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Khadi Mela in Purnea: रंगभूमि मैदान में लगा 10 दिवसीय खादी मेला, बोलीं DDC- खादी से अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती - Khadi Mela Organized in Purnea

पूर्णिया में खादी मेले का आयोजन किया गया है. इस मेले में खादी ग्रामोद्योग विभाग, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और प्रधानमंत्री उद्यमी योजना के के स्टॉल लगाए गए हैं. इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रुप में राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, उद्योग विभाग के विशेष सचिव और उप विकास आयुक्त शाहिला सहित और भी अधिकारियों की मौजूदगी रही. इन अधिकारियों ने मेले का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jan 28, 2023, 8:15 AM IST

पूर्णिया में खादी मेले का आयोजन

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया स्थित रंगभूमि मैदान में 10 दिवसीय खादी मेला सह प्रदर्शनी (Khadi Mela organize In Rangbhoomi Maidan Purnea) लगाया गया है. इस मेले में 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं. इन स्टॉलों में खादी ग्रामोद्योग विभाग के 65, हैंड क्राफ्ट के 20, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और प्रधानमंत्री उद्यमी योजना के 25 स्टॉल लगाए गए हैं. इसके साथ ही अन्य स्थानीय स्टॉलों को मिलाकर 5 अन्य स्टॉल मेले की रौनक बढ़ा रहे हैं. इस आयोजन में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी और उद्योग विभाग के विशेष सचिव सहित पूर्णिया उप विकास आयुक्त साहिला और जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक भी मौजूद रहे.

खादी मेले का आयोजन: जिले में खादी मेले की उद्घाटन होते ही स्थानीय लोगों की भीड़ काफी मात्रा में यहां जुट गई. वहीं मेले में आए सभी स्टॉलों की रौनक देखते ही बन रही थी. लोगों की भीड़ के कारण पहले दिन सभी स्टॉलों का बाजार काफी अच्छा रहा. यहां आकर लोगों ने दिल खोलकर खरीदारी की है. इस अवसर पर उद्घाटन कार्यक्रम के बाद उप विकास आयुक्त साहिला ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग से गांव की अर्थव्यवस्था को गति मिलती है.

खादी से लोग बनेंगे स्वाबलंबी: जिले के हर गांव और हर कस्बे में खादी के उद्योग स्थापित हो. इसके लिए हम लोग पूरी मेहनत से लगे हुए हैं. हर एक गांव में खादी के उद्योगों से लोग स्वाबलंबी बनेंगे. उन्होंने कहा कि अंग्रेजो के खिलाफ आजादी की लड़ाई में जीत हासिल करने के लिए महात्मा गांधी ने खादी और ग्राम उद्योग पर बल दिया था. इसके साथ ही बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने चरखा चलाकर विदेशी सत्ता को चुनौती दी थी. अब हमें खुद ही युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए उद्योगों को बढ़ावा देना होगा. स्थानीय लोगों से अपील कि है कि बिहार के उत्पादकों द्वारा बनाए गए सामानों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें.

खादी मेला
खादी मेला

अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती: खादी मेले में अपने संबोधन में साहिला ने कहा कि हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और ग्रामोद्योग के सामानों का उपयोग करने से जो आनंद मिलती है. वह बड़े मशीनों में बने उत्पादों के उपयोग से नहीं मिलती है. उन्होंने कहा कि रंगभूमि मैदान में लगाए गए खादी मेले में आकर पूर्णिया के लोग खादी वस्त्रों के निर्माण की प्रक्रिया को भी समझ सकते हैं. इसीलिए यहां पर बुनकर कातिन लाइव डेमोनेस्ट्रेशन के माध्यम से ग्राहकों को समझा रहे हैं कि खादी के वस्त्र कैसे तैयार होते हैं. उन्होंने बताया कि स्कूली बच्चों के लिए भी यह बहुत ही लाभकारी है.

अधिकारियों ने बताया खादी बेहतर: इधर, बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि बिहार के खादी वाले वस्त्र आज भी कई संस्थाओं द्वारा बनाए गए खादी के वस्त्र से उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं. उन्होंने बताया कि खादी के कपड़े सर्दी में गर्मी और गर्मी में ठंडक प्रदान करते हैं. खादी का वस्त्र आपकी त्वचा के अनुकूल होता है. इसलिए हम सभी को खादी पहना चाहिए. उन्होंने बताया कि हम सब एक दिन खादी पहने या रोज खादी पहनें. खादी के वस्त्र अब ट्रेंडिंग और फैशनेबल भी हो गए हैं. अब आजकल के युवा पीढ़ी खादी पहन कर आनंदित महसूस करेंगे. वहीं स्टॉल संचालकों ने कहा कि जिला उद्योग विभाग द्वारा की गई यह पहल उनके लिए संभावनाओं से भरी हुई है. उनका कहना है कि खादी को बढ़ावा देने के लिए यह बेहतरीन अवसर है.

हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और ग्रामोद्योग के सामानों का उपयोग करने से जो आनंद मिलती है. वह बड़े मशीनों में बने उत्पादों के उपयोग से नहीं मिलती है. उन्होंने कहा कि रंगभूमि मैदान में लगाए गए खादी मेले में आकर पूर्णिया के लोग खादी वस्त्रों के निर्माण की प्रक्रिया को भी समझ सकते हैं. शाहिला, उप विकास आयुक्त

पूर्णिया में खादी मेले का आयोजन

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया स्थित रंगभूमि मैदान में 10 दिवसीय खादी मेला सह प्रदर्शनी (Khadi Mela organize In Rangbhoomi Maidan Purnea) लगाया गया है. इस मेले में 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं. इन स्टॉलों में खादी ग्रामोद्योग विभाग के 65, हैंड क्राफ्ट के 20, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और प्रधानमंत्री उद्यमी योजना के 25 स्टॉल लगाए गए हैं. इसके साथ ही अन्य स्थानीय स्टॉलों को मिलाकर 5 अन्य स्टॉल मेले की रौनक बढ़ा रहे हैं. इस आयोजन में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी और उद्योग विभाग के विशेष सचिव सहित पूर्णिया उप विकास आयुक्त साहिला और जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक भी मौजूद रहे.

खादी मेले का आयोजन: जिले में खादी मेले की उद्घाटन होते ही स्थानीय लोगों की भीड़ काफी मात्रा में यहां जुट गई. वहीं मेले में आए सभी स्टॉलों की रौनक देखते ही बन रही थी. लोगों की भीड़ के कारण पहले दिन सभी स्टॉलों का बाजार काफी अच्छा रहा. यहां आकर लोगों ने दिल खोलकर खरीदारी की है. इस अवसर पर उद्घाटन कार्यक्रम के बाद उप विकास आयुक्त साहिला ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग से गांव की अर्थव्यवस्था को गति मिलती है.

खादी से लोग बनेंगे स्वाबलंबी: जिले के हर गांव और हर कस्बे में खादी के उद्योग स्थापित हो. इसके लिए हम लोग पूरी मेहनत से लगे हुए हैं. हर एक गांव में खादी के उद्योगों से लोग स्वाबलंबी बनेंगे. उन्होंने कहा कि अंग्रेजो के खिलाफ आजादी की लड़ाई में जीत हासिल करने के लिए महात्मा गांधी ने खादी और ग्राम उद्योग पर बल दिया था. इसके साथ ही बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने चरखा चलाकर विदेशी सत्ता को चुनौती दी थी. अब हमें खुद ही युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए उद्योगों को बढ़ावा देना होगा. स्थानीय लोगों से अपील कि है कि बिहार के उत्पादकों द्वारा बनाए गए सामानों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें.

खादी मेला
खादी मेला

अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती: खादी मेले में अपने संबोधन में साहिला ने कहा कि हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और ग्रामोद्योग के सामानों का उपयोग करने से जो आनंद मिलती है. वह बड़े मशीनों में बने उत्पादों के उपयोग से नहीं मिलती है. उन्होंने कहा कि रंगभूमि मैदान में लगाए गए खादी मेले में आकर पूर्णिया के लोग खादी वस्त्रों के निर्माण की प्रक्रिया को भी समझ सकते हैं. इसीलिए यहां पर बुनकर कातिन लाइव डेमोनेस्ट्रेशन के माध्यम से ग्राहकों को समझा रहे हैं कि खादी के वस्त्र कैसे तैयार होते हैं. उन्होंने बताया कि स्कूली बच्चों के लिए भी यह बहुत ही लाभकारी है.

अधिकारियों ने बताया खादी बेहतर: इधर, बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि बिहार के खादी वाले वस्त्र आज भी कई संस्थाओं द्वारा बनाए गए खादी के वस्त्र से उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं. उन्होंने बताया कि खादी के कपड़े सर्दी में गर्मी और गर्मी में ठंडक प्रदान करते हैं. खादी का वस्त्र आपकी त्वचा के अनुकूल होता है. इसलिए हम सभी को खादी पहना चाहिए. उन्होंने बताया कि हम सब एक दिन खादी पहने या रोज खादी पहनें. खादी के वस्त्र अब ट्रेंडिंग और फैशनेबल भी हो गए हैं. अब आजकल के युवा पीढ़ी खादी पहन कर आनंदित महसूस करेंगे. वहीं स्टॉल संचालकों ने कहा कि जिला उद्योग विभाग द्वारा की गई यह पहल उनके लिए संभावनाओं से भरी हुई है. उनका कहना है कि खादी को बढ़ावा देने के लिए यह बेहतरीन अवसर है.

हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और ग्रामोद्योग के सामानों का उपयोग करने से जो आनंद मिलती है. वह बड़े मशीनों में बने उत्पादों के उपयोग से नहीं मिलती है. उन्होंने कहा कि रंगभूमि मैदान में लगाए गए खादी मेले में आकर पूर्णिया के लोग खादी वस्त्रों के निर्माण की प्रक्रिया को भी समझ सकते हैं. शाहिला, उप विकास आयुक्त

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