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एक क्लिक में जानिए क्या है दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना? - जानिए क्या है दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

केंद्र और राज्य सरकार कई योजनाएं चलाती है. आम से लेकर खास तक योजनाओं को पहुंचाना सरकार का लक्ष्य होता है. ऐसे में लोगों को योजनाओं के बारे में जागरुक करने के लिए ईटीवी भारत 'हमारी सरकार...हमारी योजना' नाम की सीरीज चला रहा है. जिससे लोगों तक सरकारी स्कीम की जानकारी पहुंचे.

दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
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Published : Sep 2, 2019, 8:10 AM IST

Updated : Sep 2, 2019, 4:29 PM IST

पूर्णिया: जिले के किसानों के चेहरे अब रौशन होने वाले हैं. बहुत जल्द किसानों को महंगे डीजल से निजात मिलेगी. सिंचाई के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत अब जिले में सभी 7 प्रखंडों के 30 पंचायतों में खेतों तक बिजली के फीडर लगाएं जा रहे हैं.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
कवैया गांव

पंपसेट के बजाए बिजली से होगा पटवन
योजना के अंतर्गत मिलने वाली बिजली से किसान पंपसेट के बजाए बिजली से ही पटवन कर सकेंगे. इससे उनके समय, मेहनत और लागत में भी कमी आएगी. सरकार किसानों को 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करा रही है. लिहाजा वैसे किसान जिनके पास महंगे डीजल से सिंचाई के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था, अब बिजली पंपसेट से सिंचाई कर बड़े ही मामूली लागत में बड़ा मुनाफा कमा सकेंगे.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
बिजली के पंपसेट

योजना से किफायती हुई सिंचाई
किसानों का कहना है शुरुआती दौर में ही इस योजना से काफी फायदा मिल रहा है. योजना का लाभ उठा रहे किसान बताते हैं कि पंपसेट से पटवन के मुकाबले बिजली से पटवन बेहद किफायती है. पंपसेट से पटवन पर घण्टे के हिसाब से 100 रुपये तक का बोझ आता है, बिजली से पटवन पर घंटे के हिसाब से महज 75 पैसे यूनिट आएगा. इस वक्त 1 बीघा खेत के पटवन में 4-5 घंटे लग जाते हैं, इस कारण मशीन पटवन का बोझ किसानों पर 500 रुपये तक चला जाता है. यही पटवन बिजली से करने पर 4-5 घण्टें में यह खर्च 75 पैसे ×5 यानी 4 रुपये ही आता है.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
खेतों में बिजली के मीटर

2 लाख किसानों को फायदा
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता के मुताबिक दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत जिले भर के तकरीबन 2 लाख किसानों के खेतों तक महज 75 पैसे यूनिट की दर से बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार के इस बिग प्रोजेक्ट को बिहार के किसानों के खेतों तक उतारने का जिम्मा नार्थ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड के कंधे है.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
नटवर लाल, बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता

2 महीने के अंदर देना है योजना का लाभ
जिले को पहले फेज के तहत 215 करोड़ की लागत राशि स्वीकृत है. इसके तहत जिले के सभी 14 प्रखंडों के 246 पंचायतों के 1126 गांवों में 2 महीने के अंदर 2 लाख अन्नदाताओं को इस योजना का लाभ दिया जाना है. वहीं इन किसानों के खेतों तक निर्बाध बिजली आपूर्ति में कुल 1900 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मरों को भी लगाया जा रहा है.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
बिजली के पोल लगाते कर्मचारी

ऑनलाइन मोड के तहत आवेदन
विभाग की ओर से खेतों में बिजली कनेक्शन लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह के आवेदन की सुविधा दी जा रही है. ऑनलाइन आवेदन के लिए नार्थ बिहार रीजन के किसानों को www.nbpdcl.co.in पर जाकर आवेदन करना होगा. तो वहीं साउथ बिहार के किसानों को www.sbpdcl.co.in पर आवेदन करना होगा.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

ऑफलाइन मोड के तहत आवेदन
ऑफलाइन मोड के तहत हर बुधवार और शनिवार को सभी जिलों के सभी प्रखंड स्थित ब्लॉक में विशेष शिविर लगाया जा रहा है. यहां बगैर किसी शुल्क के किसान आवेदन कर सकेंगे. आवेदन के वक्त किसानों को एक पहचान पत्र जिसमें आवास प्रमाण पत्र अंकित हो, साथ ही जमीन से जुड़े कागजात की प्रतिलिपि साथ ले जाना आवश्यक है.

