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भूमिहीन और क्लस्टर घरों में रहने वालों को आवास मुहैया कराएगी प्रदेश सरकार

ग्रामीण विकास एवं संसदीय मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि वैसे व्यक्ति जो 2011 के सामाजिक-आर्थिक और जातीय जनगणना में किसी कारणवश शामिल नहीं हो सके, उन्हें राज्य सरकार आवास योजना का लाभ देगी.

श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास एवं संसदीय मंत्री
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Published : Jun 13, 2019, 7:42 PM IST

पूर्णिया: आवासीय योजना के तहत बेहद जल्द बिहार सरकार सौगातों का पिटारा खोलने वाली है. इसके तहत सरकार अब ऐसे वंचित लोगों को भी प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का लाभ देने जा रही है, जिनका नाम पीएमवाई-जी में तो है मगर इन भूमिहीनों के पास अपनी जमीन नहीं है. वहीं, क्लस्टर में रह रहे लोगों के लिए भी सूबे के मुखिया सीएम नीतीश कुमार आशियाना बनाने के लिए 1 लाख 22 हजार की सौगात देने वाले हैं.

जिले के सर्किट हाउस में बिहार के ग्रामीण विकास एवं संसदीय मंत्री श्रवण कुमार ने कुल सवा दो लाख तक के योजनाओं का लाभ राज्य सरकार की ओर से दिए जाने की बात कही. दरअसल, ग्रामीण विकास एवं संसदीय मंत्री श्रवण कुमार ने प्रेसवार्ता कर वोटरों को साधने की कोशिश की.

गरीबों को घर बनाने के लिए मिलेंगे 60 हजार
ग्रामीण विकास एवं संसदीय मंत्री ने कहा कि वैसे व्यक्ति जो 2011 के सामाजिक-आर्थिक और जातीय जनगणना में किसी कारणवश शामिल नहीं हो सके, उन्हें राज्य सरकार आवास योजना का लाभ देने जा रही है. ऐसे गरीबों को राज्य सरकार 60 हजार रुपये राज्य के खजाने से घर बनाने के लिए देगी. लोकल स्तर पर इसका जिम्मा ग्राम पंचायतों को दिया गया है.

प्रेसवार्ता में बोले श्रवण कुमार

अन्य योजना का भी किया ऐलान
दूसरी बड़ी घोषणा करते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि वैसे दलित या गरीबी रेखा के नीचे के लोग जो 2 जनवरी 1996 से क्लस्टर वाले घरों में रह रहे हैं और जिनकी माली हालात ठीक नहीं है. जिलेभर के ऐसे तकरीबन 22 हजार लोगों को भी सरकार जल्द ही 1 लाख 20 हजार रुपए घर बनाने के लिए देगी. इस योजना का खर्च भी राज्य सरकार खुद वहन करेगी.

गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री आवास का 60 फीसद हिस्सा भारत सरकार और 40 फीसद हिस्सा राज्य सरकार वहन करती हैं. हालांकि इस योजना से अगल राज्य की दो अन्य योजनाओं का खर्च अकेले राज्य सरकार ही वहन करेगी. इसके तहत घर बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार, शौचालय निर्माण को 12 हजार, मनरेगा में काम करने वालों को 90-95 दिन की मजदूरी के लिए 16 हजार रुपये यानि 177 रुपये रोजाना के हिसाब से और इसके अलावा 70 हजार रुपये मामूली सूद पर देगी.

पूर्णिया: आवासीय योजना के तहत बेहद जल्द बिहार सरकार सौगातों का पिटारा खोलने वाली है. इसके तहत सरकार अब ऐसे वंचित लोगों को भी प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का लाभ देने जा रही है, जिनका नाम पीएमवाई-जी में तो है मगर इन भूमिहीनों के पास अपनी जमीन नहीं है. वहीं, क्लस्टर में रह रहे लोगों के लिए भी सूबे के मुखिया सीएम नीतीश कुमार आशियाना बनाने के लिए 1 लाख 22 हजार की सौगात देने वाले हैं.

जिले के सर्किट हाउस में बिहार के ग्रामीण विकास एवं संसदीय मंत्री श्रवण कुमार ने कुल सवा दो लाख तक के योजनाओं का लाभ राज्य सरकार की ओर से दिए जाने की बात कही. दरअसल, ग्रामीण विकास एवं संसदीय मंत्री श्रवण कुमार ने प्रेसवार्ता कर वोटरों को साधने की कोशिश की.

गरीबों को घर बनाने के लिए मिलेंगे 60 हजार
ग्रामीण विकास एवं संसदीय मंत्री ने कहा कि वैसे व्यक्ति जो 2011 के सामाजिक-आर्थिक और जातीय जनगणना में किसी कारणवश शामिल नहीं हो सके, उन्हें राज्य सरकार आवास योजना का लाभ देने जा रही है. ऐसे गरीबों को राज्य सरकार 60 हजार रुपये राज्य के खजाने से घर बनाने के लिए देगी. लोकल स्तर पर इसका जिम्मा ग्राम पंचायतों को दिया गया है.

