पूर्णिया: बिहार बोर्ड ने इंटरमीडिएट के परिणाम घोषित कर दिए हैं. कला संकाय से बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा में पहला और दूसरा स्थान हासिल कर पूर्णिया की दो बेटियों ने समूचे बिहार में अपना परचम लहराया है. बायसी के पूर्णिया प्रखंड की रहने वाली मोहद्दिसा ने कला संकाय में 95 फीसदी अंक हासिल कर बिहार में पहला स्थान हासिल किया है.
पूर्णिया की मोहद्दिसा बनीं आर्टस टॉपर: वहीं धमदाहा की रहने वाली कुमारी प्रज्ञा ने कला संकाय में 94 फीसद अंक लाकर स्टेट सेकेंड टॉपर बनी हैं. स्टेट टॉपर मोहद्दिसा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षक को दिया है. इंटर की परीक्षा में 500 अंको में 475 अंक हासिल कर आर्ट्स की स्टेट टॉपर बनी मोहद्दिसा उच्च माध्यमिक विद्यालय बायसी की छात्रा है. वहीं माधव सार्वजनिक उच्च माध्यमिक विद्यालय धमदाहा में की कुमारी प्रज्ञा ने 500 में से 470 अंक हासिल कर आर्ट्स विषय में बिहार की सेकेंड टॉपर बनी हैं.
"मुझे पूरा यकीन था, परिणाम बेहतर होगा. मैट्रिक में भी मैंने अच्छे अंक हासिल किए थे. 500 में 445 अंक लाकर 89 फीसद अंक मैनें दसवीं की परीक्षा में हासिल की थी. हालांकि जो कसर मैट्रिक में अधूरी रह गई थी, उसे पूरा करने के लिए मैं कड़ी मेहनत करती रही और फिर उसका नतीजा आपके सामने है."- मोहद्दिसा, बिहार टॉपर, आर्टस
रोज 6 घंटे स्टडी करती थी मोहद्दिसा: मोहद्दिसा ने अपनी सफलता का राज खोलते हुए कहा कि मैं रोजाना 6 घंटे पढ़ाई किया करती थी. पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी करती थी. अम्मी और अब्बू को समय दिया करती थी. भाई के साथ खेलना भी होता था. ऐसा नहीं था कि मैं 24 घंटा पढ़ती रहती थी. हां इतना जरूर था कि जब मैं पढ़ाई करती थी तो केवल पढ़ाई को समय देती थी. पढ़ाई के समय न किसी से बातचीत न ही कोई और दूसरा काम करती थी.
घर में जश्न का माहौल: मोहद्दिसा के घर नहारा कोला गांव में आर्ट्स से स्टेट टॉपर बनने के बाद जश्न का माहौल है. मोहद्दिसा की इस सफलता से उनके पिता मो. जुनैद आलम और मां का रजिया बेगम फूली नहीं समा रहीं हैं. स्टेट टॉपर मोहद्दिसा के पिता उच्च माध्यमिक विद्यालय बायसी में ही भूगोल विषय के शिक्षक हैं. वहीं खुशियां और जश्न की कुछ ऐसी तस्वीरें धमदाहा स्थित कुमारी प्रज्ञा के घर और गांव में भी देखने को मिली. ना सिर्फ घरवाले बल्कि समूचे गांव वाले बेटियों की इस विराट सफलता के जश्न में डूबे हैं. बेटी की इस कामयाबी पर प्रज्ञा के पिता अजय कुमार झा और मां कुमारी रीना के खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
"मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरी बेटी ने बेटे का फर्ज निभा दिया. समाज में जो कुरीति है उसके अनुसार लड़कियों को पढ़ने नहीं दिया जाता. मैंने अपनी लड़कियों पर कभी भी अपनी बात थोपी नहीं बल्कि पूरी स्वतंत्रता दी. पढ़ाई में ऐसे खो जाती थी कि खाना खाने के लिए दस बार बोलना पड़ता था तब जाकर मोहद्दिसा खाना खाती थी."- जुनैद आलम, मोहद्दिसा के पिता
"बहुत खुशी हो रही है. आगे जो करना चाहेगी वो करेगी. आईएएस बनना चाहती है तो जरूर बनेगी."- रजिया बेगम, मोहद्दिसा की मां.
"आज पूरे गांव के लिए खुशी की बात है. हमें उम्मीद पूरी उम्मीद थी कि मोहद्दिसा टॉप करेगी. बच्ची ने कड़ी मेहनत की उसी का यह परिणाम है."- मो मुजाहिद , प्रिंसिपल
"मोहद्दिसा और प्रज्ञा ने जिले का मान बढ़ाया है. शिक्षक, प्रिंसिपल और परिजनों को बहुत-बहुत बधाई. शुरू से ही दोनों छात्राएं मेधावी थीं. लड़कियों ने लड़कों से बहतर प्रदर्शन किया है."- शिवनाथ रजक, जिला शिक्षा पदाधिकारी