पूर्णिया: बिहार में विकास को सड़क से जोड़कर देखा जाता रहा है. अक्सर मंचों पर सीएम नीतीश कुमार सड़क को अपने शासन की सबसे बड़ी कामयाबी बताते रहे हैं. लेकिन ईटीवी भारत की टीम ने ऐसे दर्जनों सड़कों की एक्सक्लूसिव पड़ताल की, जिसका शिलान्यास तो बीते आम चुनावों से पहले ही हो गया था. लेकिन करोड़ों की लागत से बनने वाली इन सड़कों के निर्माण का कार्य अभी भी अधूरा है.
रियलिटी टेस्ट में सुशासन की सड़कें फेल
हमारी टीम शहर के ऐसे आधा दर्जन इलाकों में गई, जहां जर्जर सड़कें आज भी लोगों का सिरदर्द बनी हुई हैं. लोकसभा चुनाव से पहले शिलान्यास होने के बावजूद भी आज तक सड़कों का कायाकल्प नहीं हो सका है. शहर के पॉश इलाके पंचमुखी मंदिर स्थित वार्ड 20 की सड़क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है.
शिलान्यास के बाद अब तक नहीं बनी सड़क
स्थानीय हीरा ठाकुर बताते हैं कि बीते लोकसभा चुनाव के दौरान स्थानीय प्रतिनिधियों की तरफ से तकरीबन 45 लाख की लागत से बनने वाली सड़क का शिलान्यास किया गया था. लेकिन जिस सड़क का निर्माण कार्य फरवरी 2019 में ही पूरा होना था. वह अब तक नहीं हो सका है. हकीकत में तो सड़क नहीं बन सकी मगर शिलापटों पर निर्माण कार्य पूरा हो गया. एसडीएम आवास से लगी सड़क का हाल भी कुछ ऐसा ही है. वहीं, सिनेमा टॉकीज रोड और समाहरणालय नगर निगम लिंक रोड 1 करोड़ की लागत से 2018 में ही शिलापटों पर संपन्न हो गया था. लेकिन अब तक नहीं बन सकी है.
शिलापटों पर संपन्न, धरातल से नदारद
स्थानीय बताते हैं कि दोनों ही सड़कें शहर की सबसे भीड़भाड़ वाली सड़क है. सिनेमा टॉकीज रोड में मेडिकल हब होने के कारण यहां रोज हजारों लोग इस सड़क से गुजरते हैं. वहीं, समाहरणालय, नगरनिगम, कचहरी और कॉलेज जैसे दर्जनों लैंडमार्क होने के कारण लिंक रोड में हर पल वाहनों की आपाधापी लगी रहती है. पॉश इलाकों में भट्टा दुर्गाबाड़ी लिंक रोड, मधुबनी रोड और बक्सा घाट रोड 1 करोड़ की लागत से बनने वाली इन सड़कों का काम भी चुनाव बीतते ही अधर में लटक गया. स्थानीय, पूर्व पार्षद और वकील कहते हैं कि नियमतः शिलान्यास पट पर कार्य शुरुआत के साथ ही कार्य अवधि पूरी होने की भी तिथि शिलापट पर अंकित होना अनिवार्य है. मगर इन सभी स्तर पर बड़े पैमाने पर धांधली हुई है.
'जनता को इस बला से बचा लें सीएम साहेब'
लोगों का कहना है कि इन सड़कों के बदहाल होने से इन्हें हर मौसम में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सड़कें पथरीली और अंधी मोड़ वाली हैं, जिससे बारिश के दिनों में पैदल चलने और वाहनों से गुजरने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जलजमाव और कीचड़ की स्थिति में अक्सर ही दुर्घटनाएं होती रहती हैं. वहीं, जाड़े का मौसम नजदीक है. इस मौसम में आय दिन वाहन चालकों को भारी फॉगिंग का सामना करना पड़ता है. सड़कें कच्ची और कंक्रीट की होने की वजह से किसी परिस्थिति में पहिए के फिसलते ही लोग बेवजह अनहोनी के शिकार बनते है. वहीं, गर्मी के दिनों में इन सड़कों पर उड़ती धूल से गुजरना किसी चुनौती से कम नहीं है.
'संवेदकों पर चलेगा प्रशासन का हंटर'
नगर आयुक्त विजय कुमार सिंह ने कहा कि ऐसी सड़कों का निर्माण करने वाले संवेदकों की सूची बनाकर उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है. ऐसे संवेदकों को आगे ठेकेदारी में भाग लेने से रोका जाएगा. साथ ही इनपर कार्रवाई को लेकर सक्षम पदाधिकारी को पत्र लिखा गया है. आगे जो भी कार्य होंगे इन ठेकेदारों पर विशेष मॉनिटरिंग में शुरू किया जाएगा.