ETV Bharat / state

पूर्व सांसद आनंद मोहन ने जेल में लिखा 'गांधी', 15 फरवरी को खुलेंगे पन्ने - former mp anand mohan

पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे अंशुमन मोहन ने पूर्णिया में प्रेसवार्ता में बताया कि उनके पिता ने जेल में रहकर गांधी नामक पुस्तक लिखी है. जिसका लोकार्पण 15 फरवरी को पटना के गांधी सभागार में किया जाएगा.

Anand Mohan wrote gandhi book in jail
पूर्व सांसद आनंद मोहन ने जेल में लिखी किताब
author img

By

Published : Feb 5, 2020, 9:35 PM IST

पूर्णिया: सहरसा के पूर्व सांसद आनंद मोहन ने जेल में रह कर गांधी पर एक पुस्तक लिखी है. आनंद मोहन गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन सजा काट रहे हैं. जेल में रहकर उनकी लिखी यह तीसरी पुस्तक है. इस पुस्तक का विमोचन 15 फरवरी को पटना के गांधी सभागर में किया जाएगा.


15 फरवरी को गांधी सभागार में विमोचन
पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे अंशुमन मोहन ने बताया कि उनके पिता ने जेल में रहकर गांधी नामक पुस्तक लिखी है. जिसका विमोचन 15 फरवरी को पटना के गांधी सभागार में किया जाएगा. अंशुमन ने बताया कि उनके पिता निर्दोष थे और उन्हें साजिश के तहत हत्या मामले में फंसाया गया है. जबकि जिस समय हत्या हुई थी, उस समय आंनद मोहन घटनास्थल पर नहीं थे. उन्होंने कहा कि जिस समय आनंद मोहन की गिरफ्तारी हाजीपुर में हुई थी, उसके 12 मिनट पहले जी कृष्णैया की हत्या हुई थी. कोई व्यक्ति 12 मिनट में 65 किलोमीटर की दूरी कैसे तय कर सकता है. उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है.

ये भी पढ़ें: पटना: 4300 सफाई कर्मियों के हक के लिए कोर्ट जाएंगी मेयर, गुरुवार को दायर करेंगी अपील


'साहित्यकार के रूप में जान रहे लोग'
अंशुमन मोहन ने कहा कि इस हत्या मामले में जितने लोग को नामजद बनाया गया था, सभी को बाइज्जत बरी कर दिया गया. सिर्फ उनके पिता को ही सजा दी गई. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि जिसे लोग बाहुबली के रूप जानते थे, आज उन्हें साहित्यकार के रूप में जान रहे हैं. वहीं कल तक जिनको महाराणा प्रताप और भगत सिंह के नाम से जोड़ा जाता था, आज उन्हें लोग मंडेला भी कहला रहे हैं.

पूर्णिया: सहरसा के पूर्व सांसद आनंद मोहन ने जेल में रह कर गांधी पर एक पुस्तक लिखी है. आनंद मोहन गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन सजा काट रहे हैं. जेल में रहकर उनकी लिखी यह तीसरी पुस्तक है. इस पुस्तक का विमोचन 15 फरवरी को पटना के गांधी सभागर में किया जाएगा.


15 फरवरी को गांधी सभागार में विमोचन
पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे अंशुमन मोहन ने बताया कि उनके पिता ने जेल में रहकर गांधी नामक पुस्तक लिखी है. जिसका विमोचन 15 फरवरी को पटना के गांधी सभागार में किया जाएगा. अंशुमन ने बताया कि उनके पिता निर्दोष थे और उन्हें साजिश के तहत हत्या मामले में फंसाया गया है. जबकि जिस समय हत्या हुई थी, उस समय आंनद मोहन घटनास्थल पर नहीं थे. उन्होंने कहा कि जिस समय आनंद मोहन की गिरफ्तारी हाजीपुर में हुई थी, उसके 12 मिनट पहले जी कृष्णैया की हत्या हुई थी. कोई व्यक्ति 12 मिनट में 65 किलोमीटर की दूरी कैसे तय कर सकता है. उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है.

ये भी पढ़ें: पटना: 4300 सफाई कर्मियों के हक के लिए कोर्ट जाएंगी मेयर, गुरुवार को दायर करेंगी अपील


'साहित्यकार के रूप में जान रहे लोग'
अंशुमन मोहन ने कहा कि इस हत्या मामले में जितने लोग को नामजद बनाया गया था, सभी को बाइज्जत बरी कर दिया गया. सिर्फ उनके पिता को ही सजा दी गई. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि जिसे लोग बाहुबली के रूप जानते थे, आज उन्हें साहित्यकार के रूप में जान रहे हैं. वहीं कल तक जिनको महाराणा प्रताप और भगत सिंह के नाम से जोड़ा जाता था, आज उन्हें लोग मंडेला भी कहला रहे हैं.

Intro:पूर्णिया , सहरसा के पूर्व सांसद आनन्द मोहन ने जेल में रह गांधी पर एक पुस्तक लिखी हैं । आपको बता दे कि आनन्द मोहन गोपालगंज के पूर्व डी एम जी कृष्णया की हत्या के मामले में आजीवन सजा काट रहे हैं । जेल में रह उनके द्वारा लिखी यह तीसरी पुस्तक है । इस पुस्तक का लोकार्पण 15 तारीख को पटना के गांधी सभागर में किया जाएगा ।


Body:पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे अंसुमन ने पूर्णिया में प्रेसवार्ता में बताया कि उनके पिता द्वारा जेल में रह गांधी नामक पुस्तक लिखी गई है । जिसका लोकार्पण 15 तारीख को पटना के गांधी सभागार में किया जाएगा । अंसुमन ने बताया कि उनके पिता निर्दोष थे और उन्हें साजिश के तहद हत्या मामले में फंसाया गया है । जबकि जिस समय हत्या हुई थी आंनद मोहन उस समय घटनास्थल पर नही थे । जिसकी जानकारी डी एम के बॉडीगार्ड और फोटोग्राफर जो घटनास्थल पर मौजूद थे उन्होनें बताया था । जिस समय आनन्द मोहन की गिरफ्तारी हाजीपुर में हुई थी उसके 12 मिनट पहले जी कृष्णया साहब की हत्या हुई थी । कोई व्यक्ति 12 मिनट में 65 किलोमीटर की दूरी कैसे तय कर सकता है । उन्हें साजिश के तहद फसाया गया हैं । इस हत्या मामले में जितने लोग को नामजद बनाया गया था सभी को बाइज्जत वरी कर दिया गया । सिर्फ उनके पिता को ही सजा दी गई । अंसुमन को इस बात की खुशी है कि जिसे लोग बाहुबली के रूप जानते थे आज उन्हें साहित्यकार के रूप में जान रहे हैं । वही कल तक जिनको महाराणा प्रताप और भगत सिंह के नाम से जोड़ा जाता था आज उन्हें लोग मंडेला भी कहला रहे हैं ।

BYTE---अंशुमन मोहन ( आंनद मोहन के बेटा )


Conclusion:कम उम्र में पिता का साथ छूट जाना बहुत की कठिन जिंदगी जीने के लिए मजबूर होते हैं ।

ABHAY KUMAR SINHA

E TV BHARAT

PURNIA
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.