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पूर्णिया: 'कराटे किंग' प्रीतम कुमार लड़कियों को मुफ्त में दे रहे सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग

कराटे किंग प्रीतम कुमार का कहना है कि सिर्फ कानून और पुलिस के बदौलत लड़कियों की सुरक्षा छोड़ी नहीं जा सकती. लिहाजा अपने इस मिशन को वे देश के सभी राज्यों तक पहुंचाना चाहते हैं.

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Published : Dec 10, 2019, 10:24 AM IST

karate king pritam kumar of purnea
कराटे किंग प्रीतम कुमार

पूर्णिया: जिले में निर्भया, उन्नाव और हैदराबाद जैसी दुष्कर्म की घटनाएं न हो, इसके लिए कराटे किंग के नाम से मशहूर प्रीतम कुमार हजारों लड़कियों को सेल्फ डिफेंस और फाइटिंग के गूढ़ सिखा रहे हैं. जिसकी शुरुआत उन्होंने उफरैल के बालिका विद्यालय से कर दी हैं.


दरअसल, पूर्णिया कोर्ट स्टेशन इलाके में रहने वाले प्रीतम कुमार स्कूली छात्राओं और महिलाओं से लेकर पुरूषों को कराटे की ट्रेनिंग देते हैं. वहीं, उनका कहना है कि अपने मुहिम को मिशन बनाकर वे लड़कियों को फाइटर बनाना चाहते हैं. ताकि लड़कियां सेल्फ डिफेंस में निपुण हो सकें.

'कराटे किंग' प्रीतम कुमार दे रहे हैं लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग

छात्राओं को मिलेगी निःशुल्क ट्रेनिंग
कराटे किंग प्रीतम कुमार कहना है कि उनके जिले में दुष्कर्म की घटनाएं न हो इसलिए उन्होंने इस मिशन की शुरुआत की है. ऐसे में यह मिशन उफरैल के बालिका विद्यालय से शुरू की गई है. जो कि जिले के सभी सरकारी स्कूलों तक चलेगी. जिसमें बालिकाओं को निःशुल्क कराटे की ट्रेनिंग दी जाएगी.

15 दिसंबर से शुरू होंगी क्लासेज
प्रीतम कुमार ने बताया कि कराटे की ट्रेनिंग छात्राओं को रोजाना 2 घंटे तक दी जाएगी. जिसमें उन्हें आत्मरक्षा और प्रहार करने के गूढ़ सिखाए जाएंगे. अपने मिशन के मद्देनजर प्रीतम ने 3 बालिका विद्यालयों का चयन किया हैं. जिनमें 15 दिसंबर से कराटे क्लास शुरू कर दी जाएगी.

karate king pritam kumar of purnea
कराटे सीखती स्कूली छात्राएं

पूरे देश में चलाना चाहते हैं मुहिम
प्रीतम कुमार ने यह भी बताया कि स्कूलों में इस मुहिम की शुरुआत को लेकर उन्हें स्कूल प्रबंधन को मनाने में काफी वक्त लगा. इसके बावजूद उनके इस नायाब सोच को सभी ने खूब सराहा. वहीं, कराटे उस्ताद प्रीतम ने बताया कि देश में निर्भया जैसी घटना को हैदराबाद में दोहराया गया. जिसके बाद उन्होंने लड़कियों को मुफ्त में कराटे का प्रशिक्षण देने की ठानी. वे अपने मिशन को पूर्णिया प्रमंडल से कोसी जोन तक ले जाएंगे. जिसके बाद वे बिहार के बाकी बचे जिलों के में भी इस मुहिम को चलाएंगे. प्रीतम कहते हैं कि सिर्फ कानून और पुलिस के बदौलत लड़कियों की सुरक्षा छोड़ी नहीं जा सकती. लिहाजा अपने इस मिशन को वे देश के सभी राज्यों तक फैलाना चाहते हैं.

