पूर्णिया: जिले में सदर अस्पताल के डॉक्टर और कर्मियों को पिछले 6 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है. इसे लेकर डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों का एक शिष्टमंडल पूर्णिया के सिविल सर्जन से मिलने उनके कार्यालय पहुंचा. सिविल सर्जन ने बताया कि फंड की कमी के कारण कर्मियों के वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है.
"सदर अस्पताल पूर्णिया में डॉक्टर और सभी स्टाफ को जुलाई तक का ही वेतन मिल रहा है. सभी जगह एक साल का अलॉटमेंट होता है लेकिन यहां तीन महीने का आता है. यहां कभी फुल सैलरी नहीं मिलता है. हमें शक है कि यहां जो मेडीकल कॉलेज बन रहा है उसमें फंड डायवर्ट हो रहा है. हमें कोरोना होने पर भी प्रोत्साहन राशि नहीं मिला."-डॉ विजय कुमार, चिकित्सक
"हमलोगों को जुलाई से अभी तक पेमेंट नहीं मिला है. इससे घर चलाने, बच्चों की पढ़ाई आदि में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. पटना से वेतन की राशि अटकी हुई है."-ललिता देवी, स्वास्थ कर्मी
"अलॉटमेंट था नहीं जो आया है उसमें 2 महीने का ही वेतन हो पाएगा. सुप्रिटेंडेंट रिटायर कर गए हैं. हमने अधिकारियों से बात की है दो महीने का वेतन भुगतान कर दिया गया है. आगे के भुगतान के लिए हमने डिमांड किया है."- उमेश शर्मा, सिविल सर्जन
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करना पड़ रहा आर्थिक तंगी का सामना
पूर्णिया सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के सामने खड़े डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि हमें पिछले साल जुलाई महीने के बाद से वेतन नहीं मिला है. इससे घर के खर्चे, बच्चों की पढ़ाई और दवाई के खर्चे नहीं निकल पा रहे हैं. इस वजह से हमें काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
नहीं मिली प्रोत्साहन राशि
लोगों ने कहा कि सदर अस्पताल में बन रहे नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज में वेतन की राशि को डायवर्ट तो नहीं किया जा रहा है. स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि करोना काल में काम करने पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि भी उन्हें नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि इस दौरान कई लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में भी आ गए थे.
सही समय पर नहीं हो पा रहा भुगतान
सिविल सर्जन उमेश शर्मा ने बताया कि फंड की कमी की वजह से स्वास्थ्य कर्मियों का भुगतान सही समय पर नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि 2 महीने के वेतन की राशि आई हुई है. सिविल सर्जन ने कहा कि जिस काम में फंड की जरूरत नहीं है उसमें फंड आ जाता है. वहीं जिसमें जरूरत होती है उसमें परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि मामले की लिखित शिकायत की गई है.