पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया (Purnea) जिले से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. पूर्व जिला परिषद सदस्य विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह हत्याकांड (Murder in Purnea) में मृतक की पत्नी अनुलिका सिंह व पिता मनोज कुमार सिंह ने धमदाहा से जदयू विधायक व खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह (Minister Leshi Singh) पर हत्या का आरोप लगाया है. वहीं, इस हत्याकांड के पर्दाफाश के लिए मृतक के परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की है. इधर, विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह की हत्या का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. इसमें देखा जा रहा है कि एक युवक दौड़ते हुए आता है और रिंटू सिंह को गोली मारकर भागता है. वह युवक दोबारा लौटता और फिर रिंटू सिंह को गोली मारता है.
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पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हत्यारे की पहचान की कोशिश की जा रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि उस वक्त हत्यारे के साथ कोई और मौजूद था या नहीं. दूसरी ओर पूर्व जिला परिषद रिंटू सिंह के पिता मनोज कुमार सिंह ने बिहार की खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह पर 100 से अधिक हत्याकांड में शामिल होने का संगीन आरोप लगाया है. वहीं, समूचे मामले पर पुलिस भी स्पष्ट रूप से कुछ भी बोलने से बचती दिखाई दे रही है.
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम को रिंटू सिंह बाइक से सरसी थाना के समीप स्थित स्टेट बैंक के सामने चाय दुकान चाय पीने आए हुए थे. उसी क्रम में अज्ञात अपराधी ने उन्हें गोली मार दी और फरार हो गया. घटना के बाद सरसी पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन में जुट गई है.
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गौरतलब है कि रिंटू सिंह पूर्व में जिला परिषद सदस्य थे. इस बार उनकी पत्नी अंगुलिका सिंह वहां से जिला परिषद सदस्य चुनी गई है. आज से 10 दिन पहले भी रिंटू सिंह ने अपराधियों द्वारा उन पर हमला करने और गोली चलाने का एक आवेदन सरसी थाना में दिया था. उसके बाद शुक्रवार शाम करीब पांच बजे सरसी थाना से महज 100 मीटर दूर रिंटू सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
2015 में पंचायत चुनाव में जिला परिषद से रिंटू सिंह ने अपनी सक्रिय राजनीति की शुरुआत की थी. वे जिप सदस्य के रूप में जीत दर्ज की थी. हाल में नए नगर निकाय गठन के बाद क्षेत्र के परिसीमन का स्वरूप कुछ बदल जाने के कारण उन्होंने पत्नी अनुलिका सिंह को चुनावी अखाड़े में उतारा था. जिला परिषद के चुनाव में उनकी पत्नी अनुलिका सिंह 6 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी. दीपावली से एक दिन पहले 3 नवंबर की शाम मीरगंज से सरसी जाने के क्रम में विश्वजीत सिंह पर फायरिंग भी हुई थी. विश्वजीत ने आशीष सिंह उर्फ़ अटिया पर गोली चलाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया था.
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