जानिए क्या है दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

विभाग का काम शुरू
आवेदन प्रक्रियाएं पूरी होते ही खेतों में बोरिंग के पास विधुत संरचना मौजूद होने पर 7 दिनों के भीतर विधुत कनेक्शन लगाए जाएंगे. विधुत संरचना न होने की स्थिति में संरचना का निर्माण कराकर विधुत कनेक्शन लगाएंगे. साथ ही विधुत कंक्शन के लिए जरूरी मीटर, खंभे और बिजली के तार का खर्च बिजली विभाग बगैर किसी शुल्क के खेतों तक पहुंचाएगा.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
सिंचाइ के लिए लगाए गए बिजली के पोल

किसानों की हिस्सेदारी
वहीं सिंचाई के लिए लगने वाले पोल से नलकूप तक का तार, मीटर लगाने वाले बोर्ड, एमसीबी और अन्य छोटे मोटे उपकरण का खर्च किसानों को खुद उठाना होगा. कनेक्शन लगाए जाने के समय सिंगल फेज के लिए आवेदन शुल्क 75 रुपये तो वहीं थ्री फेज लेने के लिए 200 रुपये भुगतान करने होंगे. इसके साथ इंस्टालेशन चार्ज और सिक्योरिटी अमाउंट सिंगल फेज के लिए कुल 800 रुपए और थ्री फेज के लिए 1300 रुपये देने होंगे. इसके अलावा विभाग सिंगल फेज और थ्री फेज के मोटर पर तय कीमत से 50 फीसदी सब्सिडी भी किसानों को दे रहा है.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
फील्ड इंजीनियर

क्या है दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और गैर-कृषि उपभोक्ताओं को विवेकपूर्ण तरीके से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरु की गई. पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने इसकी परिकल्पना की थी और 12-13 पंचवर्षीय योजना के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 नवंबर 2014 को इसे अमलीजामा पहनाया था. राजीव गांधी ग्रामीण विधुतीकरण योजना का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के नाम से नई योजना की शुरुआत की गई.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

केंद्र की योजना को बिहार में सीएम नीतीश का साथ
दिसंबर 2016 में इस योजना से नए आयाम जुड़े. सीएम नीतीश कुमार की पहल पर बिहार के किसानों के लिए ग्राम ज्योति योजना की इकाई के तहत राज्य में कृषि हेतु विधुत संबंध योजना को एक नए आकार और प्रकार देकर किसानों के खेतों तक उतारा जा रहा है. इसके तहत केंद्र सरकार ही योजना के 60 फीसदी अनुदान का खर्च उठाएगी. वहीं राज्य सरकार को इस योजना पर अपने बटुए से 40 फीसदी अनुदान देना होगा.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
खेत जोतता किसान

योजना के मुख्य उद्देश्य

  • ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के लिए बिजली की व्यवस्था करना
  • कृषि और गैर कृषि कामों के लिए अलग से फीडर लगाना
  • बिजली सप्लाई से जुड़ी मशीनों का मेंटनेंस करना
  • अन्य विद्युतीकरण परियोजनाओं को पूरा करने में सहायता देना
    Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
    दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

योजना की मुख्य विशेषताएं

  • आरजीजीवीवाई का डीडीयूजीजेवाई में बदलाव
  • सभी डिस्कॉम योजना को मिलेगी वित्तीय सहायता
  • योजना की सफलता के लिए REC को नोडल एजेंसी बनाय गया
  • दिसंबर 2016 में इस योजना से नए आयाम जुड़े.
  • केंद्र की योजना को बिहार में सीएम नीतीश का साथ
  • केंद्र और राज्य ने की 'कृषि हेतु विधुत संबंध योजना' की शुरुआत
  • केंद्र सरकार 60 फीसदी अनुदान किसानों को देगी.
  • राज्य सरकार 40 फीसदी अनुदान किसानों को देगी.
    Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
    खेती के बिजली कनेक्शन

