पूर्णिया: कोरोना संकटकाल में सरकार प्रदेशों से लौट रहे प्रवासी श्रमिकों की स्किल मैपिंग कर रोजगार के विकल्प तलाश रही है. वहीं सरकार के इस प्रयास को अब पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों का भी साथ मिलने लगा है. जिले के डगरुआ प्रखंड के एक मुखिया ने अच्छी पहल की है. अपने पंचायत के 30 से अधिक परिवार की महिलाओं को सिलाई मशीन दिया. साथ में मास्क बनाने का काम मुहैया कराया है.
30 महिलाओं को मिला रोजगार
मुखिया की ओर से शुरू की गई यह अनूठी पहल जिले के डगरुआ प्रखंड के टौली पंचायत की है. जहां मुखिया शमसाद आलम ने अपने पंचायत में रोजगार छिन जाने से परेशान महिलाओं के लिए गांव में ही स्वरोजगार केंद्र खोल दिया है. इसमें 30 महिलाओं को बिना किसी शुल्क के मास्क बनाने का काम सौंपा गया है. वहीं आने वाले कुछ दिनों में इन महिलाओं की संख्या 50 से अधिक होगी. साथ ही क्वॉरंटीन अवधी से वापस लौटने के बाद यहां के पुरुषों को भी अलग से शेड बनाकर मास्क निर्माण का काम मुहैया कराने की दिशा में काम शुरू हो गया है.
मास्क पहनना अनिवार्य
कोरोना के इस दौर में मास्क को पहनना सरकार की ओर से अनिवार्य कर दिया गया है. मुखिया ने बताया कि इसके बाद भी वह लगातार इस रोजगार को बढ़ावा देते रहेंगे. मास्क के बाद अन्य सिलाई की सामग्रियों को भी यहां बहाल किया जाएगा और ज्यादा से ज्यादा गांव वालों को रोजगार दिया जाएगा. मुखिया शमसाद की इस पहल की काफी सराहना हो रही है. पंचायत प्रतिनिधि से प्रभावित होकर जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी इस गांव में आने से खुद को नहीं रोक सके.
रोजगार की व्यवस्था उपलब्ध
मुखिया शमसाद की पहल से खुश होकर बतौर क्लस्टर खड़े किए गए इस केंद्र को सरकार की तरफ से अधिकृत कर आजीवन रोजगार की व्यवस्था उपलब्ध बनाने पर बात चल रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस केंद्र को आने वाले दिनों में रेडीमेड कारखाने के तौर पर विकसित किया जाएगा. मुखिया की इस पहल से लॉकडाउन के बाद से मंदी जैसे हालात से महिलाओं को मुक्ति मिली है.
प्रदेशों से लौटे मजदूर
महिलाओं ने बताया कि कोरोना काल में रोजगार छीन जाने से वे असहाय होकर जी रही थी. ऐसे में मुखिया की ओर से की गई यह पहल उनके लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है. गांव की महिला बताती हैं कि उनके घर में कमाने खाने वाले बाहर रहा करते थे. जो इस दौरान प्रदेशों से लौट आए. तब से घर का हर एक सदस्य बेरोजगार बैठा था. ऐसे में घर का चूल्हा जलना मुश्किल था. वहीं मुखिया की ओर से दिया गया यह कार्य उनके लिए राहत भरा है. लिहाजा गांव की महिलाएं मुखिया की इस पहल से बेहद खुश हैं.