पूर्णिया: जिले के सदर अस्पताल में मेडिकल दलालों का बोलबाला है. इसका खामियाजा एक प्रसूता और नवजात शिशु को जान गंवाकर भुगतना पड़ा. सदर अस्पताल में दलालों की सक्रियता से अस्पताल प्रशासन पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं.
मृतका और नन्हें मासूम की मौत ने जिले में हावी दलालों की सक्रियता को उजागर कर दिया है. जच्चा-बच्चा की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन की सुरक्षा और अस्पताल में दलालों की सक्रियता पर सवालिया निशान लग रहे हैं.
डॉक्टरों ने भागलपुर किया रेफर
परिजन ने बताया कि तेज दर्द के बाद प्रसूता को सदर अस्पताल में गर्भपात के लिए लाया गया था. जहां डॉक्टरों ने प्रसूता की नाजुक स्थिति देख कुछ ही देर बाद भागलपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया. मौके की तलाश में बैठे दलाल ने प्रसूता के परिवार को जाल में फंसाने में कामयाब हो गए.
बच्चे को कार्टन में बंद कर हुआ फरार
परिजन के मुताबिक प्रसूता को ले जाने के लिए कोई एम्बुलेंस नहीं था. दो घंटे तक इंजतार करते रहे. बिगड़ते हालत को देख आस-पास के अस्पताल की तरफ रूख करना पड़ा. इसी दौरान दलालों के चक्कर में पड़ गए. दलालों ने बेहतर इलाज का आश्वासन दिया था. जिसके कारण कारण उसके जाल में फंस गए. हालांकि इस बात का एहसास होते ही लाइन बाजार स्थित एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराया. लेकिन इस क्लीनिक के डॉक्टर भी फर्जी थे. इलाज के नाम पर 30 हजार रुपया ऐंठ लिया गया. नर्स की गलती के कारण जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई. प्रसूता को बेड पर और मृतक बच्चे को कार्टून में बंद कर दोनों मौके से फरार हो गए.
सिविल सर्जन ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
फिलहाल पुलिस डॉक्टरों की धर-पकड़ में जुट गई है. सीएस डॉक्टर मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि फर्जी डॉक्टरों पर कार्रवाई की जायेगी. घटना निंदनीय है, मामले की पूरी जानकारी मिली है. पीड़ित परिवार की ओर शिकायत दर्ज करवाने के बाद कार्रवाई की जाएगी.