योजना का लाभ

  • सभी गांवों और घरों का विद्युतीकरण किया जाएगा
  • कृषि उपज में वृद्धि
  • छोटे और घरेलू उद्यमों के विकास के परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग (एटीएम) सेवाओं में सुधार
  • रेडियो, टेलीफोन, टेलीविजन, इंटरनेट और मोबाइल के पहुंच में सुधार
  • बिजली की उपलब्धता के कारण सामाजिक सुरक्षा में सुधार
  • स्कूलों, पंचायतों, अस्पतालों और पुलिस स्टेशनों में बिजली की पहुंच
  • ग्रामीण क्षेत्रों को व्यापक विकास के बढ़े अवसरों की प्राप्ति होगी.

पूर्णिया: जिले के किसानों के चेहरे अब रौशन होने वाले हैं. बहुत जल्द किसानों को महंगे डीजल से निजात मिलेगी. सिंचाई के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत अब जिले में सभी 7 प्रखंडों के 30 पंचायतों में खेतों तक बिजली के फीडर लगाएं जा रहे हैं.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
कवैया गांव

पंपसेट के बजाए बिजली से होगा पटवन
योजना के अंतर्गत मिलने वाली बिजली से किसान पंपसेट के बजाए बिजली से ही पटवन कर सकेंगे. इससे उनके समय, मेहनत और लागत में भी कमी आएगी. सरकार किसानों को 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करा रही है. लिहाजा वैसे किसान जिनके पास महंगे डीजल से सिंचाई के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था, अब बिजली पंपसेट से सिंचाई कर बड़े ही मामूली लागत में बड़ा मुनाफा कमा सकेंगे.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
बिजली के पंपसेट

योजना से किफायती हुई सिंचाई
किसानों का कहना है शुरुआती दौर में ही इस योजना से काफी फायदा मिल रहा है. योजना का लाभ उठा रहे किसान बताते हैं कि पंपसेट से पटवन के मुकाबले बिजली से पटवन बेहद किफायती है. पंपसेट से पटवन पर घण्टे के हिसाब से 100 रुपये तक का बोझ आता है, बिजली से पटवन पर घंटे के हिसाब से महज 75 पैसे यूनिट आएगा. इस वक्त 1 बीघा खेत के पटवन में 4-5 घंटे लग जाते हैं, इस कारण मशीन पटवन का बोझ किसानों पर 500 रुपये तक चला जाता है. यही पटवन बिजली से करने पर 4-5 घण्टें में यह खर्च 75 पैसे ×5 यानी 4 रुपये ही आता है.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
खेतों में बिजली के मीटर

2 लाख किसानों को फायदा
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता के मुताबिक दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत जिले भर के तकरीबन 2 लाख किसानों के खेतों तक महज 75 पैसे यूनिट की दर से बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार के इस बिग प्रोजेक्ट को बिहार के किसानों के खेतों तक उतारने का जिम्मा नार्थ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड के कंधे है.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
नटवर लाल, बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता

2 महीने के अंदर देना है योजना का लाभ
जिले को पहले फेज के तहत 215 करोड़ की लागत राशि स्वीकृत है. इसके तहत जिले के सभी 14 प्रखंडों के 246 पंचायतों के 1126 गांवों में 2 महीने के अंदर 2 लाख अन्नदाताओं को इस योजना का लाभ दिया जाना है. वहीं इन किसानों के खेतों तक निर्बाध बिजली आपूर्ति में कुल 1900 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मरों को भी लगाया जा रहा है.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
बिजली के पोल लगाते कर्मचारी

ऑनलाइन मोड के तहत आवेदन
विभाग की ओर से खेतों में बिजली कनेक्शन लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह के आवेदन की सुविधा दी जा रही है. ऑनलाइन आवेदन के लिए नार्थ बिहार रीजन के किसानों को www.nbpdcl.co.in पर जाकर आवेदन करना होगा. तो वहीं साउथ बिहार के किसानों को www.sbpdcl.co.in पर आवेदन करना होगा.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

