पूर्णिया: इन दिनों कोरोना को लेकर पूरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ है. वायरस के प्रकोप से बचने के लिए केंद्र सरकार ने एहतियात के तौर पर देशभर में लॉकडाउन जारी किया. इसको लेकर जिले में लगातार आठवें दिन भी शहर की पर सन्नाटा नजर आया. लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन लगातार लोगों को जागरूक कर रही है. हालांकि, लॉकडाउन से उपजे हालातों के बाद कई मजदूर अभी भी अपने शहर की सड़कों पर आवागमन करते नजर आए.
'सरकार से लगाई मदद की गुहार'
इस वायरस के प्रकोप को कम करने के लिए सरकार ने पूरे देश में तालाबंदी की है. लॉक डाउन से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. दिहाड़ी मजदूर और उनके परिवार का हाल बेहाल है. इनके लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार ने अपनी ओर से आवश्यक कदम जरूर उठाये हैं. लेकिन, बिहार के बाहर रह रहे मजदूरों तक राहत जमीनी स्तर पर तक अभी भी नहीं पहुंच पा रही है. इसको लेकर गोरखपुर से पूर्णिया के रास्ते बंगाल जा रहे मजदूरों ने कहा कि लॉकडाउन से तमाम कल-कारखाने बंद हो गए. ऐसे हालात में हमारे रोजगार पर भी ग्रहण लग गया. कंपनी संचालक ने हमलोगों के हाथों में कुछ राशि देकर वापस घर जाने की सलाह दी. इस वजह से हमलोग वापस घर जा रहे हैं. मजदूरों ने बताया कि रास्ते में हमलोगों की किसी ने मदद नही की.
बिहार में बढ़ा रहा कोरोना प्रकोप
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन करने का आदेश जारी किया गया है. जिला प्रशासन राजधानी पूर्णियां में पूरी सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवा रही है. बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. पूरे देशभर में लॉक डाउन 14 अप्रैल तक लागू रहेगा. देश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पूरे देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 13 सौ की संख्या को पार कर चुका है. इस वायरस के दंश से लगभग 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, प्रदेश में कोरोना के 23 मामले पॉजिटिव पाए गए है. जबकि, इस वायरस के कारण 1 की मौत हो चुकी है.