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पूर्णिया: मुनाफाखोरी के खिलाफ प्याज व्यापारी ने खोला मोर्चा, दर्ज कराई एफआईआर

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Published : Dec 28, 2020, 2:00 PM IST

पूर्णिया में मुनाफाखोरी के खिलाफ प्याज व्यापारी ने मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि नासिक में कुछ बिचौलियों की मनमानी और दबंगई के कारण सीमांचल में प्याज के दाम लगातार बढ़ाए जा रहे हैं.

Onion businessman filed FIR in purnea
Onion businessman filed FIR in purnea

पूर्णिया: नासिक से सीमांचल आने वाली प्याज के रैकों पर ब्रेक लगाए जाने से एक तरफ जहां लोगों को पहले से अधिक जेबें ढ़ीली करनी पड़ रही है. वहीं प्याज और मक्के का व्यापार करने वाले बड़े व्यापारी परेशान हैं. मामला नासिक से प्याज का व्यापार करने वाले शहर के जाने-माने व्यापारी से जुड़ा है. जहां नासिक के प्याज व्यापारी संघ के प्रेसिडेंट सोहन लाल भंडारी के खिलाफ प्याज व्यवसाई सुरेंद्र कुमार भगत ने सदर थाने में मामला दर्ज कराया है.

प्याज के दाम में बढ़ोतरी
नासिक से दोबारा सीमांचल के लिए प्याज के रेलवे रैकों को सुचारू किया जा सके, इसके लिए व्यापारी ने पीएम से लेकर कृषि मंत्री समेत कुल 19 पदाधिकारियों को पत्र लिखा है. गुरुवार को इसको लेकर नासिक में प्याज के रैकों में चल रही बिचौलियों की कमीशनखोरी और दबंगई से परेशान शहर के जाने-माने प्याज व्यापारी सुरेंद्र कुमार भगत ने अपनी परेशानियों को साझा करते हुए कहा कि नासिक में कुछ बिचौलियों की मनमानी और दबंगई के कारण सीमांचल में प्याज के दाम लगातार बढ़ाए जा रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

"प्याज की रैकजो नासिक से सीमांचल के लिए खोली जा रही थी, चंद बिचौलियों के कारण उसके ऊपर ब्रेक लग गया है. लिहाजा एक तरफ जहां 'एक देश एक मंडी' की बात की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ बिचौलिए पीएम के इस सपने को बट्टा लगा रहे हैं"- सुरेंद्र कुमार भगत, व्यापारी

कमीशन न देने को लेकर विवाद
नासिक के प्याज व्यापारी संघ के प्रेसिडेंट सोहन लाल भंडारी की दबंगई को इसका मुख्य कारण बताते हुए सुरेंद्र कुमार भगत ने कहा कि कुछ माह पूर्व कमीशन न देने को लेकर उनके बीच विवाद हुआ था. जिसके बाद सुरेंद्र सीधे किसान से प्याज की खरीदी कर पूर्णिया लाना चाह रहे थे. यह नासिक के व्यापारी संघ के अध्यक्ष को नागवार गुजरा. जिसके बाद पहले तो नासिक से सीमांचल आने वाले प्याज के रेलवे रैकों पर रोक लगाया गया. इसके बाद उन्हें और उनके परिवार को तरह-तरह की धमकी आने लगी. फर्जी केसों से लाद दिया गया. जिसके बाद उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ते हुए पुलिस का दरवाजा खटखटाया है.

सीएम को लिखा पत्र
ससमय प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाया जा सके, इसके लिए नासिक से सीमांचल के बीच प्याज के रैकों की सेवा दोबारा बहाल करने को लेकर पीएम मोदी से लेकर सीएम तक को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया है.

"इससे एक देश एक मंडी के रास्ते सुगम होंगे. ऐसे स्थानीय बिचौलियों के बजाए किसानों से सीधे प्याज खरीदेंगे. इससे सीमांचल में सस्ती कीमतों पर प्याज बेची जा सकेगी. वहां के बिचौलियों के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है"- सुरेंद्र कुमार भगत, व्यापारी

जान से मारने की धमकी

सुरेंद्र भगत ने किसान बिल को उचित ठहराते हुए कहा कि इससे बिचौलिए का कमीशन खत्म हो जाएगा और वे किसानों का प्याज खरीद पाएंगे. हालांकि उन्हें परेशान करने के लिए नासिक में बैठे बिचौलिए अपनी दबंगई दिखाकर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. लिहाजा जब तक केंद्र और राज्य सरकार उनका सहयोग नहीं करती, व्यापार को पूर्व की तरह सुचारू रखने के लिए उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराया जाता, तब तक नासिक और पूर्णिया के बीच प्याज की रैंकों का कारोबार पूर्व की तरह सुचारू रखना संभव नहीं है.

