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पूर्णिया: पुरैनिया महोत्सव के दूसरे दिन पैनल डिस्कशन का आयोजन - Deputy Mayor Vibha Kumari

कार्यक्रम की शुरूआत साहित्य और महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर सार्थक चर्चा के साथ हुई. जहां कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रामनाथ गोयनका अवार्ड से सम्मानित अनु सिंह चौधरी और जिले के डीएम राहुल कुमार ने अपने बहुमूल्य विचार साझा किए.

पुरैनिया महोत्सव का दूसरा दिन
पुरैनिया महोत्सव का दूसरा दिन
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Published : Feb 16, 2020, 3:58 AM IST

पूर्णिया: शुक्रवार को जिले के इंदिरा गांधी स्टेडियम में प्रथम राजकीय उत्सव पुरैनिया महोत्सव और जिले की 250वीं स्थापना दिवस समारोह का रंगारंग उद्घाटन किया गया था. वहीं कार्यक्रम के दूसरे दिन जिले के रूपवानी सिनेमा हॉल में साहित्य और महिला सशक्तिकरण विषय पर पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया.

'आज लिखेंगे कल'
कार्यक्रम की शुरूआत साहित्य और महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर सार्थक चर्चा के साथ हुई. जहां कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रामनाथ गोयनका अवार्ड से सम्मानित अनु सिंह चौधरी और जिले के डीएम राहुल कुमार ने अपने बहुमूल्य विचार साझा किए. साथ ही पूर्णिया महोत्सव के दूसरे और आखिरी दिन साहित्य और महिला सशक्तिकरण पर पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया जिसका थीम आज लिखेंगे कल रहा.

पूर्णिया
शिखा जायसवाल, पैनल डिस्कशन अतिथि

'स्थानीय भागीदारी ने कार्यक्रम की सार्थकता को किया सिद्ध'
प्रशिक्षु आईएएस प्रतिभा रानी ने कहा कि कार्यक्रम का मकसद महिलाओं को सकारात्मक परिवेश उपलब्ध कराना है. महिलाओं के लिए समाज की सोच और नजरिया दोनों ही बदला है. हालांकि, सुदूर गांव में रहने वाली महिलाओं को सकारात्मक परिवेश उपलब्ध कराने की आज भी जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों की बड़ी भागीदारी ने कार्यक्रम की सार्थकता को सिद्ध किया है.

पूर्णिया
कार्यक्रम आयोजन स्थल

'बेटे भी पराठे बनाएं और बेटियां सीखें कराटे'
वहीं, पैनल डिस्कशन की अतिथि शिखा जायसवाल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों का मकसद बेटे और बेटियों के बीच के फर्क को जड़ से खत्म करना है. हमें ऐसे समाज का निर्माण कत्तई नहीं करना जहां हमारे अंधे प्यार की वजह से बेटे रावण बन जाए. हमे चाहिए कि बेटियों को उनकी उनकी सीमाएं बताने के स्थान पर हम उन्हें स्वतंत्रता दें. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें ऐसे भारत का निर्माण करना है जहां बेटे भी पराठे बनाएं और बेटियां कराटे सीखें.

पेश है रिपोर्ट

जिले के 250वीं वर्षगांठ का था मौका
गौरतलब है कि मौका बिहार के सबसे प्राचीनतम जिलों में से एक पूर्णिया जिले के 250वीं वर्षगांठ का था. लिहाजा, 14 फरवरी 1770 से अब तक बदलाव और विकास के सफर को समेटे 'कॉफी विथ टेबल' नाम की पुस्तक का विमोचन किया गया. इसी के साथ वह पल जिसका लोगों को बेसब्री से इंतेजार था. मंचासीन अतिथियों के संबोधन के साथ खत्म हुआ. बता दें कि समारोह को विधायक लेशी सिंह, जिप अध्यक्ष क्राति देवी, मेयर सबिता देवी, डिप्टी मेयर विभा कुमारी ने भी संबोधित किया.

पूर्णिया: शुक्रवार को जिले के इंदिरा गांधी स्टेडियम में प्रथम राजकीय उत्सव पुरैनिया महोत्सव और जिले की 250वीं स्थापना दिवस समारोह का रंगारंग उद्घाटन किया गया था. वहीं कार्यक्रम के दूसरे दिन जिले के रूपवानी सिनेमा हॉल में साहित्य और महिला सशक्तिकरण विषय पर पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया.

'आज लिखेंगे कल'
कार्यक्रम की शुरूआत साहित्य और महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर सार्थक चर्चा के साथ हुई. जहां कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रामनाथ गोयनका अवार्ड से सम्मानित अनु सिंह चौधरी और जिले के डीएम राहुल कुमार ने अपने बहुमूल्य विचार साझा किए. साथ ही पूर्णिया महोत्सव के दूसरे और आखिरी दिन साहित्य और महिला सशक्तिकरण पर पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया जिसका थीम आज लिखेंगे कल रहा.

पूर्णिया
शिखा जायसवाल, पैनल डिस्कशन अतिथि

'स्थानीय भागीदारी ने कार्यक्रम की सार्थकता को किया सिद्ध'
प्रशिक्षु आईएएस प्रतिभा रानी ने कहा कि कार्यक्रम का मकसद महिलाओं को सकारात्मक परिवेश उपलब्ध कराना है. महिलाओं के लिए समाज की सोच और नजरिया दोनों ही बदला है. हालांकि, सुदूर गांव में रहने वाली महिलाओं को सकारात्मक परिवेश उपलब्ध कराने की आज भी जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों की बड़ी भागीदारी ने कार्यक्रम की सार्थकता को सिद्ध किया है.

पूर्णिया
कार्यक्रम आयोजन स्थल

'बेटे भी पराठे बनाएं और बेटियां सीखें कराटे'
वहीं, पैनल डिस्कशन की अतिथि शिखा जायसवाल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों का मकसद बेटे और बेटियों के बीच के फर्क को जड़ से खत्म करना है. हमें ऐसे समाज का निर्माण कत्तई नहीं करना जहां हमारे अंधे प्यार की वजह से बेटे रावण बन जाए. हमे चाहिए कि बेटियों को उनकी उनकी सीमाएं बताने के स्थान पर हम उन्हें स्वतंत्रता दें. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें ऐसे भारत का निर्माण करना है जहां बेटे भी पराठे बनाएं और बेटियां कराटे सीखें.

पेश है रिपोर्ट

जिले के 250वीं वर्षगांठ का था मौका
गौरतलब है कि मौका बिहार के सबसे प्राचीनतम जिलों में से एक पूर्णिया जिले के 250वीं वर्षगांठ का था. लिहाजा, 14 फरवरी 1770 से अब तक बदलाव और विकास के सफर को समेटे 'कॉफी विथ टेबल' नाम की पुस्तक का विमोचन किया गया. इसी के साथ वह पल जिसका लोगों को बेसब्री से इंतेजार था. मंचासीन अतिथियों के संबोधन के साथ खत्म हुआ. बता दें कि समारोह को विधायक लेशी सिंह, जिप अध्यक्ष क्राति देवी, मेयर सबिता देवी, डिप्टी मेयर विभा कुमारी ने भी संबोधित किया.

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