पूर्णिया: अनूठी कलाकृतियों के लिए मशहूर गुल्लू दा को भला कौन नहीं जानता ? अपनी कलाकृतियों को लेकर वे अक्सर चर्चा में रहते हैं. बेकार समझी जाने वाली संठी से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की पेंटिंग (President Murmu's painting from Santhi) बनाकर वे एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. आमतौर पर घर के जलावन और आंगन की ठाठ में इस्तेमाल की जाने वाली संठी से बनी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की पेंटिंग राष्ट्रपति भवन रायसीना हिल (Raisina Hill) पहुंच चुकी है. अपनी इस खास कलाकृति के जरिए आर्टिस्ट गुल्लू दा ने लोकल को ग्लोबल बनाने का संदेश दिया है.
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जूट, पुआल और पेंट का इस्तेमाल : संठी से बनी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की पेंटिंग तैयार करने में जूट, पुआल और पेंट का ऐसा बेहतरीन इस्तेमाल किया गया है कि राष्ट्रपति भवन की दीवारें बोल उठेंगी. ईटीवी भारत से खास बातचीत में आर्टिस्ट गुल्लू दा ने बताया कि प्रत्येक राज्य की अपनी अलग कलाकृति होती है. पूर्णिया की भी यह विशेष पहचान है. ओडिशा में आप शंख की बनी चीजें बहुत देखेंगे. मुरादाबाद में पीतल, असम में बांस और केरल में नारियल से बनी चीजें आज ग्लोबल हैं. ठीक उसकी तरह पूर्णिया में पटुआ से निकलने वाली संठी की विशेष पहचान है.
राष्ट्रपति को भेंट में जमीन से जुड़ी चीज :किशोर कुमार राय उर्फ गुल्लू दा कहते हैं कि जमीन से जुड़ी हमारी राष्ट्रपति को भेंट में ऐसी कोई चीज दी जाए जो जमीन से जुड़ी हो. तब मैंने संठी, जूट और पुआल से इसको बनाने का सोचा. गुल्लू दा नेशनल अवार्ड विनर पेंटर हैं. इनको वर्ष 2008 में पूर्व राष्ट्रपति की पेंटिंग बनाने को लेकर यह अवार्ड मिला था. उन्होंने कहा कि असम में बांस और केरल में नारियल से बनी चीजें आज ग्लोबल हैं. ठीक उसकी तरह पूर्णिया में पटुआ से निकलने वाली संठी की विशेष पहचान है.
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