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मां सरस्वती पर भी चढ़ा CAA, NRC का रंग, जागरुकता का दिया जा रहा संदेश

आयोजक मंडल के छात्रों का कहना है कि मां सरस्वती की प्रतिमा के पीछे एग्जाम में प्रयोग होने वाले हार्ड बोर्ड और रंगीन चार्ट पेपर से माता का आसन तैयार किया गया है. जिसपर एनआरसी और सीएए से जुड़ा जागरुकता संदेश लिखा गया है.

मां सरस्वती पर भी चढ़ा CAA, NRC
मां सरस्वती पर भी चढ़ा CAA, NRC
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Published : Jan 30, 2020, 11:10 PM IST

पूर्णिया: देशभर में एक ओर जहां एनआरसी और सीएए को लेकर विरोध-प्रदर्शन जरी है. वहीं, इन सब के बीच छात्र सरस्वती पूजा के माध्यम से इस कानून को लेकर जागरुकता संदेश दे रहे हैं. जो इलाके के लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.

दरअसल, शहर के ततमा टोली फ्लावर मिल रोड के पास बंगाली समाज के छात्र सरस्वती प्रतिमा के जरिए एनआरसी और सीएए को लेकर लेकर जागरुकता संदेश दे रहे हैं. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'मां सरस्वती के आसन के पास लिखा है संदेश'
इस बाबत आयोजक मंडल के छात्रों का कहना है कि मां सरस्वती की प्रतिमा के पीछे एग्जाम में प्रयोग होने वाले हार्ड बोर्ड और रंगीन चार्ट पेपर से माता का आसन तैयार किया गया है. जिसपर एनआरसी और सीएए से जुड़ा जागरुकता संदेश लिखा गया है. इस आसन पर केवल एनआरसी और सीएए नहीं बल्कि देश के प्रसिद्ध विद्वानों की रचनाओं को सिंहासन के किनारे साज के रूप में दर्शाया गया है. जिसमें भारतीय संविधान, ए.पी.जे अब्दुल कलाम की रचनाओं के अलावा कई साहित्यों को दिखाया गया है.

'कानून के लेकर देशभर में फैली है कई भ्रांतियां'
छात्रों का कहना है कि इस प्रतिमा का मकसद लोगों को आकर्षित करने के साथ ही एनआरसी और सीएए के प्रति जागरूक करना है. छात्रों का कहना है कि एनआरसी और सीएए को लेकर देशभर में भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं. लोग इसे समझे बगैर दूसरों के कहने पर हिंसा और धरना दे रहे हैं. ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए कला से बेहतर कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है.

मां सरस्वती की प्रतिमा
मां सरस्वती की प्रतिमा

'इंटरनेट से निकाली जानकारियां'
छात्रों ने बताया कि सरस्वती प्रतिमा को बंगाली समाज के पुराने कारीगर ने बनाया है. इसे बनाने के लिए इंटरनेट से कई जानकारियां निकाली. जिसके बाद इसका मॉडल तैयार कर मां सरस्वती के सिंहासन के किनारों पर साज के रूप में सीएए और एनआरसी को लेकर दर्शाया गया है.

पूर्णिया: देशभर में एक ओर जहां एनआरसी और सीएए को लेकर विरोध-प्रदर्शन जरी है. वहीं, इन सब के बीच छात्र सरस्वती पूजा के माध्यम से इस कानून को लेकर जागरुकता संदेश दे रहे हैं. जो इलाके के लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.

दरअसल, शहर के ततमा टोली फ्लावर मिल रोड के पास बंगाली समाज के छात्र सरस्वती प्रतिमा के जरिए एनआरसी और सीएए को लेकर लेकर जागरुकता संदेश दे रहे हैं. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'मां सरस्वती के आसन के पास लिखा है संदेश'
इस बाबत आयोजक मंडल के छात्रों का कहना है कि मां सरस्वती की प्रतिमा के पीछे एग्जाम में प्रयोग होने वाले हार्ड बोर्ड और रंगीन चार्ट पेपर से माता का आसन तैयार किया गया है. जिसपर एनआरसी और सीएए से जुड़ा जागरुकता संदेश लिखा गया है. इस आसन पर केवल एनआरसी और सीएए नहीं बल्कि देश के प्रसिद्ध विद्वानों की रचनाओं को सिंहासन के किनारे साज के रूप में दर्शाया गया है. जिसमें भारतीय संविधान, ए.पी.जे अब्दुल कलाम की रचनाओं के अलावा कई साहित्यों को दिखाया गया है.

'कानून के लेकर देशभर में फैली है कई भ्रांतियां'
छात्रों का कहना है कि इस प्रतिमा का मकसद लोगों को आकर्षित करने के साथ ही एनआरसी और सीएए के प्रति जागरूक करना है. छात्रों का कहना है कि एनआरसी और सीएए को लेकर देशभर में भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं. लोग इसे समझे बगैर दूसरों के कहने पर हिंसा और धरना दे रहे हैं. ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए कला से बेहतर कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है.

