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सीमांचल के मक्का किसानों के लिए वरदान साबित होगा पूर्णिया का इथेनॉल प्लांट! - पूर्णिया में देश का पहला इथेनॉल प्लांट

बिहार के पूर्णिया जिला के केनगर प्रखंड में बिहार के पहला इथेनॉल प्लांट (ethanol plant in purnia) के उद्घाटन के बाद सीमांचल में विकास का द्वार भी खुल गया है. 105 करोड़ के प्रोजेक्ट वाला यह प्लांट किसानों के लिए वरदान साबित होगा. पूर्णिया समेत सीमांचल में चारों जिलों में प्लांट में मक्का और धान का बहुतायत में उत्पादन होता है. प्लांट में रोजाना 165 टन मक्का और 120 टन राइस हस्क की खपत होगी. इससे प्रतिदिन 65 हजार किलोलीटर इथेनॉल का उत्पादन होगा. पढ़ें पूरी खबर

पूर्णिया का इथेनॉल प्लांट
पूर्णिया का इथेनॉल प्लांट
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Published : May 2, 2022, 11:13 PM IST

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले के केनगर प्रखंड में देश के पहले ग्रीन फील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट (greenfield grain based ethanol plant) को सीमांचल के मक्का किसानों के लिए यह बड़ी सौगात मानी जा रही है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस क्षेत्र के मक्का किसानों को बाजार सुलभ हो जाने से इसकी खेती के रकबे में भी वृद्धि होना तय है.

ये भी पढ़ें : देश के पहले ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट का CM नीतीश ने किया उद्घाटन, बोले- 'बिहार के विकास को मिलेगी गति'

क्रीब 105 करोड रुपये की लागत से बने इस प्लांट में मक्का, गन्ना और चावल (ब्रोकेन राइस) से इथेनॉल का उत्पादन होगा. प्लांट की प्रतिदिन उत्पादन क्षमता 65 हजार लीटर है. जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी भी मानते हैं कि इस प्लांट से मक्का एवं धान उत्पादकों को काफी लाभ मिलेगा. इस समय केवल पूर्णिया जिले में 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मक्के की खेती होती है. इसके अलावा भी कटिहार, अररिया व किशनगंज में मक्के की खेती के लिए चर्चित है.

संभावना व्यक्त की जा रही है कि अब इस क्षेत्र के अन्य किसान भी मक्के की खेती से जुड़ेंगे. मंत्री लेसी सिंह भी मानती हैं कि पूर्णिया जिले में मक्का और धान की खेती बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन मक्का के किसानों को सही मूल्य नहीं मिल पाता थ. इथेनॉल प्लांट खुल जाने के बाद किसानों को खराब क्वालिटी के मक्के और धान की भी अच्छी कीमत मिल सकेगी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्लांट के उद्घाटन के मौके पर कहा था कि बिहार में मक्का का उत्पादन अधिक होता है, लेकिन वह सब बाहर चला जाता है. यहां इथेनॉल प्लांट लगने से आसपास के किसानों को काफी लाभ होगा और इससे रोजगार भी बढ़ेगा. बताया जाता है कि ग्रीन फील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट के लिए लगभग 130 टन चावल की भूसी के साथ 145-150 टन मक्का या चावल सीधे स्थानीय किसानों से खरीदा जाएगा.

बता दें कि शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया के केनगर प्रखंड में देश के देश के पहले ग्रीन फील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन किया. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बताया कि इथेनॉल उद्योग बिहार के युवाओं के लिए रोजगार की उम्मीद पूरी करेगा तो इससे बिहार के किसानों की आमदनी में भी जबरदस्त वृद्धि होगी.

उन्होंने कहा कि पूर्णिया में ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट की उत्पादन क्षमता 65 हजार लीटर प्रतिदिन है. इस प्लांट से बायप्रोडक्ट (उप उत्पाद) के रूप में 27 टन डीडीजीएस उत्पादित किया जाएगा. इसे पशु आहार के उद्देश्य से बेचा जाएगा और इस प्रकार बिहार में दुग्ध और मुर्गी पालन करने वाले किसानों दोनों की सहायता होगी.

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पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले के केनगर प्रखंड में देश के पहले ग्रीन फील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट (greenfield grain based ethanol plant) को सीमांचल के मक्का किसानों के लिए यह बड़ी सौगात मानी जा रही है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस क्षेत्र के मक्का किसानों को बाजार सुलभ हो जाने से इसकी खेती के रकबे में भी वृद्धि होना तय है.

ये भी पढ़ें : देश के पहले ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट का CM नीतीश ने किया उद्घाटन, बोले- 'बिहार के विकास को मिलेगी गति'

क्रीब 105 करोड रुपये की लागत से बने इस प्लांट में मक्का, गन्ना और चावल (ब्रोकेन राइस) से इथेनॉल का उत्पादन होगा. प्लांट की प्रतिदिन उत्पादन क्षमता 65 हजार लीटर है. जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी भी मानते हैं कि इस प्लांट से मक्का एवं धान उत्पादकों को काफी लाभ मिलेगा. इस समय केवल पूर्णिया जिले में 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मक्के की खेती होती है. इसके अलावा भी कटिहार, अररिया व किशनगंज में मक्के की खेती के लिए चर्चित है.

संभावना व्यक्त की जा रही है कि अब इस क्षेत्र के अन्य किसान भी मक्के की खेती से जुड़ेंगे. मंत्री लेसी सिंह भी मानती हैं कि पूर्णिया जिले में मक्का और धान की खेती बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन मक्का के किसानों को सही मूल्य नहीं मिल पाता थ. इथेनॉल प्लांट खुल जाने के बाद किसानों को खराब क्वालिटी के मक्के और धान की भी अच्छी कीमत मिल सकेगी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्लांट के उद्घाटन के मौके पर कहा था कि बिहार में मक्का का उत्पादन अधिक होता है, लेकिन वह सब बाहर चला जाता है. यहां इथेनॉल प्लांट लगने से आसपास के किसानों को काफी लाभ होगा और इससे रोजगार भी बढ़ेगा. बताया जाता है कि ग्रीन फील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट के लिए लगभग 130 टन चावल की भूसी के साथ 145-150 टन मक्का या चावल सीधे स्थानीय किसानों से खरीदा जाएगा.

बता दें कि शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया के केनगर प्रखंड में देश के देश के पहले ग्रीन फील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन किया. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बताया कि इथेनॉल उद्योग बिहार के युवाओं के लिए रोजगार की उम्मीद पूरी करेगा तो इससे बिहार के किसानों की आमदनी में भी जबरदस्त वृद्धि होगी.

उन्होंने कहा कि पूर्णिया में ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट की उत्पादन क्षमता 65 हजार लीटर प्रतिदिन है. इस प्लांट से बायप्रोडक्ट (उप उत्पाद) के रूप में 27 टन डीडीजीएस उत्पादित किया जाएगा. इसे पशु आहार के उद्देश्य से बेचा जाएगा और इस प्रकार बिहार में दुग्ध और मुर्गी पालन करने वाले किसानों दोनों की सहायता होगी.

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