पूर्णिया: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन विभिन्न छठ घाटों पर व्रतियों ने डूबते सूर्य की आराधना कर उन्हें दूध और जल का अर्घ्य दिया. इससे पहले छठ व्रती और श्रद्धालु डाला में पूजा की सभी सामग्री लेकर घाट पर पहुंचे. वहीं कई श्रद्धालुओं ने दंड प्रणाम करते हुए छठ घाट पहुंच कर भगवान भाष्कर की आराधना की.
घर में छठ घाट बनाकर दिया अर्घ्य
महापर्व छठ के तीसरे दिन लोगों ने अस्तचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया. वहीं कई छठ वर्ती तालाब और नदी पर जाने के बजाय अपने घरों में छठ घाट बनाकर छठ मनाते हैं. आस्था के पर्व को लोग शांति पूर्ण ढंग से मनाने की कामना करते हैं. जहां नदी और तलाबों में छठ पूजा को लेकर भीड़ दिखती है. वहीं अब लोग इस पर्व को शांति पूर्ण ढंग से मनाने के लिए अपने-अपने घरों में छठ घाट बनाकर इस पर्व को मनाते हैं. छठ वर्तियों ने छठी मइया के गीत के साथ आज भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया.
शांति का प्रतीक है छठ महापर्व
छठ वर्तियों के अनुसार इस पर्व को मनाने के लिए लोग घाट पर पहले अपना नाम लिखते हैं. जिसे बनाने के लिए अक्सर लोगों से नोकझोक हो जाती है. वहीं परिवार के साथ घाट पर जाने के बाद कई बार मनचले परेशान करते हैं. जिसकी वजह से कभी-कभी मनचलो से झड़प भी हो जाती है. ये पर्व शांति का प्रतीक है. जिसे लोग शांतिपूर्ण तरह से मनाना चाहते हैं. इसी वजह से लोग इस पर्व को अपने घर मे छठ घाट बनाकर बड़ी धूमधाम से छठ मनाते हैं.