मां सरस्वती की प्रतिमा
मां सरस्वती की प्रतिमा

'इंटरनेट से निकाली जानकारियां'
छात्रों ने बताया कि सरस्वती प्रतिमा को बंगाली समाज के पुराने कारीगर ने बनाया है. इसे बनाने के लिए इंटरनेट से कई जानकारियां निकाली. जिसके बाद इसका मॉडल तैयार कर मां सरस्वती के सिंहासन के किनारों पर साज के रूप में सीएए और एनआरसी को लेकर दर्शाया गया है.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया)
special report।


देशभर में सरस्वती पूजा की धूम दिख रही है। मां सरस्वती की कृपा कायम रहे लिहाजा शैक्षणिक संस्थानों और पूजा पंडालों में एक से बढ़कर एक प्रतिमाएं स्थापित की गई है। इस बीच जिले में एक ऐसी अनूठी सरस्वती प्रतिमा स्थापित की गई है। जो हर किसी के लिए चर्चा का केंद्र बना है। यहां बंगाली समाज के स्टूडेंट्स ने सरस्वती प्रतिमा के जरिए NRC और CCA की जागरूकता का संदेश दिया है। जिसे देखने लोग दूर-दूर से पहुंच रहे।






Body: प्रतिमा के जरिए NRC और CAA की जागरूकता का संदेश...

सरस्वती पूजा को देखते हुए जहां जिले भर में एक से बढ़कर थीम पर सैकड़ों पंडाल और सरस्वती प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। वहीं शहर के ततमा टोली फ्लावर मिल रोड पर बंगाली स्टूडेंट्स द्वारा स्थापित मां सरस्वती की प्रतिमा हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। जिसे देखने शहर के अलग-अलग इलाकों से लोग पहुंच रहे हैं। यहां बंगाली सोसाइटी पूजा पंडाल द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के जरिए एनआरसी और सीएए की जागरूकता का संदेश दिया गया है।


सहायक पुस्तकों को मां के साज के रूप में दर्शाया गया.....


मां सरस्वती की प्रतिमा के पीछे एग्जाम में प्रयोग होने वाले हार्ड बोर्ड और रंगीन चार्ट पेपर से मां सरस्वती का सिंहासन तैयार किया गया है। जिसपर एनआरसी और सीएए से जुड़ा जागरूकता संदेश दी गई हैं। इतना ही नहीं एनआरसी और सीएए को समझने के साथ ही देशप्रेम को समझने में सहायक साबित होने वाली देश के प्रसिद्ध विद्वानों की रचनाओं को सिंहासन के किनारे साज के रूप में दर्शाया गया है। जिसमें इंडियन कंस्टीटूशन इंडियन ,विदेशों में लागू किए गए एनआरसी और सीएए किताब के साथ ही डॉक्टर ए.पी.जे अब्दुल कलाम की रचनाओं के अलावा दूसरी प्रसिद्ध रचनाओं का मॉडल हार्ड रंगीन चार्ट पेपर और कलरपेन की सहायता से तैयार कर लोगों को इसे अनिवार्य रूप से पढ़ने का संदेश दिया गया है।


अनूठे कॉन्सेप्ट का मकसद लोगों के बीच जागरूकता फैलाना...


वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए स्टूडेंट्स ने बताया उनकी इस प्रतिमा का मकसद लोगों को आकर्षित करने के साथ ही एनआरसी और सीएए के प्रति जागरूकता फैलाना है।
जिस तरह से एनआरसी और सीएए को लेकर देशभर में भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। लोग इसे समझे बगैर दूसरों के बहकाबे में आकर हिंसा और ईर्ष्या पर उतारू हो रहे हैं। ऐसे में जरूरत है प्रभावशाली माध्यम का सहारा लेकर लोगों के बीच NRC और CAA से जुड़ी जागरूकता संदेश फैलानी की। ऐसे में कला और प्रतिमा से बेहतर कोई दूसरा ऑप्शन नहीं हो सकता। इसी के बाद उनके जहन में प्रतिमा के जरिये एनआरसी और सीएए से जुड़ा जागरूकता संदेश देने का ख्याल आया।


गहन स्टडी और कठिन मेहनत से तैयार हुई प्रतिमा...


सरस्वती प्रतिमा को जहां बंगाली समाज के उनके पुराने कारीगर ने बनाया। वहीं एनआरसी और सीएए के जागरूकता संदेश से जुड़ा सिंहासन बनाने में तकरीबन 2 सप्ताह का वक्त लगा। स्टूडेंट्स ने बताया कि मसला एनआरसी और सीएए से जुड़ा था। लिहाजा इन्होंने इसे पूरी गहनता से पढ़ा। इसके बाद एनआरसी और सीए के प्रमुख अनुच्छेदों को अपने संदेश में अंकित किया।
वहीं एनआरसी और सीएए के साथ ही देशप्रेम को समझने में सहायक साबित होने वाली प्रसिद्ध रचनाओं से जुड़ी जानकारी
इंटरनेट से निकाली। जिसके बाद हाथों से इनका मॉडल तैयार कर मां सरस्वती के सिंहासन के किनारों पर साज के रूप में इन किताबों को दर्शाया। लिहाजा स्टूडेंट्स का यह अनूठा कॉन्सेप्ट लोगों के बीच खूब वाहवाही बटोर ता नजर आ रहा है।





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