पूर्णिया: पूर्णिया के विकास में आज नये अध्याय की शुरुआत होने जा रही है. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आज देश के पहले ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट (Grain Based Ethanol Plant in Purnea) का उद्घाटन किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Bihar Industries Minister Shahnawaz Hussain) समेत अन्य अतिथि मौजूद रहे. इस कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. इस प्लांट के शुरू होने से सीमांचल के विकास का द्वार भी खुलेगा. 105 करोड़ रुपये की यह परियोजना किसानों के लिए वरदान साबित होगी. पूर्णिया समेत सीमांचल में चारों जिले में मक्का और धान का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है.
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तीन और इकाइयों की स्थापना: पूर्णिया के परोरा में ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्रा. लि. द्वारा स्थापित ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट की उत्पादन क्षमता 65 हजार लीटर प्रतिदिन है. इसके साथ ही इस प्लांट से प्रतिदिन 27 टन डीडीजीएश (Distillers dried grains with Solubles) यानी एनिमल फीड बनाने के लिए जो पोषक तत्व से पूर्ण कच्चे माल की जरुरत होती है, उसका उत्पादन बायप्रोडक्ट के रूप में होगा. पूर्णिया में पहले ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट का शुभारंभ होने के बाद 3 और इकाइयों- गोपालगंज में दो और आरा में 1 प्लांट का शुभारंभ भी जल्द होगा.
तेल मार्केटिंग कंपनियों से 10 साल का करार: पूर्णिया के परोरा में ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्रा. लि. द्वारा स्थापित प्लांट की जरुरत को पूरा करने के लिए प्रतिदिन करीब 145 से 150 टन चावल या मक्के की जरुरत होगी. प्लांट में तैयार इथेनॉल को ऑयल मार्केटिंग कम्पनीज जिनमें इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम आदि को बेचा जाएगा. इसके लिए तेल मार्केटिंग कंपनियों से 10 साल का करार किया गया है.
इथेनॉल प्लांट पर्यावरण अनुकूल: अत्याधुनिक तकनीक की मशीनों से लैस पूर्णिया में बना ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्रा. लि. का इथेनॉल प्लांट पर्यावरण अनुकूल भी है. प्लांट की डिजाइनिंग ऐसी है कि पर्यावरण की अनुकूलता को देखते हुए जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सुनिश्चित होगा. आपको बता दें 2021 में लाई गई बिहार की इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति काफी सफल रही. इसके तहत बिहार में 151 इथेनॉल इकाइयों की स्थापना के लिए कुल 30,382 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए हैं लेकिन कोटा कम मिलने से फिलहाल 17 इथेनॉल इकाइयों की स्थापना पहले चरण में हो रही है.
फिलहाल बिहार को 36 करोड़ लीटर सालाना इथेनॉल आपूर्ति का कोटा मिला है लेकिन इथेनॉल उत्पादन के लिए कच्चे माल व पानी की उपलब्धता, इसमें निवेश के लिए आए प्रस्ताव व अन्य अनुकूलता को देखते हुए बिहार के इथेनॉल उत्पादन की क्षमता 172 करोड़ लीटर सालाना है. बिहार को इथेनॉल उत्पादन क्षमता की हिसाब से कोटा मिला तो न सिर्फ बिहार देश का सबसे बड़ा इथेनॉल हब बनकर उभरेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भागीदारी निभाएगा.
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