पटना: मकर संक्रांति के अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों में पतंग उड़ाने की परंपरा का विशेष महत्व होता है. पटना में भी इस पर्व के दौरान पतंग बाजार सज चुका है. यहां विभिन्न प्रकार की पतंगें और लटाइयाँ आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. पतंग बनाने वाले परिवारों के लिए यह समय खास होता है, और वे बड़ी संख्या में पतंगों का निर्माण कर उन्हें बाजार में भेजते हैं.
पटना सिटी में पतंग बाजार: पटना सिटी में कई परिवारों का मुख्य पेशा पतंग बनाना है. मकर संक्रांति के आसपास पटना सिटी सहित राजधानी के हर मोहल्ले में पतंगों और लटाइयों की दुकानें सज जाती हैं. व्यापारी अपने ग्राहकों को उनकी पसंद की पतंग और लटाई उपलब्ध कराते हैं, जिनमें बच्चों के पसंदीदा कार्टून और फिल्मी पात्र शामिल होते हैं.
बच्चों के लिए आकर्षक पतंगें: इस बार बाजार में बच्चों के लिए विशेष रूप से कार्टून और फिल्मी पात्रों वाली पतंगें उपलब्ध हैं. डोरेमोन, मोटू पतलू, शिन-चैन, मिकी माउस, स्पाइडर मैन जैसी पतंगें खास तौर पर बच्चों के बीच लोकप्रिय हैं. इन आकर्षक पतंगों के कारण बच्चों का उत्साह दोगुना हो गया है.
मोदी-योगी और फिल्मी सितारों की पतंग: पटना सिटी के पतंग व्यापारी धर्मेंद्र के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो वाली पतंगें पहले ही बिक चुकी हैं. इसके अलावा फिल्मी सितारे जैसे अल्लू अर्जुन की फोटो वाली पतंग भी आउट ऑफ मार्केट हो चुकी है. इस साल बच्चों के कार्टून कैरेक्टर वाली पतंगों की डिमांड ज्यादा रही है.
बिहार में पतंग की व्यापक सप्लाई: पतंग व्यापारी मोनू कुमार का कहना है कि 2025 में अल्लू अर्जुन, मोदी, और योगी के पतंगों की डिमांड सबसे ज्यादा थी, लेकिन अभी बच्चों के लिए कार्टून कैरेक्टर वाली पतंगें ही सबसे ज्यादा बिक रही हैं. इस बार पतंग बाजार में अच्छे व्यापार हो रहे हैं और बिक्री बढ़ी है.
पतंग की कीमतें: पटना में पतंग की कीमतें विभिन्न होती हैं. थोक बाजार में छोटी पतंग 300 रुपये प्रति सैकड़ा और बड़ी पतंग 500 रुपये प्रति सैकड़ा मिलती है. खुदरा बाजार में छोटी पतंग 8 से 10 रुपये और बड़ी पतंग 15 से 20 रुपये प्रति पीस बिक रही हैं. व्यापारियों का कहना है कि वे थोक दर पर सामान बेचते हैं, लेकिन ग्राहकों की इच्छा होती है कि कम से कम कीमत पर पतंग मिले.
रंग-बिरंगी लटाई : पतंग उड़ाने के लिए लटाई भी बाजार में विभिन्न वैरायटी में उपलब्ध है. स्थानीय लड़ाई 50 रुपये से लेकर 500 रुपये तक की मिलती है, वहीं चाइनीज लड़ाई भी अनेक डिजाइनों में बाजार में उपलब्ध हैं. थोक बाजार में लटाई की कीमत 30 रुपये से 1500 रुपये तक हो सकती है.
पतंग निर्माण और सप्लाई: मकर संक्रांति के आसपास पतंग बनाने का काम पहले से शुरू हो जाता है. पटना के अलावा बिहार के विभिन्न जिलों जैसे आरा, वैशाली, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, सिवान, छपरा, मोतिहारी, समस्तीपुर, दरभंगा आदि से भी व्यापारी पतंग खरीदने पटना आते हैं. प्लास्टिक और कागज की पतंगों दोनों की ही मांग बाजार में देखी जाती है.
5 करोड़ तक पतंग बाजार का कारोबार: मकर संक्रांति के मौके पर पतंग का बाजार काफी बढ़ गया है. पिछले कुछ वर्षों में लोगों के बीच पतंग उड़ाने के प्रति बढ़ती रुचि के कारण इसका कारोबार और बिक्री भी बढ़ी है. मोनू कुमार के अनुसार, बिहार में इस सीजन में करीब 5 से 6 करोड़ रुपये तक का पतंग कारोबार होता है.
ऑनलाइन पतंग की उपलब्धता: अब लोकल बाजार के अलावा ऑनलाइन भी पतंग और उससे जुड़े सामान आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं. फ्लिपकार्ट, अमेज़न, स्नैपडील, मीशो जैसी साइट्स पर लोग घर बैठे पतंग और लटाई मंगवा सकते हैं. ऑनलाइन पतंगों की कीमत 50 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक हो सकती है.
ये भी पढ़ें
मकर संक्रांति 2025 कब है 14 या 15 जनवरी, जानें, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि