी घर में चलाया जा रहा है. वहीं, अधिकारी इस पर कार्रवाई करने के बजाय बचते नजर आ रहे हैं.

Rohtas
बंद पड़ा करगहर प्रखंड का आंगनबाड़ी केंद्र

'सुपरवाइजर को दी थी जानकारी'
आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका ने बताया कि सुपरवाइजर को इसकी जानकारी दी गई थी. लेकिन इसके बावजूद भी सरकारी स्कूल में जगह मुहैया नहीं कराई गई. जिसके चलते सेविका के घर में आंगनबाड़ी चलया जा रहा है. ऐसे में बच्चों को अच्छी शिक्षा कैसे मिलेगी? वहीं, सीडीपीओ के दौरे को लेकर उसने बताया कि यहां कई सालों से किसी ने दौरा नहीं किया है.

Rohtas
घर पर चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ रहे बच्चे

डीपीएम ने दिया डेटा का हवाला
जब इस मामले में डीपीएम सुनिता से बात की गई. तो उन्होंने डेटा का हवाला देते हुए कहा कि हमारी जानकारी में ऐसे बहुत से आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जो प्राथमिक विघालय में चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ ही ऐसे केंद्र होंगे. जिनके पास प्राथमिक विघालय में जगह नहीं होने पर निजी घर में चलाया जा रहा होगा.

देखें पूरी रिपोर्ट

रोहतासः करगहर प्रखंड के रुपैठा गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर सरकारी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. जिस आंगनबाड़ी केंद्र को सरकार ने लाखों रुपए खर्च कर बच्चों को शिक्षा देने के लिए बनाया था. वहां अब ताला लटका हुआ है. आलम ये है कि सेविका और सहायिका के निजी घरों में आंगनबाड़ी केंद्र चलाया जा रहा है. वहीं, अधिकारी आंख मूंदकर बैठे हुए हैं.

कार्रवाई से बच रहे अधिकारी
बता दें कि इससे पहले भी कई घरों में आंगनबाड़ी केंद्र चलते रहे हैं. जिसपर सरकार ने सख्ती दिखाते हुए आदेश दिया था कि अब कोई भी आंगनबाड़ी केंद्र निजी घरों में नहीं चलेगा. अगर केंद्र के पास अपना सामुदायिक भवन नहीं है, तो वह पास के सरकारी स्कूल में चलाया जाएगा. लेकिन रुपैठा गांव में सरकार के आदेशों को दरकिनार कर आंगनबाड़ी केंद्र निजी घर में चलाया जा रहा है. वहीं, अधिकारी इस पर कार्रवाई करने के बजाय बचते नजर आ रहे हैं.

Rohtas
बंद पड़ा करगहर प्रखंड का आंगनबाड़ी केंद्र

'सुपरवाइजर को दी थी जानकारी'
आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका ने बताया कि सुपरवाइजर को इसकी जानकारी दी गई थी. लेकिन इसके बावजूद भी सरकारी स्कूल में जगह मुहैया नहीं कराई गई. जिसके चलते सेविका के घर में आंगनबाड़ी चलया जा रहा है. ऐसे में बच्चों को अच्छी शिक्षा कैसे मिलेगी? वहीं, सीडीपीओ के दौरे को लेकर उसने बताया कि यहां कई सालों से किसी ने दौरा नहीं किया है.

Rohtas
घर पर चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ रहे बच्चे

डीपीएम ने दिया डेटा का हवाला
जब इस मामले में डीपीएम सुनिता से बात की गई. तो उन्होंने डेटा का हवाला देते हुए कहा कि हमारी जानकारी में ऐसे बहुत से आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जो प्राथमिक विघालय में चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ ही ऐसे केंद्र होंगे. जिनके पास प्राथमिक विघालय में जगह नहीं होने पर निजी घर में चलाया जा रहा होगा.

देखें पूरी रिपोर्ट
Intro:रोहतास। जिले के करगहर प्रखंड के रुपैठा गांव में बदहाल आंगनबाड़ी के लिए खुद सरकारी रहनुमा सीडीपीओ भी जिम्मेदार है। सरकार के आदेश का उल्लंघन यहां आम बात है।


Body:गौरतलब है कि करगहर प्रखंड के रुपैठा गांव में चलने वाला आंगनबाड़ी केंद्र पर इन दिनों सरकारी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिसमें खुद सीडीपीओ भरपूर सहयोग कर रही हैं। जिस अधिकारी को आंगनबाड़ी केंद्र की निगरानी करने का जिम्मेदारी सरकार ने सौंपा है। वह कुर्सी पर बैठकर दिन गुजारती हैं। खुद सहायिका ने बताया कि पिछले कई सालों से आंगनवाड़ी केंद्र पर करगहर की सीडीपीओ ने एक बार भी दौरा नहीं किया है। जाहिर है जिस आंगनबाड़ी केंद्र को लाखों रुपए खर्च कर बनाया गया था। वहां अब ताला चढ़ चुका है। नतीजा सेविका और सहायिका निजी घरों में आंगनबाड़ी केंद को चलाने पर आमदा है। जबकि आंगनवाड़ी की सुपरवाइजर आंगनबाड़ी केंद्र का दौरा करती हैं। लेकिन वह यह नहीं बताती किस आगनवाड़ी केंद्र को निजी घरों में चलाया जा रहा है। वही आपको बता दें कि सरकार के आदेश में इस बात को सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है कि कोई भी आंगनबाड़ी केंद्र निजी घरों में नहीं चलेगा। अगर आंगनबाड़ी केंद्र को अपना सामुदायिक भवन नसीब नहीं है तो वह पास के सरकारी स्कूल में चलाया जाएगा। वहीं खुद जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने इस बात को माना कि किसी भी हाल में निजी घरों में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं चलेगा। जबकि करगहर के सीडीपीओ को सरकारी आदेश की धज्जियां उड़ाने में कोई फर्क नहीं पड़ता। इस मामले में जब ईटीवी की टीम ने आंगनबाड़ी केंद्र का पड़ताल किया तो तस्वीर चौंकाने वाली दिखी। करगहर प्रखंड के रुपैठा गांव में ईटीवी के संवाददाता ने जब आंगनबाड़ी केंद्र का जायजा लिया तो पता चला कि लाखों रुपए की लागत से आंगनबाड़ी का केंद्र बनाया गया था। लेकिन सीडीपीओ और सुपरवाइजर की मिलीभगत से निजी घरों में आंगनबाड़ी केंद्र चलाया जा रहा है। वह इस बारे में जब ग्रामीण से सवाल किया गया तो वह इस बात का हवाला देने लगे कि खेत में आंगनबाड़ी केंद्र का भवन बनाया गया है। जिससे सांप और बिच्छू आने का डर सताता है। इस वजह से निजी घरों में चलाया जा रहा है। तो वही आंगनबाड़ी केंद्र पर काम करने वाली सहायिका से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सुपरवाइजर को इसकी जानकारी दी गई थी। लेकिन उसके बावजूद भी सरकारी स्कूल में जगह मुहैया नहीं कराया गया। नतीजा सेविका के घर में आंगनबाड़ी चल रहा है। ऐसे में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षक कैसे मिलेगा। इसका जवाब अखिल कौन देगा क्योंकि जिस जिम्मेदार पद पर बैठे सीडीपीओ ही पिछले कई वर्षों से उस केंद्र का दौरा नहीं किया तो वहां की हकीकत आखिर कैसे पता चलेगी।


Conclusion:बहरहाल सरकारी कर्मी ही सरकारी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। इसका जीता जागता सबूत करगहर के रुपैठा गांव में आंगनबाड़ी केंद्र पर देखा जा सकता है। क्योंकि सीडीपीओ और सुपरवाइजर की मिलीभगत से ही निजी घरों में यह आंगनबाड़ी चलने को मजबूर है।

बाइट। DPM रोहतास सुनीता
बाइट। सहायिका
बाइट। ग्रामीण
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