ऑफलाइन मोड के तहत आवेदन
ऑफलाइन मोड के तहत हर बुधवार और शनिवार को सभी जिलों के सभी प्रखंड स्थित ब्लॉक में विशेष शिविर लगाया जा रहा है. यहां बगैर किसी शुल्क के किसान आवेदन कर सकेंगे. आवेदन के वक्त किसानों को एक पहचान पत्र जिसमें आवास प्रमाण पत्र अंकित हो, साथ ही जमीन से जुड़े कागजात की प्रतिलिपि साथ ले जाना आवश्यक है.

जानिए क्या है दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

विभाग का काम शुरू
आवेदन प्रक्रियाएं पूरी होते ही खेतों में बोरिंग के पास विधुत संरचना मौजूद होने पर 7 दिनों के भीतर विधुत कनेक्शन लगाए जाएंगे. विधुत संरचना न होने की स्थिति में संरचना का निर्माण कराकर विधुत कनेक्शन लगाएंगे. साथ ही विधुत कंक्शन के लिए जरूरी मीटर, खंभे और बिजली के तार का खर्च बिजली विभाग बगैर किसी शुल्क के खेतों तक पहुंचाएगा.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
सिंचाइ के लिए लगाए गए बिजली के पोल

किसानों की हिस्सेदारी
वहीं सिंचाई के लिए लगने वाले पोल से नलकूप तक का तार, मीटर लगाने वाले बोर्ड, एमसीबी और अन्य छोटे मोटे उपकरण का खर्च किसानों को खुद उठाना होगा. कनेक्शन लगाए जाने के समय सिंगल फेज के लिए आवेदन शुल्क 75 रुपये तो वहीं थ्री फेज लेने के लिए 200 रुपये भुगतान करने होंगे. इसके साथ इंस्टालेशन चार्ज और सिक्योरिटी अमाउंट सिंगल फेज के लिए कुल 800 रुपए और थ्री फेज के लिए 1300 रुपये देने होंगे. इसके अलावा विभाग सिंगल फेज और थ्री फेज के मोटर पर तय कीमत से 50 फीसदी सब्सिडी भी किसानों को दे रहा है.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
फील्ड इंजीनियर

क्या है दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और गैर-कृषि उपभोक्ताओं को विवेकपूर्ण तरीके से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरु की गई. पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने इसकी परिकल्पना की थी और 12-13 पंचवर्षीय योजना के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 नवंबर 2014 को इसे अमलीजामा पहनाया था. राजीव गांधी ग्रामीण विधुतीकरण योजना का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के नाम से नई योजना की शुरुआत की गई.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

केंद्र की योजना को बिहार में सीएम नीतीश का साथ
दिसंबर 2016 में इस योजना से नए आयाम जुड़े. सीएम नीतीश कुमार की पहल पर बिहार के किसानों के लिए ग्राम ज्योति योजना की इकाई के तहत राज्य में कृषि हेतु विधुत संबंध योजना को एक नए आकार और प्रकार देकर किसानों के खेतों तक उतारा जा रहा है. इसके तहत केंद्र सरकार ही योजना के 60 फीसदी अनुदान का खर्च उठाएगी. वहीं राज्य सरकार को इस योजना पर अपने बटुए से 40 फीसदी अनुदान देना होगा.

Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
खेत जोतता किसान

योजना के मुख्य उद्देश्य

  • ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के लिए बिजली की व्यवस्था करना
  • कृषि और गैर कृषि कामों के लिए अलग से फीडर लगाना
  • बिजली सप्लाई से जुड़ी मशीनों का मेंटनेंस करना
  • अन्य विद्युतीकरण परियोजनाओं को पूरा करने में सहायता देना
    Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
    दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

