पूर्णिया: किसानों को लॉकडाउन की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई युवा किसानों ने इस बार अपनी पुश्तैनी खेती को छोड़ फूलों की खेती की ओर रुख किया था. लेकिन कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन की वजह से उनके गेंदा फूल खेत में ही सूख रहे हैं.
लॉकडाउन ने तोड़ी युवा किसानों की कमर
गेंदे के फूलों की खेती के लिए इन युवा किसानों ने जमींदार से किराए पर जमीन लेकर खेती की. खेत में फूल भी अच्छे से तैयार हुए. लेकिन, कोरोना वायरस जैसी महामारी और उसकी रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन ने कमर तोड़ दी. खेत में लगे फूल अब सूखते जा रहे हैं. रतन को अब ये चिंता सता रही है कि किराए पर ली जमीन के किराए के रूप में जमींदार को और महाजन से खेती के लिए पैसों को कैसे चुकाएंगें. ये कहानी सिर्फ रतन की ही नही, दूसरे युवा किसान भी इसी वजह से काफी परेशान है.
किसानों की स्थिति बदहाल
दरअसल रतन के दादा और पिता रबी फसलों की खेती करते थे. रतन ने अपनी पुश्तैनी खेती को छोड़ गेंदे के फूलों की खेती शुरु की. उन्होंने देखा कि जब शादी-विवाह और दूसरे त्योहारों में सजावट के लिए गेंदे के फूल बंगाल से मंगवाए जाते थे. रतन ने सोचा कि अगर इस फूल की खेती की जाए और लोगो को बंगाल से लाये फूल की तुलना में कम कीमतों में बेचा जाए तो उनकी आमदनी अच्छी होगी. लॉक डाउन के दौरान लगाई गई पाबंदी ने शादी-विवाह, मंदिर और धार्मिक अनुष्ठानों पर भी रोक लगा दी है. इस वजह से इन अनुष्ठानों में इस्तेमाल किए जाने वाले गेंदा फूलों की मांग पर भी रोक लग गयी. यही कारण है कि इस किसानों की स्थिति बदहाल होती नजर आ रही है.