पूर्णिया: देशभर में एक ओर जहां एनआरसी और सीएए को लेकर विरोध-प्रदर्शन जरी है. वहीं, इन सब के बीच छात्र सरस्वती पूजा के माध्यम से इस कानून को लेकर जागरुकता संदेश दे रहे हैं. जो इलाके के लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.
दरअसल, शहर के ततमा टोली फ्लावर मिल रोड के पास बंगाली समाज के छात्र सरस्वती प्रतिमा के जरिए एनआरसी और सीएए को लेकर लेकर जागरुकता संदेश दे रहे हैं. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं.
'मां सरस्वती के आसन के पास लिखा है संदेश'
इस बाबत आयोजक मंडल के छात्रों का कहना है कि मां सरस्वती की प्रतिमा के पीछे एग्जाम में प्रयोग होने वाले हार्ड बोर्ड और रंगीन चार्ट पेपर से माता का आसन तैयार किया गया है. जिसपर एनआरसी और सीएए से जुड़ा जागरुकता संदेश लिखा गया है. इस आसन पर केवल एनआरसी और सीएए नहीं बल्कि देश के प्रसिद्ध विद्वानों की रचनाओं को सिंहासन के किनारे साज के रूप में दर्शाया गया है. जिसमें भारतीय संविधान, ए.पी.जे अब्दुल कलाम की रचनाओं के अलावा कई साहित्यों को दिखाया गया है.
'कानून के लेकर देशभर में फैली है कई भ्रांतियां'
छात्रों का कहना है कि इस प्रतिमा का मकसद लोगों को आकर्षित करने के साथ ही एनआरसी और सीएए के प्रति जागरूक करना है. छात्रों का कहना है कि एनआरसी और सीएए को लेकर देशभर में भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं. लोग इसे समझे बगैर दूसरों के कहने पर हिंसा और धरना दे रहे हैं. ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए कला से बेहतर कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है.
'इंटरनेट से निकाली जानकारियां'
छात्रों ने बताया कि सरस्वती प्रतिमा को बंगाली समाज के पुराने कारीगर ने बनाया है. इसे बनाने के लिए इंटरनेट से कई जानकारियां निकाली. जिसके बाद इसका मॉडल तैयार कर मां सरस्वती के सिंहासन के किनारों पर साज के रूप में सीएए और एनआरसी को लेकर दर्शाया गया है.