योजना की मुख्य विशेषताएं

  • आरजीजीवीवाई का डीडीयूजीजेवाई में बदलाव
  • सभी डिस्कॉम योजना को मिलेगी वित्तीय सहायता
  • योजना की सफलता के लिए REC को नोडल एजेंसी बनाय गया
  • दिसंबर 2016 में इस योजना से नए आयाम जुड़े.
  • केंद्र की योजना को बिहार में सीएम नीतीश का साथ
  • केंद्र और राज्य ने की 'कृषि हेतु विधुत संबंध योजना' की शुरुआत
  • केंद्र सरकार 60 फीसदी अनुदान किसानों को देगी.
  • राज्य सरकार 40 फीसदी अनुदान किसानों को देगी.
    Deen Dayal Upadhyay Gram Jyoti Yojna
    खेती के बिजली कनेक्शन

योजना का लाभ

  • सभी गांवों और घरों का विद्युतीकरण किया जाएगा
  • कृषि उपज में वृद्धि
  • छोटे और घरेलू उद्यमों के विकास के परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग (एटीएम) सेवाओं में सुधार
  • रेडियो, टेलीफोन, टेलीविजन, इंटरनेट और मोबाइल के पहुंच में सुधार
  • बिजली की उपलब्धता के कारण सामाजिक सुरक्षा में सुधार
  • स्कूलों, पंचायतों, अस्पतालों और पुलिस स्टेशनों में बिजली की पहुंच
  • ग्रामीण क्षेत्रों को व्यापक विकास के बढ़े अवसरों की प्राप्ति होगी.
Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया)
ground report ।


यूं तो केंद्र व राज्य सरकार जन्म से लेकर बुढ़ापे तक के सैकड़ों योजनाएं चला रही है। मगर इन सब में कृषि विधुत संबंध योजना किसानों के चेहरे पर खुशियों की एक नई सुबह लेकर आई है। किसानों को मिनिमम टाइम में मैक्सीमम मुनाफा हो। अन्नदाता महंगे डीजल के सिंचाई से बच सकें। राज्य सरकार 'कृषि विधुत संबंध योजना' के तहत किसानों के खेतों तक बिजली की सुविधा दे रही है। बिहार के पूर्णिया जिले से इसकी शुरुआत कर दी गई है। सीएम नीतीश कुमार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जहां किसानों में खासा उत्साह है वहीं योजना के दूरगामी परिणामों को देखते हुए केंद्र सरकार इसे जल्द ही देश भर में लागू करने की सोच रही है।


Body:दरअसल खेतों तक बिजली के खंभे दौड़ाए जाने के बाद जहां जिले के किसान महंगे डीजल के सिंचाई की मार से बच गए हैं। वहीं पटवन के खर्च में मिलने वाली राहत किसानों के साथ ही मिडिल क्लास व गरीबों की जेबों पर बोझ कम करता मालूम पड़ रहा है।


लिहाजा ईटीवी भारत की खास पहल 'आपकी योजना आपकी सरकार' मुहिम के तहत पेश है पूर्णिया से देश के अन्नदाताओं को समर्पित एक खास रिपोर्ट-


जानें क्या है कृषि विधुत संबंध योजना....

दरअसल कृषि विधुत संबंध योजना राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। कृषि के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाली सरकार की इस योजना का मेन मकसद महंगे डीजल के बोझ तले दबे किसानों को पहाड़ जैसी पटवन के खर्च से मुक्त कराना है। जिसके तहत राज्य सरकार किसानों के खेतों तक बिजली के खंभे दौड़ाकर जिले के किसानों को 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करा रही है। लिहाजा वैसे किसान जिनके पास महंगे डीजल से सिंचाई के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था। डीजल पंपसेट के बनिस्पत बिजली पंपसेट से सिंचाई कर बड़े ही मामूली लागत में बड़ा मुनाफा कमा सकेंगे।


जानें किसने गढ़ी योजना की परिकल्पना....


दरअसल वह पंडित दिन दयाल उपाध्याय ही थे। जिन्होंने पहले-पहल देश 60 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले किसानों के अंधेरे में डूबे घरों व खेतों में उजाला फैलाने की परिकल्पना गढ़ी। इसी के तहत 12-13 पंचवर्षीय योजना के दौरान देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2014 में शहरों के साथ ही गांव का चप्पा-चप्पा रोशन करने का संकल्प लिया। पंडित उपाध्याय के अगाध समर्पण को याद कर राजीव गांधी ग्रामीण विधुतीकरण योजना का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के नाम से योजना की शुरुआत हुई।


तो इस तरह शुरू हुई सीएम की कृषि विधुत संबंध योजना ...