कमीशन खोरों को बोलबाला
सुरेन्द्र कुमार भगत ने सोहनलाल भंडारी के खिलाफ कागजात पेश करते हुए कहा कि उनके पास पुख्ता प्रमाण है. जिससे यह साबित होता है कि नासिक में ऐसे कमीशन खोरों को बोलबाला है. इसलिए वे आगे कानूनी लड़ाई लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे.

पूर्णिया: नासिक से सीमांचल आने वाली प्याज के रैकों पर ब्रेक लगाए जाने से एक तरफ जहां लोगों को पहले से अधिक जेबें ढ़ीली करनी पड़ रही है. वहीं प्याज और मक्के का व्यापार करने वाले बड़े व्यापारी परेशान हैं. मामला नासिक से प्याज का व्यापार करने वाले शहर के जाने-माने व्यापारी से जुड़ा है. जहां नासिक के प्याज व्यापारी संघ के प्रेसिडेंट सोहन लाल भंडारी के खिलाफ प्याज व्यवसाई सुरेंद्र कुमार भगत ने सदर थाने में मामला दर्ज कराया है.

प्याज के दाम में बढ़ोतरी
नासिक से दोबारा सीमांचल के लिए प्याज के रेलवे रैकों को सुचारू किया जा सके, इसके लिए व्यापारी ने पीएम से लेकर कृषि मंत्री समेत कुल 19 पदाधिकारियों को पत्र लिखा है. गुरुवार को इसको लेकर नासिक में प्याज के रैकों में चल रही बिचौलियों की कमीशनखोरी और दबंगई से परेशान शहर के जाने-माने प्याज व्यापारी सुरेंद्र कुमार भगत ने अपनी परेशानियों को साझा करते हुए कहा कि नासिक में कुछ बिचौलियों की मनमानी और दबंगई के कारण सीमांचल में प्याज के दाम लगातार बढ़ाए जा रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

"प्याज की रैकजो नासिक से सीमांचल के लिए खोली जा रही थी, चंद बिचौलियों के कारण उसके ऊपर ब्रेक लग गया है. लिहाजा एक तरफ जहां 'एक देश एक मंडी' की बात की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ बिचौलिए पीएम के इस सपने को बट्टा लगा रहे हैं"- सुरेंद्र कुमार भगत, व्यापारी

कमीशन न देने को लेकर विवाद
नासिक के प्याज व्यापारी संघ के प्रेसिडेंट सोहन लाल भंडारी की दबंगई को इसका मुख्य कारण बताते हुए सुरेंद्र कुमार भगत ने कहा कि कुछ माह पूर्व कमीशन न देने को लेकर उनके बीच विवाद हुआ था. जिसके बाद सुरेंद्र सीधे किसान से प्याज की खरीदी कर पूर्णिया लाना चाह रहे थे. यह नासिक के व्यापारी संघ के अध्यक्ष को नागवार गुजरा. जिसके बाद पहले तो नासिक से सीमांचल आने वाले प्याज के रेलवे रैकों पर रोक लगाया गया. इसके बाद उन्हें और उनके परिवार को तरह-तरह की धमकी आने लगी. फर्जी केसों से लाद दिया गया. जिसके बाद उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ते हुए पुलिस का दरवाजा खटखटाया है.

सीएम को लिखा पत्र
ससमय प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाया जा सके, इसके लिए नासिक से सीमांचल के बीच प्याज के रैकों की सेवा दोबारा बहाल करने को लेकर पीएम मोदी से लेकर सीएम तक को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया है.

"इससे एक देश एक मंडी के रास्ते सुगम होंगे. ऐसे स्थानीय बिचौलियों के बजाए किसानों से सीधे प्याज खरीदेंगे. इससे सीमांचल में सस्ती कीमतों पर प्याज बेची जा सकेगी. वहां के बिचौलियों के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है"- सुरेंद्र कुमार भगत, व्यापारी

जान से मारने की धमकी

सुरेंद्र भगत ने किसान बिल को उचित ठहराते हुए कहा कि इससे बिचौलिए का कमीशन खत्म हो जाएगा और वे किसानों का प्याज खरीद पाएंगे. हालांकि उन्हें परेशान करने के लिए नासिक में बैठे बिचौलिए अपनी दबंगई दिखाकर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. लिहाजा जब तक केंद्र और राज्य सरकार उनका सहयोग नहीं करती, व्यापार को पूर्व की तरह सुचारू रखने के लिए उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराया जाता, तब तक नासिक और पूर्णिया के बीच प्याज की रैंकों का कारोबार पूर्व की तरह सुचारू रखना संभव नहीं है.

कमीशन खोरों को बोलबाला
सुरेन्द्र कुमार भगत ने सोहनलाल भंडारी के खिलाफ कागजात पेश करते हुए कहा कि उनके पास पुख्ता प्रमाण है. जिससे यह साबित होता है कि नासिक में ऐसे कमीशन खोरों को बोलबाला है. इसलिए वे आगे कानूनी लड़ाई लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे.

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