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Purnea News: मजदूर की बेटी ने कृषि वैज्ञानिक की परीक्षा में लाया दूसरा स्थान, बोलीं- 'वैज्ञानिक बनकर बदलूंगी गांव की सूरत' - पूर्णिया का धुनेली गांव

बिहार के पूर्णिया जिले के श्रीनगर प्रखंड के खूंटी धुनेली गांव की बिटिया ने कृषि वैज्ञानिक की परीक्षा में सूबे में दूसरा स्थान लाकर परिवार के साथ-साथ गांव का सम्मान बढ़ाया है. उसकी इस सफलता पर समाज के लोग एवं परिवार वाले घर पहुंचकर बधायी दे रहे हैं. पढ़ें, पूरी खबर.

कृषि वैज्ञानिक
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Published : Jul 28, 2023, 6:01 AM IST

पूर्णिया: कहते हैं अगर हौसला बुलंद हो तो कुछ भी असंभव नहीं होता. इसको साकार कर दिखाया है पूर्णिया के सुदूर गांव की रहने वाली रानी जूली ने. जूली श्रीनगर प्रखंड के खूंटी धुनेली गांव की बेटी है. उसने पहले ही प्रयास में बिहार संयुक्त प्रवेश परीक्षा कृषि में बिहार में बीसी कैटेगरी में पहला और जनरल कैटेगरी में सूबे में दूसरा स्थान लाकर जिले का मान बढ़ाया है.

इसे भी पढ़ेंः Purnea News: 'मर रहीं मछलियां'.. पूर्णियां के मछली पालक परेशान.. बोले- 'इथेनॉल फैक्ट्री से छोड़े जा रहे केमिकल वाले पानी से नदी हुई जहरीली'

कृषि वैज्ञानिक बनने की थी इच्छाः रानी जूली गांव में रहकर ही पहले मैट्रिक और इंटर प्रथम श्रेणी से पास किया. समाज के लोग एवं परिवार के लोग अपनी बिटिया की इस कामयाबी से काफी खुश हैं. जूली कहती है कि वह घर पर ही रह कर पढ़ाई की. उनके पिता शिवानंद मेहता बालूघाट मध्य विद्यालय में शिक्षक हैं और मां गृहिणी है. उसे दो बहन और एक भाई है. बचपन से ही कृषि वैज्ञानिक बनने की लालसा थी.

जूली को बधाई देने पहुंचे लोग.
जूली को बधाई देने पहुंचे लोग.

"हमारा देश किसानों का देश है. यहां बड़े पैमाने पर कई तरह की फसलें उगाई जाती है. लेकिन जागरूकता की कमी के कारण किसान आधुनिक तरीके से खेती नहीं कर पाते हैं. कृषि वैज्ञानिक बनेगी तो गांव गांव जाकर किसानों को जागरूक करेगी और आधुनिक खेती पर बल देगी."- रानी जूली, सफल प्रतिभागी

मिठाई खिलाकर दी बधाई.
मिठाई खिलाकर दी बधाई.

शिक्षकों ने मिठाई खिलाकर दी बधाईः जूली की इस सफलता पर उसके स्कूल श्रीनगर में भी जश्न का माहौल है. शिक्षकों ने मिठाई खिलाकर जूली को बधाई दी है. जूली के पिता ने कहा कि उन्हें दो जुड़वा बेटी और एक बेटा है. तीनों घर पर ही रह कर पढ़ाई करते हैं. कभी बाहर जाकर कोचिंग नहीं की. जूली बचपन से ही पढ़ने में काफी मेधावी है. आज उसने सब का मान बढ़ाया है. जूली की मां की मानें तो पढ़ाई के साथ-साथ घर के काम में भी हाथ बंटाती है.

पूर्णिया: कहते हैं अगर हौसला बुलंद हो तो कुछ भी असंभव नहीं होता. इसको साकार कर दिखाया है पूर्णिया के सुदूर गांव की रहने वाली रानी जूली ने. जूली श्रीनगर प्रखंड के खूंटी धुनेली गांव की बेटी है. उसने पहले ही प्रयास में बिहार संयुक्त प्रवेश परीक्षा कृषि में बिहार में बीसी कैटेगरी में पहला और जनरल कैटेगरी में सूबे में दूसरा स्थान लाकर जिले का मान बढ़ाया है.

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कृषि वैज्ञानिक बनने की थी इच्छाः रानी जूली गांव में रहकर ही पहले मैट्रिक और इंटर प्रथम श्रेणी से पास किया. समाज के लोग एवं परिवार के लोग अपनी बिटिया की इस कामयाबी से काफी खुश हैं. जूली कहती है कि वह घर पर ही रह कर पढ़ाई की. उनके पिता शिवानंद मेहता बालूघाट मध्य विद्यालय में शिक्षक हैं और मां गृहिणी है. उसे दो बहन और एक भाई है. बचपन से ही कृषि वैज्ञानिक बनने की लालसा थी.

जूली को बधाई देने पहुंचे लोग.
जूली को बधाई देने पहुंचे लोग.

"हमारा देश किसानों का देश है. यहां बड़े पैमाने पर कई तरह की फसलें उगाई जाती है. लेकिन जागरूकता की कमी के कारण किसान आधुनिक तरीके से खेती नहीं कर पाते हैं. कृषि वैज्ञानिक बनेगी तो गांव गांव जाकर किसानों को जागरूक करेगी और आधुनिक खेती पर बल देगी."- रानी जूली, सफल प्रतिभागी

मिठाई खिलाकर दी बधाई.
मिठाई खिलाकर दी बधाई.

शिक्षकों ने मिठाई खिलाकर दी बधाईः जूली की इस सफलता पर उसके स्कूल श्रीनगर में भी जश्न का माहौल है. शिक्षकों ने मिठाई खिलाकर जूली को बधाई दी है. जूली के पिता ने कहा कि उन्हें दो जुड़वा बेटी और एक बेटा है. तीनों घर पर ही रह कर पढ़ाई करते हैं. कभी बाहर जाकर कोचिंग नहीं की. जूली बचपन से ही पढ़ने में काफी मेधावी है. आज उसने सब का मान बढ़ाया है. जूली की मां की मानें तो पढ़ाई के साथ-साथ घर के काम में भी हाथ बंटाती है.

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