हालांकि वह वक़्त था दिसंबर 2016। जब इस योजना से नए आयाम जुड़े। देश भर के साथ ही सूबे के ग्रामीणों बस्तियों के चप्पा-चप्पा रोशन करने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना को सीएम नीतीश कुमार ने नया आकार दिया। इसी के तहत राज्य सरकार ने किसानों के कमर तोड़ती पटवन में पड़ने वाले बेतहासा खर्च का निदान निकाला। कृषि विधुत संबंध योजना नाम से किसानों के लिए एक योजना की शुरुआत की गई। जिसका काम बीते 6 माह से जारी है।


2 लाख किसानों को मिलेगा योजना का फायदा...


किसानों के साथ ही अधिकारियों का यह साफ कहना है सिंचाई की लागत मामूली खर्च में सिमट जाने से फल -सब्जियों के साथ ही दूसरे खाद्य सामग्रियों की आसमान छूती कीमतों में खासी कमी देखने को मिलने वाली है। ईटीवी भारत से योजनाओं के दूरगामी परिणामों की बारीकियां साझा करते हुए बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता नटवरलाल बताते हैं कि कृषि विधुत संबंध लगाकर जिले भर के 2 लाख किसान महज 75 पैसे यूनिट की दर से खेतों में बिजली से पटवन कर सकेंगे। इससे पटवन का कॉस्ट मामूली रकम में सिमट जाएगा। इसका साफ असर फल, सब्जियों समेत अन्य खाद्य सामग्रियों में देखने को मिलेगा।


जाने किसके सर है योजना का कितना भार...


हालांकि कृषि विधुत संबंध योजना राज्य सरकार की योजना है।
मगर पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की इकाई होनी की वजह से केंद्र सरकार ही योजना के 60 फीसदी अनुदान का खर्च उठाएगी। वहीं राज्य सरकार को इस योजना पर अपने बटुए से 40 फीसदी अनुदान देना है। हालांकि nbpdcl के जिले में योजना के रफ्तार में दिख रही तेजी पर गौर करें तो यह जिला अनुसंशित उपलब्धि हासिल करने की राह पर है। जिसके बाद नीतीश कुमार को महज 25 फीसद तो वहीं केंद्र सरकार को नियमों के मुताबिक 15 फीसदी के इजाफे के साथ 75 फीसदी अनुदान इस जिले को देना होगा।


पहले फेज में 215 करोड़ की लागत से चल रहा काम..


बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता नटवर लाल प्रसाद ने ईटीवी भारत से एक्सक्लुसिव बातचीत में बताया कि सरकार के इस बिग प्रोजेक्ट को बिहार के किसानों के खेतों तक उतारने का जिम्मा नार्थ व साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड के कंधे है। अकेले पूर्णिया को पहले फेज के तहत 215 करोड़ की लागत राशि स्वीकृत है। इसके तहत जिले के सभी 14 प्रखंडों के 246 पंचायतों के 1126 गांवों में दो माह के भीतर 2 लाख अन्नदाताओं को इस योजना का लाभ दिया जाना है। वहीं इन किसानों के खेतों तक निर्बाध बिजली आपूर्ति में कुल 1900 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मरों लगाए जा रहे हैं। सभी 30 साइटों को मिलाकर तकरीबन 500 मेन पावर इस काम मे रात दिन एक कर डटे हैं।


जानें कैसे ले सकेंगे किसान खेतों में बिजली कनेक्शन...


