पटना: बिहार में महिलाओं को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भर बनाने के साथ बिहार के युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार ने कई घोषणाएं की है. जिस पर कार्य भी चल रहा है. बिहार सरकार ने बिहार के लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है. इनमें सबसे प्रमुख मुख्यमंत्री उद्यमी योजना. इसके तहत बिहार के युवा और महिला उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जानी है.
इस योजना की शुरुआत 1 मई से ही होनी थी. लेकिन बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण यह योजना प्रभावित हो गई. इसका सबसे बड़ा मुख्य कारण यह है कि कोरोना काल में उद्योग विभाग के कई बड़े अधिकारी कोरोना की चपेट में आने से उनकी मृत्यु हो गई. इस कारण कार्य में काफी बाधा उत्पन्न हुई. लेकिन विभाग द्वारा फिर से इस योजना पर काफी तेजी से कार्य किया गया और अब लगभग योजना के सभी कार्य पूरे हो चुके हैं. मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना 1 जून 2021 से लागू हो जाएगी और विभाग द्वारा सभी तैयारी हो चुकी है.
ये भी पढ़ें: सुशासन बाबू, आपके राज में कोरोना नहीं, ये प्राइवेट अस्पताल वाले मार डालेंगे
बिहार सरकार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बताया कि मुख्यमंत्री सात निश्चय संकल्प के तहत बिहार में रोजगार सृजन और आत्मनिर्भर बिहार के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना सफलतापूर्वक चल रहा है. इसी कड़ी में अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशन में उद्योग विभाग की ओर से दो योजनाएं तैयार की गई है. इस योजना के लिए कैबिनेट की स्वीकृति हो चुकी है और 400 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं.
ये भी पढ़ें: 10 अस्पतालों में 55 बेड्स के लिए जल्द होगा ऑक्सीजन का उत्पादन- शाहनवाज हुसैन
"1 जून 2021 को इन दोनों योजनाओं को लागू किया जाएगा. इस योजना के लिए पात्रता सभी वर्गों की महिलाओं के लिए और युवाओं के लिए है, जो बिहार के निवासी हो और 12वीं या इंटरमीडिएट पास हो. शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में युवा युवतियों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इन दोनों योजनाओं की शुरुआत की है. इससे वह खुद रोजगार के अवसर सृजित कर सकेंगे और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार भी दे सकेंगे": शाहनवाज हुसैन, उद्योग मंत्री, बिहार सरकार
इन दोनों योजनाओं के लिए महिलाओं और युवाओं को विभाग के पोर्टल पर जाकर इस योजना के लिए आवेदन देना होगा और उसके बाद वह इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. महिला उद्यमी योजना के तहत लाभुकों को उद्योग लगाने के लिए परियोजना लागत का 50% अधिकतम 5 लाख तक का अनुदान और 50% अधिकतम 5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा, जबकि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत परियोजना लागत का 50% अधिकतम 5 लाख तक का अनुदान और 50% अधिकतम 5 लाख तक सिर्फ 1% ब्याज सहित ऋण दिया जाएगा.
अनुसूचित जाति जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोगों को बिना किसी ब्याज के 84 किस्तों में आर्थिक सहायता में मिली हुई राशि लौटाने होगी. बिहार के सभी वर्ग के युवा युवतियों के लिए अधिकतम 10 लाख तक का लोन बिना किसी ब्याज या लगभग ना के बराबर ब्याज पर सरकार की तरफ से मुहैया कराया जाएगा, जिससे कि बिहार में नए उद्यमियों को उद्योग लगाने और आत्मनिर्भर बिहार बनाने की दिशा में यह योजना मील का पत्थर साबित होगा.