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पूर्णिया: 8वीं के छात्रों ने बनाई ऑटोमेटिक हैंड सैनेटाइजर मशीन, कबाड़ में पड़ी चीजों का किया इस्तेमाल

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Published : May 24, 2021, 10:17 PM IST

लॉकडाउन का समय चल रहा है. बच्चों को घर पर ही रहना पड़ रहा है. ऐसे में पूर्णिया के दो होनहार बच्चों ने समय का सदुपयोग करते हुए कबाड़ के सामान से ऑटोमेटिक हैंड सैनेटाइजर मशीन बनाई हैं.

sensor hand sanitizer made from junk
sensor hand sanitizer made from junk

पूर्णिया: नगीना बाग निवासी सईद रिजवान और सईद नबीन हुसैन ने कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए ऑटोमेटिक हैंड सैनेटाइजर मशीन बनाई है. आठवीं कक्षा के इन छात्रों का कहना है कि इससे संक्रमण तो कम होगा ही साथ ही इस मशीन की पहुंच गरीबों तक भी होगी.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- बिहार की बेटी का कमाल, बना दी कोरोना मरीज की जांच से लेकर देखभाल तक करने वाला रोबोट

बच्चों ने बनाई ऑटोमेटिक हैंड सैनेटाइजर मशीन
पूर्णिया के दो होनहार बच्चों ने ऑटोमेटिक हैंड सैनेटाइजर मशीन बनाई है. कोविड से बचने के लिए कई गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने को कहा जा रहा है. मास्क का इस्तेमाल, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और हैंड सैनिटाइज करने को कहा जा रहा है. लेकिन गरीबों के लिए हैंड सैनिटाइजर मशीन दूर की कौड़ी साबित हो रही है. ऐसे में इन बच्चों ने इस मशीन का अविष्कार किया है.

raw
बिना छुए सैनिटाइज होंगे हाथ

'इसमें हमने वाटर पंप मोटर का इस्तेमाल किया है. सेंसर, कुछ पाइप और एक पुराना नोजल यूज किया है. इस मशीन को कबाड़ के सामान से बनाया गया है.'- सईद रिजवान, आठवीं का छात्र

कबाड़ में पड़ी चीजों का किया गया उपयोग
इन बच्चों ने कबाड़ में फेंके कबाड़ी सामान को उपयोग में ला एक ऐसे सैनिटाइजर मशीन का निर्माण किया है जिसकी लागत 0 रुपये है कहें तो गलत नहीं होगा. इस सेंसर सैनिटाइजर मशीन में कबाड़ में फेंके लैपटॉप के माउस, खिलौने के रिमोट, कुछ वायर, कार्ड बोर्ड और साइकिल में यूज करने वाले नोजल का इस्तेमाल किया है.

परिजनों का कहना है कि
दोनों बच्चे मिलकर कुछ न कुछ करते रहते हैं. ऐसा लगता है दोनों बड़े होकर वैज्ञानिक बनेंगे. ये जो बनना चाहते हैं उसमें परिवार का पूरा सहयोग रहेगा. माता पिता होने के नाते हमें अपने बच्चों पर गर्व है.

पूर्णिया: नगीना बाग निवासी सईद रिजवान और सईद नबीन हुसैन ने कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए ऑटोमेटिक हैंड सैनेटाइजर मशीन बनाई है. आठवीं कक्षा के इन छात्रों का कहना है कि इससे संक्रमण तो कम होगा ही साथ ही इस मशीन की पहुंच गरीबों तक भी होगी.

देखें रिपोर्ट

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बच्चों ने बनाई ऑटोमेटिक हैंड सैनेटाइजर मशीन
पूर्णिया के दो होनहार बच्चों ने ऑटोमेटिक हैंड सैनेटाइजर मशीन बनाई है. कोविड से बचने के लिए कई गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने को कहा जा रहा है. मास्क का इस्तेमाल, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और हैंड सैनिटाइज करने को कहा जा रहा है. लेकिन गरीबों के लिए हैंड सैनिटाइजर मशीन दूर की कौड़ी साबित हो रही है. ऐसे में इन बच्चों ने इस मशीन का अविष्कार किया है.

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बिना छुए सैनिटाइज होंगे हाथ

'इसमें हमने वाटर पंप मोटर का इस्तेमाल किया है. सेंसर, कुछ पाइप और एक पुराना नोजल यूज किया है. इस मशीन को कबाड़ के सामान से बनाया गया है.'- सईद रिजवान, आठवीं का छात्र

कबाड़ में पड़ी चीजों का किया गया उपयोग
इन बच्चों ने कबाड़ में फेंके कबाड़ी सामान को उपयोग में ला एक ऐसे सैनिटाइजर मशीन का निर्माण किया है जिसकी लागत 0 रुपये है कहें तो गलत नहीं होगा. इस सेंसर सैनिटाइजर मशीन में कबाड़ में फेंके लैपटॉप के माउस, खिलौने के रिमोट, कुछ वायर, कार्ड बोर्ड और साइकिल में यूज करने वाले नोजल का इस्तेमाल किया है.

परिजनों का कहना है कि
दोनों बच्चे मिलकर कुछ न कुछ करते रहते हैं. ऐसा लगता है दोनों बड़े होकर वैज्ञानिक बनेंगे. ये जो बनना चाहते हैं उसमें परिवार का पूरा सहयोग रहेगा. माता पिता होने के नाते हमें अपने बच्चों पर गर्व है.

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