पूर्णिया: समाज का एक ऐसा तबका है जिससे लोग दूरी बना कर रखते हैं, मगर उसी समाज द्वारा बनाई गई बांस की सामग्री शुभ घड़ी में लोगों के काम आती है. साथ ही उसे शुभ भी माना जाता है. तब यही समाज उनके शुभ घड़ी में खड़े दिखते हैं. कोविड-19 जैसी जानलेवा बीमारी को ले किये गए लॉकडाउन का असर उन परिवारों पर दिख रहा है.
शुभ अवसर पर इन्हीं के समानों को खरीदते हैं लोग
झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले ये समाज के वो लोग हैं, जिनसे लोग दूरी बना कर रहते हैं. मगर यही लोग शादी-विवाह जैसे समारोह में उपयोग किये जाने वाले बांस का डाला, दौरा या छठ जैसे महापर्व में सुप, दौरा या महिलाओं की वट सावित्री पूजा में उपयोग होने वाली पंखा बनाते हैं. समाज के बड़े से बड़े और अन्य वर्ग के लोग इन समाग्री के लिए अपनी शुभ घड़ी में इनके घर तक पहुंचते हैं.
लॉकडाउन के कारण नहीं हो रही कमाई
कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी से रोकथाम के लिए सरकार की तरफ से लॉकडाउन ऐसे समय में किया गया है जो इनकी कमाई का होता है. अभी का समय हिन्दू समाज के लिए शादी-विवाह जैसी समारोह का होता है, मगर लॉकडाउन की वजह से सरकार की तरफ से ऐसे किसी भी समारोह पर रोक लगा दी गयी है. ऐसी स्थिति में इनके सामने कमाई के जरिए पर भी रोक लग गई है.
इन सब के बावजूद ये समाज इस उम्मीद से बांस की सामग्री तैयार करने में लगा हुआ है कि अगर लॉकडाउन खत्म होता है तो हिन्दू लोगों के घर में समारोह मनाया जाएगा. फिर लोग इसकी खरीदारी करेंगे.