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पूर्णिया: सदर अस्पताल के डॉक्टर पर गंभीर आरोप, इलाज के लिए मरीजों को बुलाते हैं निजी क्लिनिक

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Published : Dec 15, 2019, 8:29 AM IST

Updated : Dec 15, 2019, 9:48 AM IST

मरीज के परिजन ने बताया कि जेपी यादव नाम के डॉक्टर उन्हें अपने निजी क्लीनिक में ऑपेरशन के लिए बुला रहे हैं. जहां उनसे मोटी रकम वसूल की जा सके. परिजन ने कहा कि डॉक्टर हमेशा स्टॉफ की कमी का बहाना देकर उन्हें टाल रहे हैं.

पुरुष सर्जिकल वार्ड
पुरुष सर्जिकल वार्ड

पूर्णिया: जिले का स्वास्थ्य महकमा एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. इसकी वजह यहां के सदर अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर हैं. यहां के मरीजों ने डॉक्टर जेपी यादव पर इलाज के लिए अपने निजी क्लिनिक में बुलाने का आरोप गया है. हालांकि डॉक्टर ने इस पूरे आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

निजी क्लिनिक बुलाने का आरोप
दरअसल, ये पूरा मामला सदर अस्पताल के पुरुष सर्जिकल वार्ड का है. यहां एडमिट एक हार्निया मरीज के अनुसार वो बीते 4 दिसंबर से इस अस्पताल में भर्ती है. लेकिन डॉक्टर उनका इलाज नहीं कर रहे हैं. डॉक्टर रोजाना कोई न कोई बहाना देकर उन्हें टाल देते हैं और कहते हैं कि वह उनके निजी क्लिनिक आ जाए फिर ऑपरेशन हो जाएगा.

purnea
पीड़ित मरीज

नहीं हो रहा ऑपेरशन
मरीज के परिजन ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन पहले तो उन्हें एक सप्ताह तक दौड़ाता रहा. इसके बाद आखिरकार उन्हें बीते 4 दिसंबर को डॉक्टर जेपी यादव के ट्रीटमेंट में पुरुष सर्जिकल वार्ड में एडमिट लिया गया. लेकिन वहां भर्ती हुए 10 दिन से अधिक हो गए लेकिन आजतक ऑपेरशन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है. डॉक्टर उन्हें रोजाना भूखे रखकर इधर-उधर घूमा रहे हैं.

स्टॉफ की कमी का बहाना
मरीज के परिजन ने बताया कि जेपी यादव नाम के डॉक्टर उन्हें अपने निजी क्लीनिक में ऑपेरशन के लिए बुला रहे हैं. जहां उनसे मोटी रकम वसूल की जा सके. परिजन ने कहा कि डॉक्टर हमेशा स्टॉफ की कमी का बहाना देकर उन्हें टाल रहे हैं.

मरीजों ने लगाया डॉक्टर पर गंभीर आरोप

क्या कहते है डॉक्टर जेपी यादव
वहीं, इस बारे में डॉक्टर जेपी यादव ने कहा है कि ये सारी बाते गलत हैं. उन्होंने कहा कि मेरी ओर से मरीज और उनके परिजनों को एनेस्थेटिक की कमी और उनके छुट्टी पर जाने की बात बताई गई थी. जिनके आते ही ऑपरेशन की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी जाएगी. लेकिन ये सभी हमपर गंभीर और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.

पूर्णिया: जिले का स्वास्थ्य महकमा एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. इसकी वजह यहां के सदर अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर हैं. यहां के मरीजों ने डॉक्टर जेपी यादव पर इलाज के लिए अपने निजी क्लिनिक में बुलाने का आरोप गया है. हालांकि डॉक्टर ने इस पूरे आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

निजी क्लिनिक बुलाने का आरोप
दरअसल, ये पूरा मामला सदर अस्पताल के पुरुष सर्जिकल वार्ड का है. यहां एडमिट एक हार्निया मरीज के अनुसार वो बीते 4 दिसंबर से इस अस्पताल में भर्ती है. लेकिन डॉक्टर उनका इलाज नहीं कर रहे हैं. डॉक्टर रोजाना कोई न कोई बहाना देकर उन्हें टाल देते हैं और कहते हैं कि वह उनके निजी क्लिनिक आ जाए फिर ऑपरेशन हो जाएगा.

purnea
पीड़ित मरीज

नहीं हो रहा ऑपेरशन
मरीज के परिजन ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन पहले तो उन्हें एक सप्ताह तक दौड़ाता रहा. इसके बाद आखिरकार उन्हें बीते 4 दिसंबर को डॉक्टर जेपी यादव के ट्रीटमेंट में पुरुष सर्जिकल वार्ड में एडमिट लिया गया. लेकिन वहां भर्ती हुए 10 दिन से अधिक हो गए लेकिन आजतक ऑपेरशन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है. डॉक्टर उन्हें रोजाना भूखे रखकर इधर-उधर घूमा रहे हैं.

