पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया में सात साइबर अपराधी गिरफ्तार किये गए हैं. पुलिस ने एक बड़े अंतर्राज्यीय साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है. गिरफ्तार अपराधी अभी तक 400 एकाउंट के माध्यम से लाखों लाख की ठगी कर चुके हैं. पुलिस सभी से पूछताछ कर रही है. पुलिस इसे बड़ी उपलब्धि मान रही है. क्योंकि पकड़े गए सभी अपराधी साइबर ठगों को बैंक अकाउंट सेल करते थे और उसके जरिए ठगी का पैसा निकाला जाता था.
ये भी पढ़ें : Patna Crime : एनी डेस्क के सहारे खाते से पैसा उड़ाते थे साइबर अपराधी, EOU ने किया 3 गिरोह का खुलासा
साइबर ठगों को अकाउंट सेल करता था गिरोह : पुलिस ने बताया कि पकाड़ाए गए साइबर ठग लोगों को बहला-फुसलाकर उनके नाम पर बैंक अकाउंट खुलवाता था. इसके बाद उस बैंक अकाउंट की सारी डिटेल्स साइबर अपराधियों को दे देता था. इसके बाद साइबर ठग इन बैंक खातों का इस्तेमाल अवैध ट्रांजिक्शन के लिए करते थे. ये अकाउंट सेल करने वाले ठग कम पढ़ें लिखे लोगों या फिर नशेड़ी लोगों को अपना टारगेट बनाता था और उनके नाम से बैंक खाता खुलवा का खाते की सारी जानकारी साइबर अपराधी को बेच देता था.
सेल किये गए अकाउंट से होते थे अवैध ट्रांजेक्शन : पकड़े गए कई ठगों के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड भी सामने आए हैं. वहीं पुलिस के हत्थे चढ़े साइबर ठगों को बैंक अकाउंट सेल करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के पकड़े गए सभी ठगों की पहचान पूर्णिया के चंपानगर थाना के सिंधिया निवासी दीपक कुमार उर्फ छोटू 19, नितिन कुमार 27, मनीष कुमार 23, संतोष कुमार 21, सत्यम कुमार 25, रौशन कुमार 25 और चंदा कुमार 25 के रूप में हुई है.
"गिरोह के सदस्य लोगों को लालच देकर बैंक अकाउंट खुलवाते थे. बाद में उनके अकाउंट की पूरी जानकारी साइबर अपराध से जुड़े लोगों को उपलब्ध करवाते हैं. अपराधी लोगों से ठगी हुई राशि के ट्रांजैक्शन उन अकाउंट में करवाते हैं. इसके एवज में आरोपी को आधा प्रतिशत और अकाउंट होल्डर को एक प्रतिशत कमीशन देते हैं. फिलहाल पुलिस के हाथ अकाउंट बेचने वाले लगे हैं. इनके सहारे पुलिस साइबर ठगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है". -कौशल किशोर कमल, डीएसपी, साइबर थाना