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पूर्णिया: शुरू हुई बस सेवा, नियमों को ताक पर रख कोरोना को दावत दे रहे लोग

कुछ नियम और शर्तों के साथ जिले में बस सेवाएं मंगलवार से प्रारंभ कर दी गई. लोग मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजर का प्रयोग कर यात्रा कर रहे हैं. वहीं इस दौरान कुछ ऐसे भी लोग दिखे जो कोरोना को खुलेआम दावत देते नजर आए.

Purnia
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Published : Aug 25, 2020, 10:32 PM IST

Updated : Aug 28, 2020, 11:59 PM IST

पूर्णिया: कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर जिले में 6 सिंतबर तक लॉकडाउन लागू है. वहीं कुछ नियम और शर्तों के साथ जिले में बस सेवाएं मंगलवार से प्रारंभ कर दी गई. लोग मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजर का प्रयोग कर यात्रा कर रहे हैं. वहीं इस दौरान कुछ ऐसे भी लोग दिखे जो कोरोना को खुलेआम दावत देते नजर आए.

वैसे बस सेवाएं शुरू होते ही जो लोग लॉकडाउन के समय से ही जिले में फंसे थे, आखिरकार उन्हें राहत मिली है. वापसी के लिए कई लोग सुबह से ही बसों का इंतजार करते दिखाई दिए. वहीं इसमें ज्यादातर प्रवासी मजदूर शामिल हैं जो लॉकडाउन के बाद से ही घरों में फंसे थे.

बस स्टैंड पर उमड़े यात्री
बस संचालकों और स्टाफ ने बताया कि उनके लिए यह निर्णय बेहद राहत भरा है. बस सेवाओं पर ब्रेक लगने के बाद से बस मालिक समेत स्टाफ गहरी आर्थिक दिक्कतों से गुजर रहे थे. सबसे अधिक प्रभावित स्टाफ कुली और बस ड्राइवर थे, जिन्हें भीषण आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ा.

कोरोना को खुलेआम निमंत्रण दे रहे लोग
बता दें कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार की ओर से सफर को लेकर लिए कई शर्त और नियम तय किए गए हैं. वहीं कई बसों को न तो सेनेटाइज किया गया न ही इसमें सवारी कर रहे लोग मास्क लगाए नजर आए. वहीं कई बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का के नियमों का भी ठीक से पालन नहीं किया जा रहा है. ऐसे में कई लोग कोरोना संक्रमण को खुलेआम निमंत्रण देते नजर आए.

पूर्णिया: कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर जिले में 6 सिंतबर तक लॉकडाउन लागू है. वहीं कुछ नियम और शर्तों के साथ जिले में बस सेवाएं मंगलवार से प्रारंभ कर दी गई. लोग मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजर का प्रयोग कर यात्रा कर रहे हैं. वहीं इस दौरान कुछ ऐसे भी लोग दिखे जो कोरोना को खुलेआम दावत देते नजर आए.

वैसे बस सेवाएं शुरू होते ही जो लोग लॉकडाउन के समय से ही जिले में फंसे थे, आखिरकार उन्हें राहत मिली है. वापसी के लिए कई लोग सुबह से ही बसों का इंतजार करते दिखाई दिए. वहीं इसमें ज्यादातर प्रवासी मजदूर शामिल हैं जो लॉकडाउन के बाद से ही घरों में फंसे थे.

बस स्टैंड पर उमड़े यात्री
बस संचालकों और स्टाफ ने बताया कि उनके लिए यह निर्णय बेहद राहत भरा है. बस सेवाओं पर ब्रेक लगने के बाद से बस मालिक समेत स्टाफ गहरी आर्थिक दिक्कतों से गुजर रहे थे. सबसे अधिक प्रभावित स्टाफ कुली और बस ड्राइवर थे, जिन्हें भीषण आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ा.

कोरोना को खुलेआम निमंत्रण दे रहे लोग
बता दें कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार की ओर से सफर को लेकर लिए कई शर्त और नियम तय किए गए हैं. वहीं कई बसों को न तो सेनेटाइज किया गया न ही इसमें सवारी कर रहे लोग मास्क लगाए नजर आए. वहीं कई बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का के नियमों का भी ठीक से पालन नहीं किया जा रहा है. ऐसे में कई लोग कोरोना संक्रमण को खुलेआम निमंत्रण देते नजर आए.

Last Updated : Aug 28, 2020, 11:59 PM IST
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