स्टॉफ की कमी का बहाना
मरीज के परिजन ने बताया कि जेपी यादव नाम के डॉक्टर उन्हें अपने निजी क्लीनिक में ऑपेरशन के लिए बुला रहे हैं. जहां उनसे मोटी रकम वसूल की जा सके. परिजन ने कहा कि डॉक्टर हमेशा स्टॉफ की कमी का बहाना देकर उन्हें टाल रहे हैं.

मरीजों ने लगाया डॉक्टर पर गंभीर आरोप

क्या कहते है डॉक्टर जेपी यादव
वहीं, इस बारे में डॉक्टर जेपी यादव ने कहा है कि ये सारी बाते गलत हैं. उन्होंने कहा कि मेरी ओर से मरीज और उनके परिजनों को एनेस्थेटिक की कमी और उनके छुट्टी पर जाने की बात बताई गई थी. जिनके आते ही ऑपरेशन की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी जाएगी. लेकिन ये सभी हमपर गंभीर और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया)
special report ।

जिले का स्वास्थ्य महकमा एक बार फिर सवालों में है। वहीं इसकी वजह यहां के सदर अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर पर लगे गंभीर आरोप हैं। दरअसल यहां एडमिट हुए एक मरीज और उनके परिजनों ने अस्पताल के एक चिकित्सक पर अपने निजी क्लिनिक में बुलाने के एवज में ऑपेरशन में लेटलतीफी और जीवन से खिलवाड़ का आरोप लगाया है।



Body:स्वास्थ्य महकमे से जुड़ा यह पूरा मामला पुरुष सर्जिकल वार्ड में एडमिट हार्निया के एक पेशेंट से जुड़ा है। जो बीते 20 नवंबर से ही हार्निया के ऑपेरशन की आश में सदर अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं। वहीं पुरुष सर्जिकल वार्ड में एडमिट इस मरीज का नाम जीत नारायण शर्मा बताई जा रही है। जो जिले के
इलाके के रहने वाला है। वहीं चिकित्सक का नाम
बताया जा रहा है।


वहीं 50 वर्षीय जीत नारायण शर्मा और उनके परिजनों ने अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक पर निजी क्लीनिक में बुलाने की एवज में ऑपेरशन में टालमटोल और बीमारी को और क्रिटिकल बनाने का संगीन आरोप लगाया है ने अस्पताल चिकित्सक पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पहले तो अस्पताल प्रबंधन उन्हें एक सप्ताह तक दौड़ाता रहा। इसके बाद आखिरकार उन्हें बीते 4 दिसंबर को डॉक्टर जेपी यादव के ट्रीटमेंट में पुरुष सर्जिकल वार्ड में एडमिट लिया गया। इस तरह दिन बीतने के साथ ही 10 रोज गुजर गए। बावजूद इसके ऑपेरशन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। वहीं चिकित्सक की ओर से ऑपेरशन किए जाने की बात कह कर 3 दिनों से दोपहर तक भूखे रहने की सलाह दी जाती रही।

बाईट- पेशेंट- जीत नारायण शर्मा।

पेशेंट और उनके बेटे विक्की कुमार ने चिकित्सक पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि मरीज और उनके परिजनों ने चिकित्सक पर आरोप लगाते हुए कहा कि जेपी यादव नाम के डॉक्टर की ओर से अपने निजी क्लीनिक में ऑपेरशन करने की लालच में इनके ऑपेरशन में लेटलतीफी की जाती रही। इस तरह हॉर्निया का उनका रोग और बढ़ता चला गया। मरीज और उनके परिजनों ने चिकित्सक पर आरोप लगाते हुए कहा कि चिकित्सक ने डॉक्टर की कमी व सोमवार से आयोजित चिकित्सकों के कॉन्फ्रेंस का हवाला देते हुए सिनेमा टॉकीज रोड स्थित अपने निजी क्लीनिक पर आकर ऑपेरशन की सलाह दी।

बाईट- मरीज परिजन- विक्की कुमार

वहीं इस संबंध में चिकित्सक जेपी यादव ने खुद पर लगे आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया। खुद पर लगे आरोपों की सफाई देते हुए चिकित्सक जेपी यादव ने कहा कि मेरी ओर से मरीज और उनके परिजनों को एनेस्थेटिक की कमी और उनके छुट्टी पर जाने की बात बताई गई थी। जिनके आते ही ऑपरेशन की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की बात कही गई थी।

बाईट- चिकित्सक जेपी यादव





Conclusion:
Last Updated : Dec 15, 2019, 9:48 AM IST
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