पूर्णिया: जिले में निर्भया, उन्नाव और हैदराबाद जैसी दुष्कर्म की घटनाएं न हो, इसके लिए कराटे किंग के नाम से मशहूर प्रीतम कुमार हजारों लड़कियों को सेल्फ डिफेंस और फाइटिंग के गूढ़ सिखा रहे हैं. जिसकी शुरुआत उन्होंने उफरैल के बालिका विद्यालय से कर दी हैं.


दरअसल, पूर्णिया कोर्ट स्टेशन इलाके में रहने वाले प्रीतम कुमार स्कूली छात्राओं और महिलाओं से लेकर पुरूषों को कराटे की ट्रेनिंग देते हैं. वहीं, उनका कहना है कि अपने मुहिम को मिशन बनाकर वे लड़कियों को फाइटर बनाना चाहते हैं. ताकि लड़कियां सेल्फ डिफेंस में निपुण हो सकें.

'कराटे किंग' प्रीतम कुमार दे रहे हैं लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग

छात्राओं को मिलेगी निःशुल्क ट्रेनिंग
कराटे किंग प्रीतम कुमार कहना है कि उनके जिले में दुष्कर्म की घटनाएं न हो इसलिए उन्होंने इस मिशन की शुरुआत की है. ऐसे में यह मिशन उफरैल के बालिका विद्यालय से शुरू की गई है. जो कि जिले के सभी सरकारी स्कूलों तक चलेगी. जिसमें बालिकाओं को निःशुल्क कराटे की ट्रेनिंग दी जाएगी.

15 दिसंबर से शुरू होंगी क्लासेज
प्रीतम कुमार ने बताया कि कराटे की ट्रेनिंग छात्राओं को रोजाना 2 घंटे तक दी जाएगी. जिसमें उन्हें आत्मरक्षा और प्रहार करने के गूढ़ सिखाए जाएंगे. अपने मिशन के मद्देनजर प्रीतम ने 3 बालिका विद्यालयों का चयन किया हैं. जिनमें 15 दिसंबर से कराटे क्लास शुरू कर दी जाएगी.

karate king pritam kumar of purnea
कराटे सीखती स्कूली छात्राएं

पूरे देश में चलाना चाहते हैं मुहिम
प्रीतम कुमार ने यह भी बताया कि स्कूलों में इस मुहिम की शुरुआत को लेकर उन्हें स्कूल प्रबंधन को मनाने में काफी वक्त लगा. इसके बावजूद उनके इस नायाब सोच को सभी ने खूब सराहा. वहीं, कराटे उस्ताद प्रीतम ने बताया कि देश में निर्भया जैसी घटना को हैदराबाद में दोहराया गया. जिसके बाद उन्होंने लड़कियों को मुफ्त में कराटे का प्रशिक्षण देने की ठानी. वे अपने मिशन को पूर्णिया प्रमंडल से कोसी जोन तक ले जाएंगे. जिसके बाद वे बिहार के बाकी बचे जिलों के में भी इस मुहिम को चलाएंगे. प्रीतम कहते हैं कि सिर्फ कानून और पुलिस के बदौलत लड़कियों की सुरक्षा छोड़ी नहीं जा सकती. लिहाजा अपने इस मिशन को वे देश के सभी राज्यों तक फैलाना चाहते हैं.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया)
exclusive story ।

भारतीय सिनेमा जगत में ऐसी कई फिल्में बनीं, जिनमें स्त्री के साथ हुए दुश्साहस की लड़ाई खुद स्त्री ने लड़ी। नारीशक्ति को केंद्र में रखकर बनी दक्षिण भारतीय भाषा से हिंदी में डबड आईपीएस दुर्गा ,मजाल और लेडी डॉन जैसी फिल्में इनका जीता-जागता उदाहरण है। मगर क्या आपने ऐसी कोई कहानी सुनी या अपने आंखों से देखी है, जिसमें लड़की के साथ हुई छेड़खानी का जवाब देने के लिए एक लड़का कराटे का उस्ताद बन बैठा। निर्भया और उन्नाव जैसी रेपकांड की घटनाएं जिले में न हो, लिहाज़ा अपने मुहिम को मिशन बनाकर उसने हजारों लड़कियों को सेल्फ डिफेंस और फाइटिंग के गूढ़ सिखाए हों।