प्रेसवार्ता में बोले श्रवण कुमार

अन्य योजना का भी किया ऐलान
दूसरी बड़ी घोषणा करते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि वैसे दलित या गरीबी रेखा के नीचे के लोग जो 2 जनवरी 1996 से क्लस्टर वाले घरों में रह रहे हैं और जिनकी माली हालात ठीक नहीं है. जिलेभर के ऐसे तकरीबन 22 हजार लोगों को भी सरकार जल्द ही 1 लाख 20 हजार रुपए घर बनाने के लिए देगी. इस योजना का खर्च भी राज्य सरकार खुद वहन करेगी.

गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री आवास का 60 फीसद हिस्सा भारत सरकार और 40 फीसद हिस्सा राज्य सरकार वहन करती हैं. हालांकि इस योजना से अगल राज्य की दो अन्य योजनाओं का खर्च अकेले राज्य सरकार ही वहन करेगी. इसके तहत घर बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार, शौचालय निर्माण को 12 हजार, मनरेगा में काम करने वालों को 90-95 दिन की मजदूरी के लिए 16 हजार रुपये यानि 177 रुपये रोजाना के हिसाब से और इसके अलावा 70 हजार रुपये मामूली सूद पर देगी.

Intro:आकाश कुमार

आवासीय योजना के तहत बेहद जल्द सरकार सौगातों का पिटारा खोलने वाली है। इसके तहत सरकार अब ऐसे वंचितों को भी प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का लाभ देने जा रही है। जिनका नाम पीएमवाई-जी में तो है। मगर इन भूमिहीनों के पास अपनी जमीन नहीं। वहीं क्लस्टर में रह रहे लोगों के लिए भी सूबे के मुखिया सीएम नीतीश कुमार आशियाना बनाने को 1 लाख 22 हजार की सौगात देने वाले हैं। इस तरह जिले के सर्किट हाउस में बोलते हुए बिहार के गग्रामीण विकास एवं संसदीय मामलों के मंत्री श्रवण कुमार ने कुल सवा दो लाख तक के योजनाओं का लाभ राज्य सरकार की ओर से दिए जाने की बात कही।





Body:दरअसल ग्रामीण विकास एवं संसदीय मंत्री श्रवण कुमार के इस पीसी के सियासी मायनें भी निकाले जा रहे हैं। ऐसा इसलिए भी है। क्योंकि पीसी के जरिये श्रवण कुमार का फोकस जिले के गरीब वोटरों को साधना रहा। सर्किट हाउस में आयोजित पीसी में सीएम नीतीश के कैबिनेट के अहम सदस्यों में से एक बिहार के ग्रामीण विकास एवं संसदीय मंत्री जिले के गरीबों ,पिछड़ों व दलित वोट बैंक से जुड़ी सरकार की ओर से चलाई जाने वाली योजनाओं पर बोलते नजर आए।



भूमिहीनों को भी मिलेगा आवास योजना का लाभ...


उन्होंने कहा कि वैसे व्यक्ति जो 2011 के सामाजिक -आर्थिक व जातीय जनगणना में किसी कारणवश शामिल नहीं हो सके।
अबतक महरूम ऐसे वंचितों को राज्य सरकार आवास योजना का लाभ देने जा रही है। लिहाजा वैसे वंचित जिस किसी का प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में नाम है जमीन नहीं। ऐसे गरीबों को राज्य सरकार 60 हजार रुपये राज्य के खजाने से घर बनाने को देने जा रही है। लोकल स्तर पर इसका जिम्मा ग्राम पंचायतों को दिया गया है।


इस बाबत एक दूसरी बड़ी घोषणा करते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि वैसे दलित या गरीबी रेखा के नीचे के लोग जो 2 जनवरी 1996 से क्लस्टर वाले घरों में रह रहे हैं। जिनकी माली हालात ठीक नहीं। जिले भर के ऐसे तकरीबन 22 हजार लोगों को सरकार बेहद जल्द 1 लाख 20 हजार घरों के निर्माण में दी जाएगी। इस योजना का खर्च भी राज्य सरकार खुद वहन करेगी ।


गरीबों को सरकार दे रही सवा दो लाख की मदद..


गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री आवास का 60 फीसद हिस्सा भारत सरकार तो वहीं 40 फीसद राज्य सरकार वहन करती है। हालांकि इस योजना से इतर इन दोनों योजनाओं का खर्च अकेले राज्य सरकार वहन करेगी। इस तरह कुल मिलाकर सवा दो लाख रुपये की सौगात सरकार गरीबों को दे रही है। इसके तहत घर बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार शौचालय निर्माण को 12 हजार , मनरेगा में काम करने वालों को 90-95 दिन की मजदूरी के लिए 16 हजार रुपये 177 रुपये रोजाना के हिसाब से, इसके अलावा 70 हजार रुपये मामूली सूद पर दे रही है।



इस बाबत ग्रामीण विकास एवं संसदीय मामलों के मंत्री श्रवण कुमार के साथ जिले के सांसद संतोष कुशवाहा , जदयू नेता उपेंद्र सिंह मौजूद दिखे। जदयू नेता उपेंद्र सिंह ने बुके देकर आगत मंत्री का स्वागत किया।


Conclusion:
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