खेतों में बिजली कनेक्शन लेने के लिए ऑनलाइन मोड़ के साथ ही ऑफलाइन मोड़ की भी सुविधा बिजली विभाग सूबे के किसानों दे रहा है। ऑनलाइन आवेदन के लिए नार्थ बिहार रीजन के किसानों को www.nbpdcl.co.in पर जाकर आवेदन करना होगा। तो वहीं साउथ बिहार के किसानों को www.sbpdcl.co.in पर आवेदन करना होगा। वहीं ऑफलाइन मोड़ के तहत प्रत्येक बुधवार व शनिवार को सभी जिले के सभी प्रखंड स्थित ब्लॉक में इसके लिए एक विशेष शिविर लगाया जा रहा है। यहां बगैर किसी शुल्क के किसान आवेदन कर सकेंगे। आवेदन के वक़्त किसानों को एक पहचान पत्र जिसमें आवास प्रमाण पत्र अंकित हो। साथ ही जमीन से जुड़े कागजात की प्रतिलिपि साथ ले जाना आवश्यक है।


खेतों तक बिजली दौड़ाने में किसानों को कितना पडेगा कॉस्ट...

आवेदन प्रक्रियाएं पूरी होते ही खेतों में बोरिंग के समीप विधुत संरचना उपलब्ध होने पर 7 दिनों के भीतर विधुत संबंध लगाएगा। विधुत संरचना न होने की स्थिति में संरचना का निर्माण कराकर विधुत संबंध उपलब्ध कराएगा। इसके तहत विधुत कंजेक्शन के लिए जरूरी मीटर ,खंभे व बिजली के तार का खर्च बिजली विभाग बगैर किसी शुल्क के खेतों तक पहुंचाएगा।


जानें किन चीजों के लिए किसानों को करना होगा भुगतान...

वहीं सिंचाई के लिए लगने वाली पोल से नलकूप तक का तार , मीटर लगाने को ले बोर्ड व किटकैट ,एमसीबी व अन्य छोटे मोटे उपकरण का खर्च किसानों को खुद उठाना होगा। विधुत संबध लगाए जाने के समय सिंगल फेज के लिए आवेदन शुल्क 75 रुपये तो वहीं थ्री फेज लेने के लिए 200 रुपये भुगतान करने होंगे। इसके साथ ही सिंगल व थ्री फेज के लिए इंस्टालेशन चार्ज व सिक्योरिटी अमाउंट सिंगल फेज के लिए कुल 800 रुपए व थ्री फेज के लिए 1300 रुपये देने होंगे। इसके अलावा सिंगल फेज व थ्री फेज मोटर अगर किसान बिजली विभाग से लेते हैं। तो तय कीमत से 50 फीसदी सब्सिडी पर यह किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। मसलन थ्री फेज मोटर का खर्च 20 हजार बाजारों में चल रहा हो। तो इसके लिए आपको महज 10 हजार रुपये ही बिजली विभाग को भुगतान करने होंगे।


जाने कैसे बिजली पंपसेट डीजल के बनिस्पत साबित होगा फायदेमंद...

1.) दरअसल बिजली विभाग व कृषि विभाग के अधिकारियों के तजुर्बे कहते हैं कि बिजली आधारित पंप सेट से अब तक किये जा रहे सिंचाई का औसत खर्च डीजल आधारित पंप सेट के बनिस्पत 5- 10 फीसद ही आता है।

2.)मसलन डीजल से अगर 100 रुपये का बोझ किसानों के जेब पर पड़ता है। तो बिजली आधारित सिंचाई से महज 5-10 रुपये का मामूली खर्च आएगा।

3.) इस्तेमाल की गई बिजली की प्रति यूनिट दर महज 75 पैसे ही होगी।

4) बिजली आधारित पंपसेट से किसानों की जेबों के बोझ तो हल्के होंगे ही साथ ही एक से डेढ़ घण्टें वक़्त की बचत भी होगी। इसकी के साथ हर दफे भारी -भरकम मशीनों को चलाना नहीं होगा।

5) नल कूप के समीप विधुत संरचना उपलब्ध होने पर महज 7 दिनों के भीतर वहीं विधुत संरचना नहीं होने पर बिजली विभाग खुद संरचना का निर्माण मामूली खर्च पर उपलब्ध कराएगी।

6) आवेदन के समय कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। वहीं आपके खेतों में लगने वाले खंभे ,तार व संयंत्रों के लिए कोई शुल्क उपलब्ध नहीं देना होगा। महज मोटर व कुछ महत्वपूर्ण संयंत्रों के रुपये आपसे लिए जाएंगे। 26 जून तक आवेदन करने वाले 50 फीसदी सब्सिडी के साथ ही 10 समान क़िस्त में बगैर किसी सूद के रुपयों की भुगतान कर सकेंगे।

7.) पटवन के खर्च का एक बड़ा फायदा किसानों के साथ ही सूबे के मीडिल क्लास व गरीब तबकों को मिलेगा। पटवन के खर्च में 10 फीसदी की कमी का बोझ लोगों के जेबों पर पड़ने वाले बोझ को भी कम करेगा। फल सब्जियों से लेकर बाकी चीजें सस्ती होंगी।


ग्राउंड जीरो पर पहुंचा ईटीवी....