Body:दरअसल प्रेरणाओं से भरी इस रियल लाइफ के कहानी के हीरो कोई और नहीं बल्कि जिले के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन इलाके में रहने कराटे किंग के नाम से मशहूर प्रीतम कुमार हैं। वैसे खुद प्रीतम की उम्र 25 साल है। मगर इनके हौसलों के कायल लोगों की एक फेहरिश्त खंगाले, तो इसमें 5 साल की परियों से लेकर स्कूली छात्राएं और शादी-शुदा महिलाएं और पुरुष तक शामिल हैं। वहीं अब तक हजारों लड़कियों को वे कराटे की प्रशिक्षण दे चुके हैं।



जैसे इंटरनेशनल चैंपियनशिप में अपने विरोधियों को चारों खाने चित्त कर चुके फौलादी हौंसलों वाले प्रीतम कुमार लड़कियों को सेल्फ डिफेंस के गूढ़ सिखाने के मिशन को अब और व्यापक रूप देने जा रहे हैं। उफरैली बालिका विद्यालय से प्रीतम ने इसकी आगाज भी कर दी है। 25 वर्षीय प्रीतम कुमार कहते हैं कि उनके जिले में इस तरह की घटनाएं न हो लिहाजा उन्होंने एक मिशन की शुरुआत की है। स्थित उफरैली बालिका विद्यालय से होकर कराटे किंग प्रीतम का यह मिशन जिले के सभी सरकारी स्कूलों तक जाएगा। हालांकि डेढ़ माह तक चलने वाली प्रीतम के इस निःशुल्क कराटे क्लास का लाभ केवल बालिकाओं को ही मिलेगा।


रोजाना 2 घण्टें तक दी जाने वाली इस परीक्षण के दौरान वे छात्राओं को आत्मरक्षा व प्रहार के गूढ़ सिखाएंगे। अपने इस मिशन के मद्देनजर प्रीतम ने 3 बालिका विद्यालयों का चयन किया है। इसके तहत प्रशिक्षण दिए जाने वाले दो अन्य स्कूलों में वे
का नाम शामिल है। जिनमें दिसंबर 15 से कराटे क्लास शुरू कर दी जाएगी। वहीं इस मुहिम के तहत वे जिले के विद्यालयों के बालिकाओं को कराटे का परीक्षण देंगे।


दरअसल प्रेरणाओं से भरी यह कहानी सुनने में जितनी सहज लग रही है इसके राहों में रुकावट और संघर्षों के उतने ही रोड़े भरे हैं। प्रीतम कहते हैं कि इस मुहिम के तहत उन्हें स्कूल प्रबंधन को मनाने में काफी वक़्त ख़पाना पड़ा। हालांकि उनके इस नायाब सोच को सबों ने खुलकर सराहा और अतिरिक्त कराटे क्लास के लिए अपनी हामी भर दी। कराटे उस्ताद प्रीतम कहते हैं उन्हें इस मुहिम के लिए न सरकार से किसी तरह की कोई मदद चाहिए और न ही स्कूल प्रबंधन से। इनमें से कोई एक अगर मदद के हाथ भी बढ़ाता है तो इनके ओर से न ही होगी। वहीं स्कूलों में मुफ्त कराटे क्लास कराने का नायाब ख्याल उन्हें तब आया जब देश में निर्भया जैसी घटना को दोहराया गया। दिल्ली के बजाए हैदराबाद से हैवानियत की खबरें आने लगी। इसकी के बाद उन्होंने स्कूलों में जाकर कराटे की मुफ्त क्लास शुरू करने की ठानी।



