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'ओलंपिक और एशियन गेम्स से आया था बुलावा' मजदूर पिता के बेटे अमित ने कहा- 'टूट गया सपना' - BHAGALPUR WEIGHTLIFTING PLAYERS

भागलपुर के खिलाड़ी अमित ने बताया कि 2022 में उन्हें ओलंपिक एशियन गेम्स से कॉल आया लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वो जा नहीं सके.

Bhagalpur weightlifting player Amit Kumar
मजदूर का बेटा अमित देश के लिए लाना चाहता है मेडल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 13, 2025, 1:07 PM IST

भागलपुर: हर माता- पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे कामयाब हों और नाम रोशन करें. बेटा हो या बेटी, उन्हें कामयाब बनाने के लिए मां-बाप दिन-रात मेहनत-मजदूरी करते हैं. भागलपुर जिले में कई ऐसे उदाहरण है जिनके माता-पिता ने मेहनत-मजदूरी कर बेटे को कामयाबी के शिखर तक पहुंचाया.

कई मेडल जीत चुके हैं अमित और राजकुमार: वहीं बिहार सरकार की मेडल लाओ नौकरी पाओ की घोषणा से भी कई युवा खेल की तरफ आकृष्ट हो रहे हैं. भागलपुर के अमित कुमार और राजकुमार भी वेटलिफ्टिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन इनके राह की सबसे बड़ी बाधा आर्थिक तंगी है.

बिहार के खिलाड़ियों का हाल (ETV Bharat)

घर पर प्रैक्टिस कर जीत रहे पदक: कहलगांव के भोलसर गांव के रहने वाले सकलदेव सिंह के पुत्र अमित कुमार और एकचारी खड़ाहारा गांव के रहने वाले इंद्रदेव सिंह के पुत्र राजकुमार सिंह ने आर्थिक तंगी की वजह से घर पर ही वेटलिफ्टिंग की तैयारी की. दोनों स्‍टेट और नेशनल लेवल पर पदक जीत चुके हैं.

कोरोनाकाल में खेल के प्रति बढ़ा झुकाव : ईटीवी भारत से बातचीत में अमित कुमार ने बताया कि उन्हें खेल में मन लगता है. कोरोनाकाल में जब पढ़ाई लिखाई पूरी तरह से बंद हो गयी तो उनका और भी वेटलिफ्टिंग में मन लगने लगा. मां ने जब पढ़ाई के लिए पैसे दिए तो, उस पैसे से जिम जॉइन कर लिया.

Bhagalpur weightlifting player Amit Kumar
वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी अमित कुमार (ETV Bharat)

"कोरोना टाइम में ही यह जिम सेंटर खुला था, जिसमें मैंने अभ्यास किया और नेशनल लेवल तक पहुंच कर मेडल भी हासिल किया है. मुझे एशियन गेम से खेलने के लिए कॉल आया था. एंट्री फी के लिए बोला गया था लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है जिस वजह से हमने जाने से मना कर दिया."- अमित कुमार, वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी, नेशनल विनर

'70 हजार के कारण नहीं जा सका': अमित ने बताया कि मैं इंटरनेशनल में जाना चाहता हूं. एशियन गेम्स और ओलंपिक से कॉल आया तो जा नहीं सका. एंट्री के लिए 40 हजार और जाने आने का किराया 20-30 हजार बताया गया. इतना पैसा लगाकर मैं ओलंपिक में नहीं जा सका. अमित 58 किलो का होकर 220 किलो वजन उठा लेते हैं.

Bhagalpur weightlifting player Amit Kumar
220 किलो वजन उठा लेते हैं अमित (ETV Bharat)

मजदूर हैं अमित के पिता: अमित के पिता मजदूर हैं. रोजाना मजदूरी कर जो कुछ मिलता है उससे पूरे घर का भरण पोषण होता है.अमित कुमार ने इंटर तक की पढ़ाई की. ऐसे में अमित अब सरकार से इस दिशा में ध्यान देने की अपील कर रहे हैं.

'आर्थिक तंगी के कारण प्रैक्टिस करने में परेशानी': राजकुमार सिंह ने बातचीत में बताया कि नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है. उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य ओलंपिक भारत के लिए खेलने का है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण ठीक से अभ्यास नहीं हो पता है.

Bhagalpur weightlifting player Amit Kumar
वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी राजकुमार सिंह (ETV Bharat)

"पापा किसानी करते हैं, जिस कारण दूर-दूर जाने के लिए पैसा नहीं हो पता है और गांव में संसाधन नहीं है. यहां से बाहर प्रैक्टिस करने के लिए रोजाना जाने के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है, जिस वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं."- राजकुमार सिंह, वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी, नेशनल विजेता

'खाने से लेकर प्रैक्टिस तक जरूरी': जिम ट्रेनर रोहित कुमार ने बताया कि बॉडी बिल्डिंग गेम के लिए खिलाड़ी को सबसे पहले तो खाने पर ध्यान देना होता है. इसके बाद उनके लिए जरूरी संसाधन होना जरूरी है. उसके बिना बॉडी बिल्डिंग गेम में सफल होना मुश्किल है. फिर भी हमारे दोनों खिलाड़ियों ने नेशनल लेवल तक खेल कर पदक हासिल किया है.

