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Purnea News : दलालों के चंगुल में पूर्णिया मेडिकल कॉलेज! परिजनों का आरोप- मरीज की मौत के बाद भी वसूलते हैं मोटी रकम - ईटीवी भारत न्यूज

इन दिनों बिहार का पूर्णिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल दलालों के चंगुल से घिर गया है. पूर्णिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आए मरीजों को बहला-फुसलाकर प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाने की बात आए दिन सामने आ रही है. ये दलाल मरीजों की मौत के बाद भी उनके परिजन से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

दलालों के चंगुल में पूर्णिया मेडिकल कॉलेज
दलालों के चंगुल में पूर्णिया मेडिकल कॉलेज
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Published : Mar 4, 2023, 2:00 PM IST

दलालों के चंगुल में पूर्णिया मेडिकल कॉलेज

पूर्णियाः बिहार के पूर्णिया में मरीजों और उनके परिजनों को फंसा कर इलाज के नाम पर दलाली करने का मामला सामने आया है. जिसका खुलासा पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में एक मरीज के मरने के बाद हुआ है, दरअसल चंद्र कुमार नामक के एक व्यक्ति सड़क हादसे में जख्मी हो गए, उन्हें परिजनों ने पूर्णिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए लाए. डॉक्टर्स ने फर्स्ट ऐड किए और फिर अस्पताल में मंडरा रहे दलालों ने घायल के परिजन को बहला-फुसलाकर बेहतर इलाज के लिए प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाने की सलाह दी.

ये भी पढ़ेंः VIDEO: दलालों के कब्जे में बक्सर सदर अस्पताल! कैमरे में कैद हुआ 'काला कारोबार'

परिजनों से दलाल ने 50 हजार रुपये ऐठेः इसके बाद परिजन दलाल की बात में आ गए और उसके साथ जाकर घायल चंदन को निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया. वहां पर कोई भी डॉक्टर स्थाई रूप से नहीं बैठते हैं. वहां पर सिर्फ कंपाउंडर के भरोसे नर्सिंग होम चलता है. मरीज के पहुंचते ही परिजनों से दलाल ने 50 हजार रुपये दवा एवं इलाज के लिए जमा करवाए. लेकिन इलाज नहीं होने की वजह से चंदन की मौत हो गई. चंदन के मौत के बाद भी परिजन को इस बात की जानकारी नर्सिंग होम के कर्मियों द्वारा नहीं दी गई. परिजनों को बार-बार बताया गया कि उनका मरीज 90% ठीक हो गया है और उसे बेहतर इलाज के लिए सिलीगुड़ी रेफर किया जा रहा है.

मौत के बाद भी इलाज कर रहे थे डॉक्टरः परिजनों को जब शक हुआ और घायल चंदन से मिलने की बात तो उसे मिलने भी नहीं दिया गया. जब परिजन जबरदस्ती घायल चंदन के पास पहुंचे तो उसे मृत पाया. जिसके बाद परिजनों ने वहां हंगामा किया और नर्सिंग होम द्वारा ठगे जाने की बात कही. वहीं दलाल ये सब देख वहां से निकल गए. परिजनों का कहना है कि सदर अस्पताल प्रशासन दलालों पर शिकंजा क्यों नहीं कसती. कहीं ना कहीं अस्पताल कर्मी भी उन दलालों से मोटी रकम की लालच में मिले तो नहीं है. अब तो अस्पताल प्रशासन के वरीय पदाधिकारी भी शक के घेरे में आ रहे हैं.

"यहां आए तो एक भी डॉक्टर नहीं था. पहले सदर अस्पताल गए थे. वहां हमलोगों को अस्पताल से बरगला के यहां लाया था. लेकिन यहां भी इलाज ठीक से नहीं हुआ और मरीज की मौत हो गई. उसके बाद भी यहां का मनैजमेंट कह रहा था कि 99% ठीक हैं. पूरा सदर अस्पताल दलाल के चंगुल में फंसा हुआ है. अस्पताल प्रशासन कुछ नहीं करता. मरीज और उनके परिजन परेशान हैं. हम मांग करते हैं कि इस पर कार्रवाई हौ"- अशीष, मरीज के परिजन

दलालों के चंगुल में पूर्णिया मेडिकल कॉलेज

पूर्णियाः बिहार के पूर्णिया में मरीजों और उनके परिजनों को फंसा कर इलाज के नाम पर दलाली करने का मामला सामने आया है. जिसका खुलासा पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में एक मरीज के मरने के बाद हुआ है, दरअसल चंद्र कुमार नामक के एक व्यक्ति सड़क हादसे में जख्मी हो गए, उन्हें परिजनों ने पूर्णिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए लाए. डॉक्टर्स ने फर्स्ट ऐड किए और फिर अस्पताल में मंडरा रहे दलालों ने घायल के परिजन को बहला-फुसलाकर बेहतर इलाज के लिए प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाने की सलाह दी.

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परिजनों से दलाल ने 50 हजार रुपये ऐठेः इसके बाद परिजन दलाल की बात में आ गए और उसके साथ जाकर घायल चंदन को निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया. वहां पर कोई भी डॉक्टर स्थाई रूप से नहीं बैठते हैं. वहां पर सिर्फ कंपाउंडर के भरोसे नर्सिंग होम चलता है. मरीज के पहुंचते ही परिजनों से दलाल ने 50 हजार रुपये दवा एवं इलाज के लिए जमा करवाए. लेकिन इलाज नहीं होने की वजह से चंदन की मौत हो गई. चंदन के मौत के बाद भी परिजन को इस बात की जानकारी नर्सिंग होम के कर्मियों द्वारा नहीं दी गई. परिजनों को बार-बार बताया गया कि उनका मरीज 90% ठीक हो गया है और उसे बेहतर इलाज के लिए सिलीगुड़ी रेफर किया जा रहा है.

मौत के बाद भी इलाज कर रहे थे डॉक्टरः परिजनों को जब शक हुआ और घायल चंदन से मिलने की बात तो उसे मिलने भी नहीं दिया गया. जब परिजन जबरदस्ती घायल चंदन के पास पहुंचे तो उसे मृत पाया. जिसके बाद परिजनों ने वहां हंगामा किया और नर्सिंग होम द्वारा ठगे जाने की बात कही. वहीं दलाल ये सब देख वहां से निकल गए. परिजनों का कहना है कि सदर अस्पताल प्रशासन दलालों पर शिकंजा क्यों नहीं कसती. कहीं ना कहीं अस्पताल कर्मी भी उन दलालों से मोटी रकम की लालच में मिले तो नहीं है. अब तो अस्पताल प्रशासन के वरीय पदाधिकारी भी शक के घेरे में आ रहे हैं.

"यहां आए तो एक भी डॉक्टर नहीं था. पहले सदर अस्पताल गए थे. वहां हमलोगों को अस्पताल से बरगला के यहां लाया था. लेकिन यहां भी इलाज ठीक से नहीं हुआ और मरीज की मौत हो गई. उसके बाद भी यहां का मनैजमेंट कह रहा था कि 99% ठीक हैं. पूरा सदर अस्पताल दलाल के चंगुल में फंसा हुआ है. अस्पताल प्रशासन कुछ नहीं करता. मरीज और उनके परिजन परेशान हैं. हम मांग करते हैं कि इस पर कार्रवाई हौ"- अशीष, मरीज के परिजन

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