दरअसल प्रीतम कहते हैं उन्हें जिले की लड़कियों को सेल्फ डिफेंस के गूढ़ सिखाने का ख्याल तब आया। तब देश में निर्भया जैसी रेपकांड के बाद उन्नाव रेपकांड प्रकाश में आई। समाचार चैनलों के जरिये ये घटनाएं इन्हें कचोट खाने लगी। इसके ठीक बाद ही उन्होंने तकरीबन डेढ़ साल पहले लड़कियों को सेल्फ डिफेंस के गुढ़ सीखना शुरू किया। कहते हैं कि प्रीतम की राहों में जब जगह की कमी रोड़े बने। तो उनके जहन में जिला स्कूल ग्राउंड के सदुपयोग का ख्याल आया। लिहाजा इनके इस समर्पण और संघर्ष ने ऐसा असर दिखाया कि स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियां ही नहीं बल्कि 5 साल की मासूम से लेकर 35 साल की बच्चों की मम्मी तक कराटे में दिलचस्पी दिखाने लगीं। वहीं लड़कों की दरख्वास्त के बाद प्रीतम इस शर्त पर कराटे सिखाने को तैयार हुए कि वे आगे हर स्त्री की कवज बनकर रक्षा करेंगे।


मुहिम को मिशन में तब्दील कर चुके प्रीतम बताते हैं कि उनका यह अभियान यहीं खत्म नहीं होने वाला। जिले के स्कूली लड़कियों को आत्मरक्षा और प्रहार के पेचीदगियां सिखाने के बाद वे अपने मिशन को पूर्णिया प्रमंडल और कोसी जोन तक ले जाएंगे। इसके बाद वे बिहार के बाकी बचे जिलों के बालिका विद्यालयों तक अपने इस मुहिम को ले जाएंगे। प्रीतम कहते हैं कि सिर्फ कानून और पुलिस के बदौलत लड़कियों की सुरक्षा नहीं छोड़ी जा सकती। लिहाजा अपने इस मिशन को वे देश के सभी राज्यों तक के जाएंगे। सरकारी स्कूलों की लड़कियों को कराटे की क्लास देंने के साथ ही उनका मकसद एक रोज देश की हर लड़की को कराटे में ब्रूसली और जैकी चेन बनाना है।


वहीं इससे इतर हैरत की बात है कि वह प्रीतम जो समाज और स्त्री के लिए निःस्वार्थ भाव से सेवा का भाव रखते हैं। इंटरनेशनल कराटे चैंपियनशिप में अपना जौहर दिखाने से इन्हें महज इस वजह से महरूम रहना पड़ा। क्योंकि प्रीतम के जेब में इतने रुपए नहीं थे, कि वे विदेश जाकर इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकें। हालांकि स्कूलों में छेड़े गए प्रीतम के इस पहल के बाद मिल रहे स्कूलों की छात्राओं सहित बाकी फैकेल्टी और प्रिंसिपल की प्रीतम के लिए उठ रही सरकारी मदद की आवाज सुनकर तो यही मालूम पड़ता है। बेहद जल्द प्रीतम के लिए सरकारी मदद के द्वार खुलेंगे।


वहीं इस दिलचस्प कहानी की असल शुरुआत किसी सुपरहिट फ़िल्म के क्लाइमेक्स से कम नहीं। वे कहते हैं कि यह वाक्या 7 साल पुराना है। एक रोज वे शहर के मुख्य सड़क से गुजर रहे थें। कि तभी कुछ मनचले पास से गुजर रही लड़की पर भद्दी टिप्पणियां करने लगे। हालांकि अकेले प्रीतम को इन मनचलों का विरोध करना भारी पड़ा। प्रीतम बुरे पीटे। इसके बाद से प्रीतम के दिलों-दिमाग में खुद को फौलादी बनाने का इरादा पलता रहा। अब प्रीतम महज चाइनीज और जैपनीज मूवी देखने ही नहीं लगे लगे बल्कि इनमें दिखाई गई बारीकियों को भी सीखना शुरू किया। यूट्यूब की वीडियो से भी इसमें प्रीतम को खूब मदद मिली। और इस तरह प्रीतम कड़ी मेहनत के बूते जिले के कराटे किंग बने।


Conclusion:(इस स्टोरी को किसी ने नहीं किया सो इसे एक्सक्लूसिव लगाएं)

रूबी कुमारी
बलराम दास
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