Bhagalpur weightlifting player Amit Kumar
स्टेट और नेशनल लेवल पर कई मेडल जीत चुके हैं अमित (ETV Bharat)

"यह गेम काफी खर्चीला होता है. हमारे जिम में बेसिक संसाधन ही है जिससे दोनों खिलाड़ी अभ्यास करते हैं. इस संसाधन से खिलाड़ी स्टेट लेवल तक तो खेल सकते हैं लेकिन नेशनल और इंटरनेशनल खेलने के लिए पर्याप्त नहीं है. इन दोनों खिलाड़ियों को यदि सरकार मदद करें तो अपने खेल से देश का नाम रोशन कर सकते हैं."- रोहित कुमार, जिम ट्रेनर

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कई मेडल जीत चुके हैं अमित और राजकुमार: वहीं बिहार सरकार की मेडल लाओ नौकरी पाओ की घोषणा से भी कई युवा खेल की तरफ आकृष्ट हो रहे हैं. भागलपुर के अमित कुमार और राजकुमार भी वेटलिफ्टिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन इनके राह की सबसे बड़ी बाधा आर्थिक तंगी है.

बिहार के खिलाड़ियों का हाल (ETV Bharat)

घर पर प्रैक्टिस कर जीत रहे पदक: कहलगांव के भोलसर गांव के रहने वाले सकलदेव सिंह के पुत्र अमित कुमार और एकचारी खड़ाहारा गांव के रहने वाले इंद्रदेव सिंह के पुत्र राजकुमार सिंह ने आर्थिक तंगी की वजह से घर पर ही वेटलिफ्टिंग की तैयारी की. दोनों स्‍टेट और नेशनल लेवल पर पदक जीत चुके हैं.

कोरोनाकाल में खेल के प्रति बढ़ा झुकाव : ईटीवी भारत से बातचीत में अमित कुमार ने बताया कि उन्हें खेल में मन लगता है. कोरोनाकाल में जब पढ़ाई लिखाई पूरी तरह से बंद हो गयी तो उनका और भी वेटलिफ्टिंग में मन लगने लगा. मां ने जब पढ़ाई के लिए पैसे दिए तो, उस पैसे से जिम जॉइन कर लिया.

Bhagalpur weightlifting player Amit Kumar
वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी अमित कुमार (ETV Bharat)

"कोरोना टाइम में ही यह जिम सेंटर खुला था, जिसमें मैंने अभ्यास किया और नेशनल लेवल तक पहुंच कर मेडल भी हासिल किया है. मुझे एशियन गेम से खेलने के लिए कॉल आया था. एंट्री फी के लिए बोला गया था लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है जिस वजह से हमने जाने से मना कर दिया."- अमित कुमार, वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी, नेशनल विनर

'70 हजार के कारण नहीं जा सका': अमित ने बताया कि मैं इंटरनेशनल में जाना चाहता हूं. एशियन गेम्स और ओलंपिक से कॉल आया तो जा नहीं सका. एंट्री के लिए 40 हजार और जाने आने का किराया 20-30 हजार बताया गया. इतना पैसा लगाकर मैं ओलंपिक में नहीं जा सका. अमित 58 किलो का होकर 220 किलो वजन उठा लेते हैं.

Bhagalpur weightlifting player Amit Kumar
220 किलो वजन उठा लेते हैं अमित (ETV Bharat)

मजदूर हैं अमित के पिता: अमित के पिता मजदूर हैं. रोजाना मजदूरी कर जो कुछ मिलता है उससे पूरे घर का भरण पोषण होता है.अमित कुमार ने इंटर तक की पढ़ाई की. ऐसे में अमित अब सरकार से इस दिशा में ध्यान देने की अपील कर रहे हैं.

'आर्थिक तंगी के कारण प्रैक्टिस करने में परेशानी': राजकुमार सिंह ने बातचीत में बताया कि नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है. उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य ओलंपिक भारत के लिए खेलने का है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण ठीक से अभ्यास नहीं हो पता है.

Bhagalpur weightlifting player Amit Kumar
वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी राजकुमार सिंह (ETV Bharat)

"पापा किसानी करते हैं, जिस कारण दूर-दूर जाने के लिए पैसा नहीं हो पता है और गांव में संसाधन नहीं है. यहां से बाहर प्रैक्टिस करने के लिए रोजाना जाने के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है, जिस वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं."- राजकुमार सिंह, वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी, नेशनल विजेता

'खाने से लेकर प्रैक्टिस तक जरूरी': जिम ट्रेनर रोहित कुमार ने बताया कि बॉडी बिल्डिंग गेम के लिए खिलाड़ी को सबसे पहले तो खाने पर ध्यान देना होता है. इसके बाद उनके लिए जरूरी संसाधन होना जरूरी है. उसके बिना बॉडी बिल्डिंग गेम में सफल होना मुश्किल है. फिर भी हमारे दोनों खिलाड़ियों ने नेशनल लेवल तक खेल कर पदक हासिल किया है.

Bhagalpur weightlifting player Amit Kumar
स्टेट और नेशनल लेवल पर कई मेडल जीत चुके हैं अमित (ETV Bharat)

"यह गेम काफी खर्चीला होता है. हमारे जिम में बेसिक संसाधन ही है जिससे दोनों खिलाड़ी अभ्यास करते हैं. इस संसाधन से खिलाड़ी स्टेट लेवल तक तो खेल सकते हैं लेकिन नेशनल और इंटरनेशनल खेलने के लिए पर्याप्त नहीं है. इन दोनों खिलाड़ियों को यदि सरकार मदद करें तो अपने खेल से देश का नाम रोशन कर सकते हैं."- रोहित कुमार, जिम ट्रेनर

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