पूर्णिया: सर्दी के दस्तक से सदर अस्पताल आने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं पहले से कायम कोरोना काल ने इनकी परेशानियों को दोगुना कर दिया है. लिहाजा सीमांचल और कोसी का सेंटर ऑफ पॉइंट होने के कारण हजारों की आबादी सदर अस्पताल पर केंद्रित है. जिन्हें इन दिनों घण्टों लाइन में लगने के बावजूद बगैर इलाज के खाली हाथ घर वापस लैटना पड़ रहा है.
7 जिलों के मरीज सदर अस्पताल का करते हैं रुख
दरअसल सीमांचल के 4 जिले पूर्णिया, अरिरिया, कटिहार, किशनगंज और कोसी के 3 जिले सहरसा, सुपौल और मधेपुरा की आबादी सदर अस्पताल पर केंद्रित है. कुछ यही वजह है कि इसे लोग सीमांचल के एम्स के नाम से भी जानते हैं. वहीं बंगाल के पश्चिम दिनाजपुर और नेपाल के सीमावर्ती हिस्सों के लोग भी बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल का रुख करते हैं.
मरीजों को हो रही परेशानी
हालांकि इन दिनों सर्द के दस्तक के साथ जिले के अलावा इन क्षेत्रों से आने वाली आबादी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर परेशानियां अस्पताल के व्यस्ततम रहने वाले ओपीडी सेवाओं में कहीं अधिक गहरी मालूम पड़ रही है. ओपीडी सेवाओं के तहत कुल 12 विभाग संचालित हैं. जहां इलाज के लिए रोजाना हजारों मरीज पहुंच रहे हैं. हालांकि दिन भर लाइन में लगने और पूरा दिन जाया कराने के बावजूद इन मरीजों को खाली हाथ ही वापस घर लौटना पड़ रहा है.
बगैर इलाज के वापस लौट रहे मरीज
मरीजों ने बताया कि सर्द में दिन छोटा होने से ओपीडी सेवाओं की समयावधि में बदलाव की गई है. इसके बाद ये टाइमिंग सुबह 10-12 की हो गई है. जबकि ये टाइमिंग 8-12 की थी. वहीं संध्या के 4-6 की अवधि को पूर्व की तरह फिक्स रखा गया है. लिहाजा दिन छोटा होने से समय का पता नहीं चलता और समय अंतराल कम होने से मरीजों को बगैर जांच के लौटना पड़ रहा है.
मरीजों ने की समय बदलाव की मांग
ओपीडी सेवा पंहुचे मरीज ने बताया कि वे मंगलवार को लाइन में लगे थी, भीड़ अधिक होने के कारण पर्ची कटाने में उनका ज्यादातर समय निकल गया. जिसके बाद बुधवार को दोबारा इलाज के लिए ओपीडी विभाग आना पड़ा. हालांकि सर्द के दस्तक के साथ ही समय अवधि घटाने से कई मरीजों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. ऐसे में समयावधि बढाने की जरूरत है.
बदलाव का आश्वासन
सिविल सर्जन उमेश शर्मा ने आश्वस्त किया कि इस परेशानी पर गौर करते हुए जल्द ही इसकी समयावधि परिवर्तित कर दी जाएगी.