पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया में वज्रपात (thunderstorm in purnia) से एक ही परिवार के दो लोगों की मौत हो गई. दोनों व्यक्ति अपने खेत में काम कर रहे थे. घटना डगरूआ थाना क्षेत्र के एक्वा गांव की है. मृतकों की पहचान मोहम्मद फरीद और मुजीबुल रहमान के रूप (Death due to lightning in Purnia ) में हुई है. परिजनों ने बताया कि दोनों खेत में खाद डाल रहे थे, तभी यह हादसा हुआ. परिवार वाले दोनों को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत बताया. वहीं घटना के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.
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खेत में खाद डालने के दौरान हुआ हादसा: मृतक के परिजन ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से इलाके में काफी गर्मी पड़ रही थी. अचानक मौसम ने अपना मिजाज बदला और गरज के साथ तेज बारिश शुरू हो गई. बारिश से लोगों के चेहरे पर खुशी थी, लेकिन किसी को पता नहीं था कि यह खुशी गम में बदल जाएगी. इसी दौरान मोहम्मद फरीद और मुजीबुल रहमान दोनों खेत में खाद डाल रहे थे. तभी अचानक तेज बारिश शुरू हो गई और दोनों खेत के बीच में लगे ताड़ पेड़ के नीचे आकर छिप गए. तभी अचानक आकाशीय बिजली गिरी और उसकी चपेट में आकर दोनों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. स्थानीय लोगों ने दोनों को अस्पताल लाया. जहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.
''बारिश पड़ने के बाद दोनों धान के खेत में खाद छिटने गए थे. उस दौरान भी जोर की बारिश होने लगी तो दोनों आदमी ताड़ के पेड़ के नीचे बारिश से बचने के लिए खड़े हो गए. तभी आसमान से बिजली गिरी और दोनों की तत्काल मौत हो गई'' - मोहम्मद बिलाल, मृतक के परिजन
वज्रपात से 7 साल में सोलह सौ लोगों की मौत : पिछले महीने भी बिहार में 11 लोगों की वज्रपात से मौत हो गई थी. 27 जुलाई-28 जुलाई की शाम तक बिहार के जमुई (01), कैमूर (03) और बक्सर (01), गया (03), नवादा (02), रोहतास (01) में 11 लोगों की मौत हो गई. बिहार में आकाशीय बिजली यानी वज्रपात से लोगों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. बिहार सरकार की ओर से वज्रपात की जानकारी के लिए पटना सहित खगड़िया, रोहतास, नवादा, पूर्वी चंपारण, दरभंगा और पूर्णिया में कुल आठ अर्थ नेटवर्क सेंसर लगाए गए हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से पटना, गया, दरभंगा में अलग से अर्थ नेटवर्क सेंसर लगे हुए हैं. मौसम विभाग बिहार सरकार (Meteorological Department Government of Bihar) का आपदा विभाग और सूचना जनसंपर्क विभाग के तरफ से यह लगातार दावा होता रहा है कि 3 घंटा पहले वज्रपात और मौसम की जानकारी मुहैया कराई जा रही है.
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