पूर्णिया: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को लेकर राज्य सरकार ने जहां 11 अप्रैल तक निजी कोचिंग संस्थानों से लेकर स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है. वहीं, शिक्षण संस्थानों पर लटके ताले ने शिक्षकों की चिंता एक बार फिर से बढ़ा दी है. जिसके बाद जिले के निजी कोचिंग संस्थानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीएम राहुल कुमार को ज्ञापन सौंपकर संस्थानों को खोलने देने की अनुमति मांगी है.
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डीएम से की मुलाकात
डीएम को ज्ञापन सौंपने आए कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पिछले साल लॉकडाउन के कारण बच्चों की पढ़ाई समुचित तरीके से नहीं हो पाई थी. इसका व्यापक असर बच्चों के परीक्षा परिणाम पर पड़ा है. लगातार कोचिंग संस्थानों के बंद रहने के कारण लाखों रुपये का किराया और बिजली बिल का बकाया हो गया है.
समस्याओं से घिरे शिक्षक
प्राइवेट शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रसन्न सिंह ने कहा कि पिछली बार की त्रासदी के कारण निजी शिक्षक अब तक आर्थिक और मानसिक तंगी से गुजर रहे हैं. जीविकोपार्जन के लिए उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है. कोरोना काल में निजी संस्थानों को बहुत नुकसान हुआ है. वह इतने घाटे में हैं कि बिजली का बिल और अन्य एमआई भी नहीं दे सकते हैं.
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12 अप्रैल से शिक्षण संस्थान खोलने की मांग
शिक्षकों ने कहा कि अगर पिछले साल की तरह इस साल भी किसी स्थिति में कोचिंग संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया जाता है तो शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों का भी भविष्य अधर में लटक जाएगा. उन्होंने ज्ञापन सौंपकर जिला प्रशासन से मांग की है, कि शिक्षकों की संवेदनाओं को सरकार तक पहुंचाया जाए. 11 अप्रैल से नए नियम शर्तों के साथ कोचिंग संस्थानों के संचालन से जुड़े आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाए.