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पूर्णिया: जिले में सैलाब का सितम जारी, 62 पंचायतों के सवा लाख लोग प्रभावित - SDRF

ईटीवी भारत की टीम सैलाब की चपेट में आये बायसी के बाढ़ प्रभावित चोपड़ा पंचायत ,बालूगंज पंचायत, बांसबाड़ी और सिमलबाड़ी जैसे गांवों में पहुंचा और बाढ़ हकीकत सामने लेकर आई.

पूर्णिया में बाढ़ के बिगड़ते हालात
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Published : Jul 17, 2019, 2:30 PM IST

पूर्णिया: जिले में सैलाब का सितम जारी है. आफत की बाढ़ ने तीन प्रखंड बायसी ,अमौर व बैसा को पूरी तरह अपनी जद में ले लिया है. महानंदा, बकरा, कनकई, परमान जैसी नदियों के उफनते वेग ग्रामीण बस्तियों के बाद बड़ी ही तेजी से स्टेट हाइवे और जिला मुख्यालयों की ओर बढ़ रही है.

62 पंचायतों के सवा लाख लोग प्रभावित
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 62 पंचायतों के सवा लाख लोग विकराल बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे हैं. यहां अब तक दो की मौत हो चुकी है. सरकार से किसी तरह की मदद न मिलता देख लोग सुरक्षित स्थान पर नया बसेरा बनाने को मजबूर हो रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम सैलाब की चपेट में आये बायसी के बाढ़ प्रभावित चोपड़ा पंचायत ,बालूगंज पंचायत, बांसबाड़ी और सिमलबाड़ी जैसे गांवों में पहुंचा और बाढ़ हकीकत सामने लेकर आई.

purnea flood
पूर्णिया में बाढ़ के बिगड़ते हालात

कट गए दर्जनों छोटे-बड़े डायवर्जन
बाढ़ के पानी के कारण देखते ही देखते दर्जनों छोटे-बड़े डायवर्जन कट गए हैं. इस कारण बाढ़ ने सैकड़ों गावों को अपनी चपेट में ले लिया है. फसलें, घरों में रखे अनाज, पशुओं का चारा बहने के साथ ही लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. गांव और हाईवे से लगी ऊंची इमारतों को छोड़कर सभी घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है.

purnea flood
पूर्णिया में बाढ़ के बिगड़ते हालात

बाढ़ की स्थिति भयावह
बाढ़ की स्थिति कितनी भयावह है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों में कमर से ऊपर तक पानी है. वहीं यह पानी अब धीरे-धीरे स्टेट हाईवे की ओर बढ़ रहा है. सरकारी मदद की आश में टकटकी लगाए लोग अब पलायन कर रहे हैं. हैरत की बात है कि गांवों में अब तक कोई स्थानीय प्रतिनिधि झांकने तक नहीं पहुंचा, जिसे लेकर ग्रामीण खासे नाराज हैं.

पूर्णिया में बाढ़ के बिगड़ते हालात

बायसी के बाढ़ प्रभावित पंचायत
बायसी अनुमंडल का बायसी पंचायत, चोपड़ा, ताराबाड़ी, सुगवा महानंदपुर पंचायत, पुरानागंज, बनगामा, चिरैया, तालबाड़ी, श्रीपुर मल्लाह टोली, चकला, हरियतोड़, खुटिया,चन्द्रगामा, बालूगंज जैसे पंचायतों के सैकड़ों गांव प्रभावित हैं.

purnea flood
बाढ़ पीड़ित

बैसा के बाढ़ प्रभावित पंचायत
हरिया, काशिबाड़ी, बरडीहा, डुमरिया, मंगलपुर, झौवामानी, सिरसी, पोखड़िया, झटरभोग, अभयपुर, मठवा टोली, हिजली आसियानी, मालपाड़ा, रायवेर, रौटा, मंझोक, धुसमल पंचायत के सैकड़ों गांव प्रभावित हैं.

अमौर के बाढ़ प्रभावित पंचायत
हफनिया पंचायत ,खाड़ी महीनगांव ,रंगरैया लाल ,डहुआबाड़ी टोली ,भवानीपुर ,हरिपुर खरैया , तालबाड़ी ,ज्ञानडोभ पंचायत जैसे पंचायत प्रभावित हैं.

पूर्णिया: जिले में सैलाब का सितम जारी है. आफत की बाढ़ ने तीन प्रखंड बायसी ,अमौर व बैसा को पूरी तरह अपनी जद में ले लिया है. महानंदा, बकरा, कनकई, परमान जैसी नदियों के उफनते वेग ग्रामीण बस्तियों के बाद बड़ी ही तेजी से स्टेट हाइवे और जिला मुख्यालयों की ओर बढ़ रही है.

62 पंचायतों के सवा लाख लोग प्रभावित
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 62 पंचायतों के सवा लाख लोग विकराल बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे हैं. यहां अब तक दो की मौत हो चुकी है. सरकार से किसी तरह की मदद न मिलता देख लोग सुरक्षित स्थान पर नया बसेरा बनाने को मजबूर हो रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम सैलाब की चपेट में आये बायसी के बाढ़ प्रभावित चोपड़ा पंचायत ,बालूगंज पंचायत, बांसबाड़ी और सिमलबाड़ी जैसे गांवों में पहुंचा और बाढ़ हकीकत सामने लेकर आई.

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पूर्णिया में बाढ़ के बिगड़ते हालात

कट गए दर्जनों छोटे-बड़े डायवर्जन
बाढ़ के पानी के कारण देखते ही देखते दर्जनों छोटे-बड़े डायवर्जन कट गए हैं. इस कारण बाढ़ ने सैकड़ों गावों को अपनी चपेट में ले लिया है. फसलें, घरों में रखे अनाज, पशुओं का चारा बहने के साथ ही लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. गांव और हाईवे से लगी ऊंची इमारतों को छोड़कर सभी घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है.

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पूर्णिया में बाढ़ के बिगड़ते हालात

बाढ़ की स्थिति भयावह
बाढ़ की स्थिति कितनी भयावह है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों में कमर से ऊपर तक पानी है. वहीं यह पानी अब धीरे-धीरे स्टेट हाईवे की ओर बढ़ रहा है. सरकारी मदद की आश में टकटकी लगाए लोग अब पलायन कर रहे हैं. हैरत की बात है कि गांवों में अब तक कोई स्थानीय प्रतिनिधि झांकने तक नहीं पहुंचा, जिसे लेकर ग्रामीण खासे नाराज हैं.

पूर्णिया में बाढ़ के बिगड़ते हालात

बायसी के बाढ़ प्रभावित पंचायत
बायसी अनुमंडल का बायसी पंचायत, चोपड़ा, ताराबाड़ी, सुगवा महानंदपुर पंचायत, पुरानागंज, बनगामा, चिरैया, तालबाड़ी, श्रीपुर मल्लाह टोली, चकला, हरियतोड़, खुटिया,चन्द्रगामा, बालूगंज जैसे पंचायतों के सैकड़ों गांव प्रभावित हैं.

purnea flood
बाढ़ पीड़ित

बैसा के बाढ़ प्रभावित पंचायत
हरिया, काशिबाड़ी, बरडीहा, डुमरिया, मंगलपुर, झौवामानी, सिरसी, पोखड़िया, झटरभोग, अभयपुर, मठवा टोली, हिजली आसियानी, मालपाड़ा, रायवेर, रौटा, मंझोक, धुसमल पंचायत के सैकड़ों गांव प्रभावित हैं.

अमौर के बाढ़ प्रभावित पंचायत
हफनिया पंचायत ,खाड़ी महीनगांव ,रंगरैया लाल ,डहुआबाड़ी टोली ,भवानीपुर ,हरिपुर खरैया , तालबाड़ी ,ज्ञानडोभ पंचायत जैसे पंचायत प्रभावित हैं.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया)
exclusive report

सीमावर्ती जिलों के बाद अब पूर्णिया में सैलाब का सितम जारी है। आफत की बाढ़ ने जिले के तीन प्रखंड बायसी ,अमौर व बैसा
को पूरी तरह अपने जद में ले लिया है। महानंदा, बकरा ,कनकई, पनमार जैसी नदियों के उफनते वेग ग्रामीण बस्तियों के बाद बड़ी ही तेजी से स्टेट हाइवेज व जिला मुख्यालयों की ओर बढ़ रही हैं।
वहीं आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 62 पंचायतों के सवा लाख लोग विकराल बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे हैं। वहीं अब तक दो की मौत हो चुकी है।सरकार से किसी तरह की मदद का आसरा न मिलता देख लोग सुरक्षित स्थान पर नया बसेरा बना रहे हैं। लिहाजा ईटीवी भारत आज ग्राउंड जीरो पहुंचा।







Body:पेश है पूर्णिया से सैलाब के जलप्रलय पर एक विशेष रिपोर्ट
जहां ईटीवी भारत जान पर खेलते हुए सैलाब की चपेट में आये बायसी के बाढ़ प्रभावित चोपड़ा पंचायत ,बालूगंज पंचायत , चरैया पंचायत ,डंगराहा गांव ,कन्हरवा गांव ,कोरी हाजी टोला , बांसबाड़ी और सिमलबाड़ी जैसे गांवों में आई बाढ़ के पानी में उतरा। और सैलाब की हकीकत सामने लाई।


सैकड़ों गांवों के लाखों लोग प्रभावित...


दरअसल पारंपरिक रूप से बाढ़ के लिए पहचाने जाने वाले बायसी ,बैसा व अमौर में बहने वाली महानंदा ,पनमार ,कनकई, बकरा जैसी नदियों ने सीमावर्ती नेपाल के पानी छोड़ने के बाद रविवार दिन से ही अचानक रौद्ररूप ले लिया है। बाढ़ के इन प्रचंड वेगों के आगे देखते ही देखते दजनों छोटे-बड़े डायवर्जन कट गए हैं। जिसके बाद इन उफ़नती लहरों ने सैकड़ों गावों को अपनी चपेट में ले लिया है। फसलें ,घरों में रखे अनाज , पशुओं का चारा बहने के साथ ही लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे हैं।
वहीं प्रशासन ने 62 पंचायतों के सवा लाख लोगों के प्रभावित होने की पुष्टि की है।


गांवों के बाद स्टेट हाइवे की ओर बढ़ रहा पानी...


वहीं गांव व हाईवे से लगे ऊंचे इमारतों को छोड़कर सभी घरों में
बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। स्थिति कितनी भयावह है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों तक कमर से ऊपर तक पानी है। वहीं बाढ़ का यह पानी अब धीरे-धीरे स्टेट हाईवे की ओर बढ़ रहा है। वहीं ईटीवी को ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान ऐसे भी व ग्रामीण मिलें जो गांव में बाढ़ के पानी के प्रवेश के बाद बायसी स्टेट हाइवे के समीप आकर बसे थे। फिलहाल इन क्षेत्रों में भी बाढ़ की दस्तक के बाद अब ग्रामीण नए ठिकाने की तलाश में हैं।


जब ग्राउंड जीरो तक पहुंचा ईटीवी....


हैरत की बात यह है कि ईटीवी भारत जब बायसी व अमौर में बाढ़ के हालातों से रूबरू होने पहुंचा। एक ओर जहां प्रशासनिक अमला बाढ़ प्रभावित इलाकों में नाव की सुविधा बहाल किये जाने की बात कर रहा है। वहीं दूसरी ओर बाढ़ की चपेट में आने वाले गावों से नाव पूरी तरह नदारद दिखा।





सैलाब में बह गए डायवर्जन ,कटें गांवों से शहर का संपर्क..


चोपड़ा ,बालूगंज ,पुरानागंज पंचायतों के डायवर्जन कटने से कई गांवों के साथ ही शहर तक जाने वाली सड़कों से संपर्क टूट गया है। फसलों के बह जाने के साथ ही घरों में पानी प्रवेश कर गया है। घर के आंगन में सैलाब सा नजारा दिख रहा है। ईटीवी खुद बाढ़ में डूबे इन ग्रामीण बस्तियों तक पहुंचा। वोट की सुविधा उपलब्ध न होने से जहां लोग गर्दन व कमर भर पानी में डूबकर घरों से अंदर-बाहर करने को मजबूर हैं।


मदद की बाट जोह रहे ग्रामीण कर रहे थक हार कर रहे पलायन...


वहीं सरकारी मदद की आश में टकटकी लगाए लोगों ने थक हारकर बाढ़ के पानी का जलस्तर बढ़ता देख अब पलायन करना शुरू कर दिया है। फसल ,अनाज ,बिजली व सड़क के बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित होने के बाद अब लोग किसी सुरक्षित स्थानों पर तेजी से पलायन कर रहे हैं। हैरत की बात है कि गांवों में अब तक कोई स्थानीय प्रतिनिधि झांकने तक नहीं पहुंचा। जिसे लेकर ग्रामीण खासे नाराज हैं। वहीं प्रशासन की ओर से पलायन विस्थापन के दाबे तो खूब किये जा रहे हैं। मगर जमीनी हकीकत कुछ और है।


नदियों से लगे गांव सबसे अधिक प्रभावित...


सबसे अधिक प्रभावित इन तीनों ही प्रखंडों के वे सैकड़ों गांव हैं। जो ठीक पनमार ,कनकई ,महानंदा ,बकरा ,रुद्रा जैसी नदियों के ठीक किनारे बसी हैं। वहीं नदियों के किनारे से गुजरे दर्जन भर से अधिक सड़क बाढ़ के तेज बहाव में बह गए हैं। इनमें बायसी का चोपड़ा मार्ग ,पुरानागंज मार्ग ,चरैया मार्ग ,बालूगंज मार्ग ,बैसा का मंगलपुर पोठिया मार्ग ,छतरपुर भोग पोठिया मार्ग सहित अमौर के कुछ सड़कें शामिल हैं।



बायसी के बाढ़ प्रभावित पंचायत....

बायसी अनुमंडल का बायसी पंचायत ,चोपड़ा ,ताराबाड़ी ,सुगवा महानंदपुर पंचायत ,पुरानागंज ,बनगामा ,चिरैया ,तालबाड़ी ,श्रीपुर मल्लाह टोली ,चकला ,हरियतोड़ , खुटिया ,चन्द्रगामा ,बालूगंज जैसे पंचायतों के सैकड़ों गांव प्रभावित हैं। पनमार ,महानंदा ,कनकई व कुछ सहायक नदियों ने यहां बर्बादी का कारण बनती हैं।


बैसा के बाढ़ प्रभावित पंचायत....

बैसापंचायत ,हरिया ,काशिबाड़ी ,बरडीहा ,डुमरिया ,मंगलपुर ,झौवामानी ,सिरसी ,पोखड़िया ,झटरभोग ,अभयपुर , मठवा टोली , हिजली आसियानी ,मालपाड़ा ,रायवेर ,रौटा , मंझोक ,धुसमल पंचायत के सैकड़ों गांव प्रभावित हैं।
यहां कनकई व महानंदा बनती है बाढ़ की वजह ।


अमौर के बाढ़ प्रभावित पंचायत...

हफनिया पंचायत ,खाड़ी महीनगांव ,रंगरैया लाल ,डहुआबाड़ी टोली ,भवानीपुर ,हरिपुर खरैया , तालबाड़ी ,ज्ञानडोभ पंचायत जैसे पंचायत प्रभावित हैं। इन्हें पनमार ,कनकई ,महानंदा व बकरा नदी प्रभावित करती हैं।


Conclusion:
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