लक्ष्य बड़ा व वक़्त बेहद कम है। लिहाजा बिजली विभाग की ओर से जिले के सभी 14 प्रखंडों के जिन पंचायतों में ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत कृषि विधुत संबंध लगाने का काम जारी है। इनमें कबैया ,बरबना ,चांदी ,मरंगा ,अमौर ,भवानीपुर ,बी कोठी ,बायसी ,के नगर ,धमदाहा , जलालगढ़ ,श्री नगर ,डगरुआ ,कसबा को मिलाकर कुल 30 नाम शामिल हैं। वहीं कामकाज की जमीनी हकीकत जानने ईटीवी भारत खुद ग्राउंड जीरो कबैया पंचायत , भवानीपुर पंचायत व पूर्णिया पूर्व(कसबा) आवेदन लिए जाने वाले ग्राउंड पर पहुंचा। जहां साइट इंजीनियरों के सीधे देख-रेख में किसानों के खेतों तक विधुत संयंत्र लगाये जाने का काम जोरों पर दिखा।


क्या कहते हैं जिले के अन्नदाता ...


वहीं सरकार की इस योजना को लेकर किसानों के तजुर्बे भी मेल खाते हैं। ईटीवी भारत ने इसे लेकर आधा दर्जन किसानों से बात की -

पूर्णिया पूर्व के दो किसान किसान योगेश पोद्दार व महेंद्र प्रसाद मेहता के तजुर्बे कहते हैं जहां पंपसेट से पटवन पर घण्टे के हिसाब से 100 रुपये तक का बोझ आता है। यदि बिजली से पटवन हो तो यही खर्च घण्टें के हिसाब से महज 75 पैसे यूनिट आएगा। ये बताते हैं कि इस वक़्त 1 बीघा खेत के पटवन में 4-5 घण्टें लग जाते हैं। जिसके मशीन पटवन का बोझ किसानों पर 500 रुपये तक चला जाता है। लिहाजा अगर यही पटवन बिजली से हो तो 4-5 घण्टें में यह खर्च 75 पैसे ×5 यानी 4 रुपये ही आता है। ।


वहीं जिले के कबैया पंचायत में रहने वाले दिलीप कुमार सिंह व ऐसे ही दर्जनों किसानों की राय भी बाकी किसानों से काफी मिलती है। इनके मुताबिक एक एकड़ (3 बीघा 8 चटक )खेत की सिंचाई में 22-25 लीटर डीजल की खपत होती है। वहीं इस काम में किसानों के तकरीबन इतने ही घण्टें खप जाते हैं। लिहाजा इस हिसाब से एक लीटर डीजल का खर्च 100 रुपये है। तो इस दर से एक एकड़ खेत की सिंचाई में 1800-2000 रुपये का बोझ किसानों के सर पर आता है। वहीं बिजली आधारित पंप सेट के प्रयोग के बाद यह खर्च 20 रुपये से भी कम का होगा।


Conclusion:नोट-
1.स्क्रिप्ट नए सिरे से लिखी गयी है।
2. पिटूसी स्टार्टिंग नया व एक नया बाईट
3 अधिकारी बाईट व पिटूसी एंड नया
4. विसुअल नया- लालगंज व केवैया पंचायत।

(अन्य विसुअल फ़ाइल पुरानी है जिसमें विसुअल पूर्णिया पूर्व व केवैया का है।
बाईट केवैया व पूर्णिया पूर्व ग्रामीण उपभोक्ता की है।
बाईट-site engg की है।)
Last Updated : Sep 2, 2019, 4:29 PM IST
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