पूर्णियाः रिश्तों को जोड़ना कोई आसान काम नहीं है. पूर्णिया पुलिस (Purnea Police) परिवार परामर्श केंद्र इस काम को कई वर्षों से करता आ रहा है. इस पर लोगों का विश्वास इस कदर है कि विजयादशमी के दिन लोग मेला-तमाशा छोड़ रिश्तों को बचाने के लिए यहां जुटे हुए हैं. उनकी उम्मीदों पर खड़ा उतरने के लिए पुलिस परिवार परामर्श केंद्र के अधिकारी और कर्मी छुट्टी रहते हुए भी मामलों की सुनवाई में लगे हुए हैं.
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कहा जाता है कि विजयादशमी में बेटी की विदाई मायके से ससुराल की जाती है. और आज का दिन बेटी के लिए शुभ माना जाता है. आज दुर्गा पूजा की छुट्टी रहते हुए पूर्णिया स्थित पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में बेटियों की विदाई के लिए सुनवाई जारी है. वहां पहले से तय मामलों की सुनवाई हो रही है. मामले से जुड़े लोग विजयादशमी के अवसर पर आज इस यकीन के साथ पहुंचे हैं कि वे अपना बहुमूल्य समय देंगे तो उनके टूटे रिश्ते फिर से जुट जायेंगे.
ज्ञात हो कि प्रत्येक शुक्रवार पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में सुनवाई होती है. मगर विजयादशमी को ले छुट्टी के बाद भी केंद्र खोलकर रखा गया है. इस बारे में पहले ही जानकारी फरियादियों को दे दी गई थी कि विजयादशमी के शुभ अवसर पर यह केंद्र उन लोगों के लिए खुला रहेगा. उनकी कोशिश रहेगी कि किसी वजह से रिश्तों में पड़े दरार को लेकर यह केंद्र दूर कर इस पावन पर्व के अवसर पर मिलाने का काम करेगा, यहां कुछ ऐसा हुआ भी.
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कई जोड़े पति-पत्नी के बीच पिछले 10 से 15 वर्षों से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था और वे लोग एक दूसरे से अलग रहते थे. मगर उन जोड़ियों को भी आज मिलाकर मायके से ससुराल भेजा गया. साथ ही साथ लड़कियों को भी यह समझाया गया कि शादी के बाद मायके नहीं ससुराल उसका अपना परिवार होता है. छोटी-छोटी बात को लेकर रिश्ते में दरार नहीं आनी चाहिए.
पुलिस परिवार केंद्र के सदस्य दिलीप कुमार दीपक ने बताया कि पुलिस परिवार परामर्श केंद्र को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कई बार सम्मान मिल चुका है. अभी तक कुल छह बार मुख्यमंत्री से पुरस्कार मिल चुका है.