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Swimming training in Rohtas : तैराकी प्रशिक्षण के तीसरे बैच में 60 बच्चे पास, अब डूबने वालों को देंगे नया जीवन - आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा तैराकी प्रशिक्षण

रोहतास में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित सुरक्षित तैराकी प्रशिक्षण के तीसरे बैच का समापन हुआ. यह आयोजन क्षेत्र के कटार स्थित प्रशिक्षण केंद्र पर किया गया. इस दौरान प्रशिक्षण में सफल हुए 60 बच्चों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.

Swimming training in Rohtas
तैराकी प्रशिक्षण के तीसरे बैच में 60 बच्चे पास
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 19, 2023, 9:07 PM IST

रोहतास : बिहार में डूबने से मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धी देखने को मिल रही है. ऐसे में इस पर रोकथाम लगाने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण विभाग द्वारा रोहतास के कई युवाओं को तैरने का प्रशिक्षण दिया गया. वहीं, प्रशिक्षण में पास हुए 60 बच्चों को कटार स्थित प्रशिक्षण केंद्र में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. इस मौके पर ट्रेनर मास्टर सतीश कुमार, भुनेश्वर सिंह, सुमित कुमार, राकेश कुमार, मोहम्मद नौशाद आलम को भी सम्मानित किया गया.

इसे भी पढ़े- खगड़िया: बाढ़ के दौरान सुरक्षा को लेकर तैराकी प्रशिक्षण का आयोजन, कई क्षेत्र के बच्चे हुए शामिल

रोहतास में सांस रोकने का दिया गया प्रशिक्षण : इधर, डेहरी अंचलाधिकारी अनामिका कुमारी ने बताया कि प्रत्येक बैच से तकरीबन 30 की संख्या में युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं. इस दौरान युवाओं को तैरने, डूबते हुए लोगों को बचाने, सांस देने और देर तक सांस रोकने का प्रशिक्षण दिया गया. वहीं, दुर्घटना में भी किसी की जान कैसे बचाई जाएं समेत तमाम तरह की बारीकियों का प्रशिक्षण दिया गया. बता दें कि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा युवाओं को तैराकी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सभी पांच अंचल के 300 युवाओं को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया है. प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि 2 महीने की है.

अधिक लोगों की जान बचाना उद्देश्य: वहीं लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी रिजवान फिरदौस ने बताया कि ट्रेनिंग कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य इलाके में डूबने की घटनाओं को रोकना है. साथ ही समय रहते तैराकों की मदद से अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके है. ट्रेनिंग कार्यक्रम को लेकर खास कर यहां के युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. प्रशिक्षित तैराको को प्रशासनिक पदाधिकारियों ने सम्मानित करते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.

"जिले में डूबने से मौत की घटनाओं पर रोकथाम लगाने के लिए तैराकी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था. इस दौरान तीसरे बैच में 60 बच्चों को ट्रेनिंग दी गई. साथ ही उन्हें देर तक सांस रोकने, डबने वाले लोगों को तैरकर बचाने, सांस देने जैसे कई अहम प्रशिक्षण दिया गया." - अनामिका कुमारी, डेहरी अंचलाधिकारी

रोहतास : बिहार में डूबने से मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धी देखने को मिल रही है. ऐसे में इस पर रोकथाम लगाने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण विभाग द्वारा रोहतास के कई युवाओं को तैरने का प्रशिक्षण दिया गया. वहीं, प्रशिक्षण में पास हुए 60 बच्चों को कटार स्थित प्रशिक्षण केंद्र में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. इस मौके पर ट्रेनर मास्टर सतीश कुमार, भुनेश्वर सिंह, सुमित कुमार, राकेश कुमार, मोहम्मद नौशाद आलम को भी सम्मानित किया गया.

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रोहतास में सांस रोकने का दिया गया प्रशिक्षण : इधर, डेहरी अंचलाधिकारी अनामिका कुमारी ने बताया कि प्रत्येक बैच से तकरीबन 30 की संख्या में युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं. इस दौरान युवाओं को तैरने, डूबते हुए लोगों को बचाने, सांस देने और देर तक सांस रोकने का प्रशिक्षण दिया गया. वहीं, दुर्घटना में भी किसी की जान कैसे बचाई जाएं समेत तमाम तरह की बारीकियों का प्रशिक्षण दिया गया. बता दें कि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा युवाओं को तैराकी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सभी पांच अंचल के 300 युवाओं को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया है. प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि 2 महीने की है.

अधिक लोगों की जान बचाना उद्देश्य: वहीं लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी रिजवान फिरदौस ने बताया कि ट्रेनिंग कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य इलाके में डूबने की घटनाओं को रोकना है. साथ ही समय रहते तैराकों की मदद से अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके है. ट्रेनिंग कार्यक्रम को लेकर खास कर यहां के युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. प्रशिक्षित तैराको को प्रशासनिक पदाधिकारियों ने सम्मानित करते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.

"जिले में डूबने से मौत की घटनाओं पर रोकथाम लगाने के लिए तैराकी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था. इस दौरान तीसरे बैच में 60 बच्चों को ट्रेनिंग दी गई. साथ ही उन्हें देर तक सांस रोकने, डबने वाले लोगों को तैरकर बचाने, सांस देने जैसे कई अहम प्रशिक्षण दिया गया." - अनामिका कुमारी, डेहरी अंचलाधिकारी

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