पूर्णिया: सहरसा के पूर्व सांसद आनंद मोहन ने जेल में रह कर गांधी पर एक पुस्तक लिखी है. आनंद मोहन गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन सजा काट रहे हैं. जेल में रहकर उनकी लिखी यह तीसरी पुस्तक है. इस पुस्तक का विमोचन 15 फरवरी को पटना के गांधी सभागर में किया जाएगा.
15 फरवरी को गांधी सभागार में विमोचन
पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे अंशुमन मोहन ने बताया कि उनके पिता ने जेल में रहकर गांधी नामक पुस्तक लिखी है. जिसका विमोचन 15 फरवरी को पटना के गांधी सभागार में किया जाएगा. अंशुमन ने बताया कि उनके पिता निर्दोष थे और उन्हें साजिश के तहत हत्या मामले में फंसाया गया है. जबकि जिस समय हत्या हुई थी, उस समय आंनद मोहन घटनास्थल पर नहीं थे. उन्होंने कहा कि जिस समय आनंद मोहन की गिरफ्तारी हाजीपुर में हुई थी, उसके 12 मिनट पहले जी कृष्णैया की हत्या हुई थी. कोई व्यक्ति 12 मिनट में 65 किलोमीटर की दूरी कैसे तय कर सकता है. उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है.
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'साहित्यकार के रूप में जान रहे लोग'
अंशुमन मोहन ने कहा कि इस हत्या मामले में जितने लोग को नामजद बनाया गया था, सभी को बाइज्जत बरी कर दिया गया. सिर्फ उनके पिता को ही सजा दी गई. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि जिसे लोग बाहुबली के रूप जानते थे, आज उन्हें साहित्यकार के रूप में जान रहे हैं. वहीं कल तक जिनको महाराणा प्रताप और भगत सिंह के नाम से जोड़ा जाता था, आज उन्हें लोग मंडेला भी कहला रहे हैं.